जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ कई बार दुष्कर्म करने के दौरान सहयोग करने वाले अभियुक्त सुमेर उर्फ सुमेरिया को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 1 लाख 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पीड़िता ने अभियुक्त पर दुष्कर्म करने का आरोप नहीं लगाया है, लेकिन इस दौरान अभियुक्त का पास खडे़ होना और सहयोग करना साबित हुआ है. ऐसे में पॉक्सो एक्ट की धारा 29 के तहत यह माना जाएगा की अभियुक्त ने दुष्कर्म किया है.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि 5 अप्रैल 2017 को पीड़िता की मां ने जोबनेर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसकी बेटी 23 मार्च 2017 को बकरी चराने गई थी, लेकिन रास्ते से एक नाबालिग और अभियुक्त सहित अन्य लोग उसे अलवर ले गए. इस दौरान नाबालिग व अन्य ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया. वहीं बाद में पीड़िता के परिजन उसे छुड़वा कर लाए.
रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड में आरोप पत्र पेश किया और अभियुक्त के खिलाफ पॉक्सो कोर्ट में चालान पेश किया गया. वहीं, पीड़िता ने अदालत को बताया कि नाबालिग और अभियुक्त उसे मोटरसाइकिल पर बैठाकर अलवर की तरफ ले गए और नाबालिग ने उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद उसे जंगल में ले जाकर भी नाबालिग ने दुष्कर्म किया. इस दौरान अभियुक्त भी वहां मौजूद रहा. इसके बाद जब उसके परिजन आए तो नाबालिग व अभियुक्त वहां से भाग गए. दूसरी ओर अभियुक्त की ओर से कहा गया कि पीड़िता ने उस पर दुष्कर्म का आरोप नहीं लगाया है और नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड दोषमुक्त कर चुका है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाई है.