जयपुर. प्रदेश की 15वीं विधानसभा के नवनियुक्त विधायक अब तक अपने विधायक निधि से एक फूटी कौड़ी का भी विकास कार्य नहीं करवा पाए हैं. सरकार के गठन के सात माह से अधिक का समय गुजर जाने के बाद भी प्रदेश के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की यह स्थिति है. क्योंकि विधायक कोटे से होने वाले विकास कार्यों के लिए राज्य सरकार की ओर से यह राशि अब तक जारी ही नहीं की गई है. इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर यह राशि तत्काल जारी करने की मांग की है.
450 करोड़ रुपए के विकास कार्य अटके
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में प्रदेश में विधायक कोष से होने वाले विकास कार्य के अटके होने की बात लिखी है. साथ ही यह भी लिखा कि मौजूदा स्थिति में प्रदेश में करीब 450 करोड़ रुपए के काम अटके हुए हैं, जिससे जनप्रतिनिधियों की छवि जनता के बीच खराब हो रही है. गुलाब चंद कटारिया के अनुसार जिला कलेक्टरों को स्वीकृति जारी करने के लिए विधायक फंड का बजट कोषालय में स्थित करवाया जाए, तभी यह विकास कार्य हो पाएंगे.
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उन्होंने बताया कि सरकार की लापरवाही के कारण करीब साढे़ 400 करोड़ रुपए के विकास कार्य नहीं हो पाए हैं. कटारिया के अनुसार 15वीं विधानसभा के नवनियुक्त विधायकों की विधायक निधि की राशि अब तक राज्य सरकार ने स्वीकृत ही नहीं की है. इस कारण विधायक द्वारा अपने विधानसभा क्षेत्र में कराए जाने वाले कार्यों की स्वीकृति भी जिला परिषद द्वारा राशि के अभाव में जारी नहीं की जा रही है.
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कटारिया ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले जिन कार्यों की वित्तीय स्वीकृति जारी हो चुकी थी. वह काम भी पैसा जारी नहीं होने के कारण बीच में ही बंद कर दिए गए हैं. कटारिया के अनुसार पिछले कार्यकाल में जो विधायक थे और अब भी हैं. उनके भी कई कार्य पिछले विधायक कोष के अब तक अटके हुए हैं. जो कुल मिलाकर तकरीबन 1 हजार करोड़ रुपए के हैं.