जयपुर. ग्रेटर नगर निगम में एक साल बाद बोर्ड बैठक होगी. नवंबर 2020 में बोर्ड बनने के बाद ये चौथी बैठक होगी. जिसमें विपक्ष के साथ-साथ सत्ताधारी बीजेपी पार्षद भी विकास कार्य और सफाई व्यवस्था नहीं होने के चलते हंगामा कर सकते हैं. बोर्ड बैठक को आहूत करने के लिए मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर ने निगम आयुक्त महेन्द्र सोनी को नोटशीट लिखकर प्रस्ताव मांगे हैं. इस पर कमिश्नर ने सभी जोन उपायुक्त और अन्य उपायुक्तों से प्रस्ताव भेजने के लिए 10 मई तक का समय दिया है. 10 मई के बाद एजेंडा जारी कर सभी पार्षदों, ग्रेटर निगम क्षेत्र के विधायकों और सांसदों को बैठक के लिए सूचित किया जाएगा.
नगर पालिका अधिनियम 2009 के अनुसार नगर निगम को 60 दिन ( 2 महीने ) में एक बार बोर्ड बैठक बुलानी होती है. लेकिन ग्रेटर नगर निगम में बोर्ड बनने से लेकर अब 29 महीने महज 3 ही बैठक बुलाई गई हैं. हालांकि इस साल जनवरी में भी बजट बैठक कॉल की गई थी, लेकिन तब शहर सांसद ने लोकसभा सत्र और विधायकों ने विधानसभा सत्र का हवाला देकर बोर्ड बैठक बाद में करने के लिए कहा गया था. हालांकि अब ग्रेटर निगम में साधारण सभा की 25 मई को बैठक प्रस्तावित है. आखिरी बार बैठक पिछले साल 26 मई में हुई थी. तब महज तीन प्रस्तावों पर चर्चा की गई थी. इस बार संभावना है कि 10 से ज्यादा एजेंडे रखे जाएं.
25 मई को प्रस्तावित साधारण सभा की बैठक को लेकर सफाई समिति के चेयरमैन अभय पुरोहित ने कहा कि बोर्ड बैठक का लंबे समय से इंतजार चल रहा था. कई विकास कार्यों पर चर्चा होनी है. निगम में अधिकारी कांग्रेसीकरण करके इस बोर्ड को चला रहे थे. उनके खिलाफ अपनी बात रखने का हर एक पार्षद को मौका मिलेगा. निश्चित रूप से बैठक में नगर निगम और पार्षदों के हित की जो भी बात होगी, उसे पुरजोर तरीके से रखा जाएगा. साथ ही जयपुर की जनता को न्याय दिलाने का काम करेंगे.
उन्होंने स्पष्ट किया कि बीजेपी का प्रत्येक पार्षद एकजुट है, और नगर निगम ग्रेटर की रैंकिंग के लिए प्रतिबद्ध है. वहीं बीजेपी पार्षद आशीष शर्मा ने बताया कि बैठक में सफाई से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. फिर चाहे वह डोर टू डोर कचरा संग्रहण का मुद्दा हो या फिर निगम की ओर से लगाए गए डस्टबिन को खाली करने के बजाए डिपो बनने का. उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में सीवरेज की समस्या भी एक विकराल रूप ले चुकी है. उसकी सुनवाई नहीं हो रही है, इस बात को पुरजोर तरीके से बैठक में उठाया जाएगा.
पार्षद शक्ति प्रकाश यादव ने कहा कि बैठक के जरिए कोशिश की जाएगी कि अधिकारियों पर लगाम लगे. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी मेयर तक के काम को इग्नोर करते हैं. निगम में मेयर की सुनवाई होती तो, शायद पार्षदों की भी सुनवाई होती, लेकिन अधिकारी मनमर्जी कर रहे हैं.
बहरहाल, ग्रेटर नगर निगम के बीते दो साल विवादों से घिरे रहे. दो मर्तबा बजट पर चर्चा नहीं हो सकी. ऐसे में अब पार्षदों को उम्मीद है कि यदि साधारण सभा की बैठक होती है, तो उसमें विकास के मुद्दों पर चर्चा के साथ-साथ लंबित प्रकरणों को भी सुलझने की राह खुलेगी.