ETV Bharat / state

Special : आर्थिक तंगहाली नहीं बनेगी कल की राह में रोड़ा, Parmartham तैयार करेगा भविष्य के लिए डॉक्टर-इंजीनियर

आर्थिक तंगहाली कल की राह में रोड़ा नहीं बनेगी. जयपुर में एक निजी ट्रस्ट कुछ इसी मकसद से काम कर रहा है, जो भविष्य के लिए डॉक्टर और इंजीनियर तैयार करेगा. देखिए ये रिपोर्ट...

Future Coaching for Kids from Slums
Parmartham तैयार करेगा भविष्य के लिए डॉक्टर-इंजीनियर
author img

By

Published : Apr 25, 2023, 5:34 PM IST

आर्थिक तंगहाली नहीं बनेगी कल की राह में रोड़ा

जयपुर. कहते हैं, विद्या से बड़ा कोई धन और कोई दान नहीं है. कुछ इसी मकसद से जयपुर में एक निजी ट्रस्ट प्रतिभावान बच्चों के भविष्य को संभालने की दिशा में काम कर रहा है. परमार्थम् नाम के इस ट्रस्ट में एक आईआईटियन, एक कंपनी सेक्रेटरी और एक चिकित्सक जुड़े हैं. यह लोग एंट्रेंस एग्जाम के जरिए होनहार लड़के-लड़कियों का चुनाव करते हैं और फिर उन्हें जयपुर में आवास के साथ-साथ NEET और JEE जैसी परीक्षाओं के लिए निशुल्क तैयारी करवाते हैं.

परमार्थम् का यह दूसरा साल है. बीते वर्ष इस ट्रस्ट ने 8 बच्चों को JEE की तैयारी करवाई थी और वे सभी 8 बच्चे सेलेक्ट भी हो गए. इस वर्ष इनका लक्ष्य है कि 25 लड़के और 25 लड़कियों का पूरे प्रदेश से चुनाव किया जाए और फिर आधी-आधी संख्या में उन्हें भविष्य के डॉक्टर और इंजीनियर बनने की तैयारी का मौका दिया जाए.

पढ़ें : Special : नीट यूजी परीक्षा देने वाले स्टूडेंट ने यह किया तो सफलता के बढ़ जाएंगे चांस

IIT करते हुए आया विचार और आज हो रहा सार्थक : आईआईटियन अंकुश तांबी ने अपनी प्रोफेशनल डिग्री दिल्ली आईआईटी से ली थी. इसी दौरान उन्होंने अपने आसपास गरीब, निर्धन लेकिन प्रतिभावान साथियों को देखा था, जो अक्सर छोटी-छोटी जरूरतों के लिए पैसे ना होने की वजह से मशक्कत किया करते थे. ऐसे में अंकुश ने तब ही ठान लिया था कि जब भी उन्हें ईश्वर इस लायक बनाएगा, वह विशेष रूप ग्रामीण इलाकों से ऐसे प्रतिभावान बच्चों का चयन करेंगे. जिनमें क्षमता होने के बावजूद आर्थिक तंगी उनकी राह में बाधा बन रही है.

आज जयपुर में अंकुश सॉफ्टवेयर कंपनी के रूप में स्टार्टअप शुरू कर चुके हैं और अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा इन बच्चों के भविष्य को संभालने में लगा रहे हैं. बीते कुछ दिनों से अंकुश के दफ्तर पर अलग-अलग हिस्सों से आए बच्चे परीक्षा देकर इस मौके के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. जल्द ही अंकुश एक निजी कोचिंग संस्थान की मदद से इन बच्चों को मुफ्त में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का मौका भी मुहैया कराएंगे. अंकुश बताते हैं कि गांव के साथ-साथ झुग्गी झोपड़ियों में भी काफी प्रतिभाएं हैं, लेकिन चुनौतियां भी है. कई बार देखा गया है कि इन लोगों को खुद पर यकीन नहीं होता है. वहीं, गाइडेंस के अभाव में यह लोग अक्सर ग्रैजएट कोर्सेज की ओर अपना ध्यान रखते हैं.

