जयपुर. प्रदेश में पर्यटन का गोल्डन वीक चल रहा है. न्यू ईयर सेलिब्रेट करने और छुट्टियां बिताने के लिए देशी-विदेशी सैलानी जयपुर पहुंच रहे हैं. आमेर महल पर्यटकों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. पर्यटकों के आने से पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी फायदा हो रहा है. नया साल सेलिब्रेट करने के लिए भी काफी संख्या में पर्यटक जयपुर पहुंच रहे हैं. पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक महेंद्र सिंह खड़गावत ने बताया कि ज्यादातर पर्यटक दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी, एमपी, मुंबई सहित अन्य राज्यों से जयपुर पहुंच रहे हैं. पिछले तीन दिन में करीब 2.31 लाख पर्यटकों ने जयपुर के तमाम पर्यटन स्थलों का दीदार किया.
महेंद्र सिंह खड़गावत ने बताया कि शीतकालीन अवकाश के चलते अच्छी संख्या में पर्यटक जयपुर पहुंच रहे हैं. नवंबर, दिसंबर और जनवरी पर्यटन का पीक सीजन रहता है. रोजाना पर्यटकों का आंकड़ा 50000 के पार हो गया है. आमेर महल में रोजाना 15-16 हजार पर्यटक पहुंच रहे हैं. जंतर-मंतर और हवामहल में 10- 12 हजार पर्यटक पहुंच रहे हैं. अल्बर्ट हॉल में 8 से 9 हजार पर्यटक रोजाना पहुंच रहे हैं.
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पर्यटकों की सुविधा का ध्यान : उन्होने बताया कि पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की ओर से पर्यटकों की सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई गई है. स्थानीय पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा है. पर्यटकों को टिकट लेने में आसानी हो इसके लिए भी अच्छी व्यवस्थाएं की गई हैं. गाइड और अन्य बेसिक फैसिलिटी उपलब्ध करवाई जा रही हैं. सफाई व्यवस्थाओं का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है. उन्होने कहा कि राजस्थान में पर्यटकों का जो बूम आया है, उसमें पुरातत्व विभाग के संग्रहालय और स्मारकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
कोरोना के बाद पर्यटकों की संख्या में इजाफा : महेंद्र सिंह खड़गावत ने बताया कि कोरोना के बाद इस बार देसी-विदेशी पर्यटकों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है. राजस्थान के लिए यह बहुत ही शुभ संकेत है. ट्रैफिक की थोड़ी परेशानी हो रही है, जिसके समाधान को लेकर भी प्रयास किए जा रहे हैं. जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, जैसलमेर समेत सभी जगह पर पर्यटकों की संख्या में इस साल इजाफा हुआ है. पर्यटकों के आने से काफी लोगों को रोजगार मिल रहा है. आगामी दिनों में कई फेस्टिवल आने वाले हैं. फेस्टिवल्स को लेकर भी पर्यटन विभाग की ओर से तमाम तैयारियां की जा रही हैं.
पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को फायदा : टूरिस्ट गाइड महेश कुमार शर्मा ने बताया कि 2024 के स्वागत के लिए गुलाबी नगरी तैयार है. इस बार काफी संख्या में पर्यटक जयपुर पहुंच रहे हैं. आमेर महल में 5 से 6 हजार पर्यटक विजिट करते थे, इस समय वह संख्या 15000 के पार पहुंच गई है. पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को फायदा हो रहा है. नए साल पर उम्मीदें की जा रही है कि पर्यटक बहुत अच्छी संख्या में पहुंचेंगे.
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यहां की कला और संस्कृति की जमकर तारीफ : सैलानी जयपुर के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों पर घूम कर एंजॉय कर रहे हैं. जयपुर के ऐतिहासिक पर्यटक स्थलों पर विजिट करने पहुंचे सैलानियों ने यहां की कला और संस्कृति की जमकर तारीफ की. पर्यटकों ने कहा कि जयपुर में किले, कला और संस्कृति के साथ इतिहास को संजो कर रखा गया है. प्राचीन स्मारकों के इतिहास को जानकर पर्यटक बेहद रोमांचित हुए.
ज्यादातर होटल हुए फुल : ज्यादा पर्यटक आने से जयपुर शहर में लगभग होटल्स फुल हो गए हैं. जिन होटल्स और रिसॉर्ट में 5 से 6 हजार रुपये में कमरे मिल जाते थे, वहां अब 20 से 25 हजार रुपए कीमत पहुंच चुकी है. 5 जनवरी तक होटल्स की बुकिंग फुल बताई जा रही है.
सैगवे राइड बनी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र : राजस्थान में सबसे ज्यादा पर्यटक विश्व प्रसिद्ध आमेर महल में घूमने के लिए पहुंच रहे हैं. क्रिसमस पर काफी संख्या में पर्यटकों की भीड़ देखने को मिली. आमेर महल में सैगवे राइड पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. सैगवे राइड के मैनेजर पृथ्वी सिंह ने बताया कि पर्यटकों को सैगवे राइड काफी पसंद आ रही है. बच्चे और बड़े सभी सैगवे राइड कर रहे हैं.
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वाहनों के जाम की परेशानी : काफी संख्या में पर्यटकों के आने से जयपुर शहर में कई जगह पर जाम की स्थितियां देखने को मिल रही है. छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़, जल महल और चांदपोल समेत आमेर की सड़कों पर वाहनों का जाम देखने को मिल रहा है. जल महल से आमेर तक वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई नजर आई. ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को यातायात सुचारू करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.
वन्यजीवों के देखने पहुंचे पर्यटक : झालाना लेपर्ड सफारी, आमागढ़ लेपर्ड सफारी और नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में भी पर्यटकों की भीड़ नजर आई. काफी संख्या में पर्यटक भ्रमण करने पहुंच रहे हैं. वन्यजीवों की अठखेलियां और प्राकृतिक जगह ने पर्यटकों को रोमांचित कर दिया. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों के रहन-सहन और खान-पान संबंधित जानकारियां भी पर्यटकों को दी गई.