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नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को सुनाई 20 साल की सजा - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम 3 ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 20 साल की सजा सुनाई है.

Jaipur POCSO court,  POCSO court sentenced
अभियुक्त को सुनाई 20 साल की सजा.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 6, 2023, 7:26 PM IST

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर प्रथम ने नाबालिग से दुष्कर्म करने और बाद में उसे शादी के लिए दूसरे व्यक्ति को सौंपने वाले अभियुक्त देवपाल को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 1 लाख 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, प्रकरण में फरार चल रहे बबलू के खिलाफ जांच लंबित चल रही है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने पीड़िता के साथ संबंध बनाकर दुष्कर्म का अपराध किया है. यदि इसमें पीड़िता की सहमति भी हो तो भी यह दुष्कर्म की श्रेणी में ही माना जाएगा, क्योंकि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने अदालत को बताया कि पीड़िता के पिता ने 26 जून 2022 को मुहाना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया कि उसकी नाबालिग बेटी 25 जून को दुकान पर सामान लेने का कहकर गई थी, लेकिन अब तक वापस नहीं लौटी है. काफी जगह तलाशने के बाद भी उसका कोई पता नहीं चला. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने हिण्डौन सिटी स्थित बबलू के घर से पीड़िता को बरामद कर अभियुक्त देवपाल को गिरफ्तार किया.

पढ़ेंः Rajasthan : कोटड़ी में नाबालिग की गैंगरेप व हत्या मामले में पुलिस ने पॉक्सो कोर्ट में 473 पेज का चालान पेश, अब 8 सितंबर को होगी सुनवाई

सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अदालत को बताया कि उसके परिजन उसे पढ़ाई के लिए डांटते थे, जिससे गुस्सा होकर वह 25 जून को घर छोड़कर चली गई. भरतपुर पहुंच कर उसने रुपए के लिए अपनी पायल बेचने के लिए देवपाल से मदद मांगी. इस पर देवपाल उसे यूपी ले गया, जहां उसने कई दिनों तक उसके साथ दुष्कर्म किया. वहीं, सात जुलाई को उसे बबलू को सौंपकर चला गया. बबलू ने उसे बिना शादी किए कई दिनों तक अपने साथ रखा और दुष्कर्म किया. पीड़िता के बयानों के आधार पर अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाई है.

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर प्रथम ने नाबालिग से दुष्कर्म करने और बाद में उसे शादी के लिए दूसरे व्यक्ति को सौंपने वाले अभियुक्त देवपाल को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 1 लाख 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, प्रकरण में फरार चल रहे बबलू के खिलाफ जांच लंबित चल रही है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने पीड़िता के साथ संबंध बनाकर दुष्कर्म का अपराध किया है. यदि इसमें पीड़िता की सहमति भी हो तो भी यह दुष्कर्म की श्रेणी में ही माना जाएगा, क्योंकि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने अदालत को बताया कि पीड़िता के पिता ने 26 जून 2022 को मुहाना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया कि उसकी नाबालिग बेटी 25 जून को दुकान पर सामान लेने का कहकर गई थी, लेकिन अब तक वापस नहीं लौटी है. काफी जगह तलाशने के बाद भी उसका कोई पता नहीं चला. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने हिण्डौन सिटी स्थित बबलू के घर से पीड़िता को बरामद कर अभियुक्त देवपाल को गिरफ्तार किया.

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सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अदालत को बताया कि उसके परिजन उसे पढ़ाई के लिए डांटते थे, जिससे गुस्सा होकर वह 25 जून को घर छोड़कर चली गई. भरतपुर पहुंच कर उसने रुपए के लिए अपनी पायल बेचने के लिए देवपाल से मदद मांगी. इस पर देवपाल उसे यूपी ले गया, जहां उसने कई दिनों तक उसके साथ दुष्कर्म किया. वहीं, सात जुलाई को उसे बबलू को सौंपकर चला गया. बबलू ने उसे बिना शादी किए कई दिनों तक अपने साथ रखा और दुष्कर्म किया. पीड़िता के बयानों के आधार पर अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाई है.

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