कोचिंग के साथ रहना-खाना भी निशुल्क : कॉमर्स बैकग्राउंड के छात्र CS संजय कुमार बताते हैं कि उनके ट्रस्ट ने इस साल 50 बच्चों को नीट और जेईई की परीक्षा दिलाने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है. इन बच्चों को जवाहर नगर में एक हॉस्टल पर निशुल्क खाने और रहने की सुविधा दी जाएगी. वहीं, गोपालपुरा स्थित एक निजी कोचिंग संस्थान से तैयारी करवाई जाएगी. वे एंट्रेंस एग्जाम के साथ-साथ इन बच्चों से उनकी पारिवारिक और आर्थिक स्थिति की जानकारी भी लेते हैं, फिर प्राथमिकता के आधार पर जरूरतमंद बच्चों को दाखिला दिलवा कर उनके सपनों को साकार करने में मदद करते हैं. परमार्थम् के कोषाध्यक्ष डॉक्टर संजय खण्डेलवाल का कहना है कि उनकी ट्रस्ट के शब्दों के अनुसार ही उनकी धारणा भी है. उनकी मंशा है कि यह बच्चे भविष्य में कोई मुकाम हासिल करने के बाद दूसरों की भलाई की ओर भी ध्यान दें. वे अपने आसपास से ऐसी ही प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए मदद करें.

नीट की तैयारी कर रही दुर्गेश और रेणू ने बताया कि वे अपने स्कूल में अध्यापकों से इस बारे में जानकारी हासिल करने के बाद जयपुर पहुंची थी. वे लोग टोंक जिले के टोडारायसिंह से आए थे. दोनों का सपना है कि भविष्य में भी डॉक्टर बने. इसी तरह से जयपुर के किशनगढ़ रेनवाल की छात्रा भी यहां एग्जाम देने पहुंची थी. वह भी नीट क्लियर करने की ख्वाहिश रखती हैं तो टोंक की सानिया भी डॉक्टर बनने का सपना लेकर जयपुर आई और आर्थिक स्थिति उनके सपनों में बाधा ना बने, इसके लिए वह यह एंट्रेंस एग्जाम दे रही है.

आर्थिक तंगहाली नहीं बनेगी कल की राह में रोड़ा

जयपुर. कहते हैं, विद्या से बड़ा कोई धन और कोई दान नहीं है. कुछ इसी मकसद से जयपुर में एक निजी ट्रस्ट प्रतिभावान बच्चों के भविष्य को संभालने की दिशा में काम कर रहा है. परमार्थम् नाम के इस ट्रस्ट में एक आईआईटियन, एक कंपनी सेक्रेटरी और एक चिकित्सक जुड़े हैं. यह लोग एंट्रेंस एग्जाम के जरिए होनहार लड़के-लड़कियों का चुनाव करते हैं और फिर उन्हें जयपुर में आवास के साथ-साथ NEET और JEE जैसी परीक्षाओं के लिए निशुल्क तैयारी करवाते हैं.

परमार्थम् का यह दूसरा साल है. बीते वर्ष इस ट्रस्ट ने 8 बच्चों को JEE की तैयारी करवाई थी और वे सभी 8 बच्चे सेलेक्ट भी हो गए. इस वर्ष इनका लक्ष्य है कि 25 लड़के और 25 लड़कियों का पूरे प्रदेश से चुनाव किया जाए और फिर आधी-आधी संख्या में उन्हें भविष्य के डॉक्टर और इंजीनियर बनने की तैयारी का मौका दिया जाए.

