जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर द्वितीय ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को बीस साल की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने 45 वर्षीय इस अभियुक्त पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि वर्तमान समय में इस तरह की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. यदि अदालत की ओर से अभियुक्त के प्रति नरमी बरती गई तो इससे अपराधियों के हौसले बुलंद होंगे और अपराध की पुनरावृत्ति से इनकार नहीं किया जा सकता. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि दुष्कर्म के मामले में न केवल पीड़िता का शरीर, बल्कि उसका मस्तिष्क भी प्रभावित होता है और पीड़िता अवसाद में चली जाती है.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि नाबालिग पीड़िता ने 29 अक्टूबर, 2021 को कांवटिया अस्पताल में पर्चा बयान दिया था. इसमें कहा गया कि उसके माता-पिता कचरा बीनने का काम करते हैं और इस दौरान वह घर पर अकेली रहती है. रोजाना की तरह उसके माता-पिता कचरा बीनने चले गए थे. इतने में पास के कमरे में रहने वाले उसके दूर के रिश्ते में मौसा लगने वाला अभियुक्त उसे उठाकर अपने कमरे में ले गया.
पढ़ेंः पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से छेड़छाड़ करने वाले अभियुक्त को सुनाई 3 साल की सजा
यहां अभियुक्त ने उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद अभियुक्त ने उसे घटना की जानकारी देने पर जान से मारने की धमकी दी. घटना के थोड़ी देर बाद उसकी मां घर लौटी तो उसने मां को घटना की जानकारी दी. पर्चा बयान के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर अभियुक्त को गिरफ्तार किया. प्रकरण की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से एफएसएल और डीएनए रिपोर्ट अदालत में पेश की गई. जिसमें सामने आया कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म हुआ था और उसके कपड़ों पर अभियुक्त का डीएनए भी पाया गया. इस पर अदालत ने अभियोजन पक्ष की साक्ष्य और एफएसएल व डीएनए रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त को सजा सुनाई है.