जयपुर. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में मुगल टेंट के नाम पर सभागार बनाए जाने का मामला तूल पकड़ा जा रहा (Jaipur Literature Festival 2023) है. मेवाड़ राजघराने के लक्ष्यराज के बयान के बाद शुरू हुए इस विवाद पर बीजेपी पूरी तरह हमलावर हो गई है. बीजेपी मुगल टेंट के नाम पर राज्य की गहलोत सरकार पर हमलावर हो गई है. वहीं, प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने इस मामले पर बयान दिया है. उन्होंने कहा, किसी भी नाम को लेकर विवाद नहीं करना चाहिए, विपक्ष को उनकी सोच मुबारक. हम तो कहते हैं कि सबको गले से लगाते चलो. पास में आए जो दीन-दुखी उनको हृदय से लगाते चलो. प्रेम की गंगा बहाते चलो.
किसी का नाम को लेकर विवाद नहीं करना चाहिए: शिक्षा मंत्री ने बीडी कल्ला ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा, एक तरफ तो सांस्कृतिक एकता और वसुदेव कुटुंबकम की बात करते हैं. दूसरी तरफ मुगल टेंट को लेकर विवाद खड़ा करते हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि यहां महाराणा प्रताप, मीरा, पन्नाधाय, वीर दुर्गादास और स्वतंत्रता सेनानियों का नाम लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यहां सभी जाति-धर्म के लेखक आकर बात कर रहे हैं. किसी के नाम को लेकर विवाद नहीं करना चाहिए. कल्ला ने कहा कि प्रजातंत्र-लोकतंत्र में बोलने की आजादी है जो भी लोग बोलते हैं उसके बारे में कमेंट भी कर दिए जाते हैं, लेकिन बोलने की स्वतंत्रता का अधिकार है. इसका सभी को रक्षा करनी चाहिए.
महाराणा प्रताप के वंशज लक्ष्यराज सिंह ने उठाया था मुद्दा: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के पहले दिन गुरुवार को मेवाड़ की पुनर्खोज किताब का विमोचन मुगल टेंट में किया गया था. जिसमें विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी और महाराणा प्रताप के वंशज लक्ष्यराज सिंह भी शामिल हुए थे. इस दौरान लक्ष्यराज ने कहा था कि उन्हें पता है वो मुगल टेंट में बैठे हैं. मेवाड़ के लोग काफी भोले होते हैं. यहां पर भी 2 लोग बैठे हुए हैं. उन्होंने इस दौरान एक शेर भी पढ़ा. लक्ष्यराज सिंह ने कहा, टूटने और बिखरने का चलन मांग लिया, हालात से शीशे का बदन मांग लिया, हम भी खड़े थे तकदीर के दरवाजे पर, लोग दौलत पर गिर पड़े, हमने वतन मांग लिया.
बता दें कि साहित्य के महाकुंभ में चौथे दिन चारबाग में द जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल महाकवि कन्हैया लाल सेठिया अवॉर्ड कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कला संस्कृति और शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला मौजूद रहे. कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र का शुभकामना संदेश पढ़ा गया. इस दौरान कवि, आलोचक, संपादक, अनुवादक के. सच्चिदानंद को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का 8वें महाकवि कन्हैयालाल अवॉर्ड प्रदान किया गया. के. सच्चिदानंद को सम्मान स्वरुप एक मोमेंटो और नकद 1 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई. इस दौरान जेएलएफ 2021 का महाकवि कन्हैयालाल अवार्ड भी अनामिका को प्रदान किया गया.