पढ़ें : Special : नीट यूजी परीक्षा देने वाले स्टूडेंट ने यह किया तो सफलता के बढ़ जाएंगे चांस

IIT करते हुए आया विचार और आज हो रहा सार्थक : आईआईटियन अंकुश तांबी ने अपनी प्रोफेशनल डिग्री दिल्ली आईआईटी से ली थी. इसी दौरान उन्होंने अपने आसपास गरीब, निर्धन लेकिन प्रतिभावान साथियों को देखा था, जो अक्सर छोटी-छोटी जरूरतों के लिए पैसे ना होने की वजह से मशक्कत किया करते थे. ऐसे में अंकुश ने तब ही ठान लिया था कि जब भी उन्हें ईश्वर इस लायक बनाएगा, वह विशेष रूप ग्रामीण इलाकों से ऐसे प्रतिभावान बच्चों का चयन करेंगे. जिनमें क्षमता होने के बावजूद आर्थिक तंगी उनकी राह में बाधा बन रही है.

आज जयपुर में अंकुश सॉफ्टवेयर कंपनी के रूप में स्टार्टअप शुरू कर चुके हैं और अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा इन बच्चों के भविष्य को संभालने में लगा रहे हैं. बीते कुछ दिनों से अंकुश के दफ्तर पर अलग-अलग हिस्सों से आए बच्चे परीक्षा देकर इस मौके के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. जल्द ही अंकुश एक निजी कोचिंग संस्थान की मदद से इन बच्चों को मुफ्त में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का मौका भी मुहैया कराएंगे. अंकुश बताते हैं कि गांव के साथ-साथ झुग्गी झोपड़ियों में भी काफी प्रतिभाएं हैं, लेकिन चुनौतियां भी है. कई बार देखा गया है कि इन लोगों को खुद पर यकीन नहीं होता है. वहीं, गाइडेंस के अभाव में यह लोग अक्सर ग्रैजएट कोर्सेज की ओर अपना ध्यान रखते हैं.

कोचिंग के साथ रहना-खाना भी निशुल्क : कॉमर्स बैकग्राउंड के छात्र CS संजय कुमार बताते हैं कि उनके ट्रस्ट ने इस साल 50 बच्चों को नीट और जेईई की परीक्षा दिलाने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है. इन बच्चों को जवाहर नगर में एक हॉस्टल पर निशुल्क खाने और रहने की सुविधा दी जाएगी. वहीं, गोपालपुरा स्थित एक निजी कोचिंग संस्थान से तैयारी करवाई जाएगी. वे एंट्रेंस एग्जाम के साथ-साथ इन बच्चों से उनकी पारिवारिक और आर्थिक स्थिति की जानकारी भी लेते हैं, फिर प्राथमिकता के आधार पर जरूरतमंद बच्चों को दाखिला दिलवा कर उनके सपनों को साकार करने में मदद करते हैं. परमार्थम् के कोषाध्यक्ष डॉक्टर संजय खण्डेलवाल का कहना है कि उनकी ट्रस्ट के शब्दों के अनुसार ही उनकी धारणा भी है. उनकी मंशा है कि यह बच्चे भविष्य में कोई मुकाम हासिल करने के बाद दूसरों की भलाई की ओर भी ध्यान दें. वे अपने आसपास से ऐसी ही प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए मदद करें.

नीट की तैयारी कर रही दुर्गेश और रेणू ने बताया कि वे अपने स्कूल में अध्यापकों से इस बारे में जानकारी हासिल करने के बाद जयपुर पहुंची थी. वे लोग टोंक जिले के टोडारायसिंह से आए थे. दोनों का सपना है कि भविष्य में भी डॉक्टर बने. इसी तरह से जयपुर के किशनगढ़ रेनवाल की छात्रा भी यहां एग्जाम देने पहुंची थी. वह भी नीट क्लियर करने की ख्वाहिश रखती हैं तो टोंक की सानिया भी डॉक्टर बनने का सपना लेकर जयपुर आई और आर्थिक स्थिति उनके सपनों में बाधा ना बने, इसके लिए वह यह एंट्रेंस एग्जाम दे रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.