जयपुर. जनवरी 2019 में जयपुर नगर निगम के 5वें बोर्ड में भी महापौर का उपचुनाव हुआ था. उस वक्त बीजेपी से बागी होकर महापौर का चुनाव लड़ने वाले विष्णु लाटा को कांग्रेस ने अपना समर्थन दिया और उन्होंने एक वोट से जीत दर्ज कर बाजी भी मारी (Greater Nigam Mayor Byelection). उस वक्त भी प्रदेश में कांग्रेस सरकार ही थी और कांग्रेस के इसी कार्यकाल में ये दूसरा मौका है, जब नगर निगम में महापौर पद पर उपचुनाव हो रहे हैं. अब इसे ग्रेटर नगर निगम का पहला बोर्ड कहें या जयपुर नगर निगम का छठा बोर्ड. काफी चिंतन मनन के बाद कांग्रेस भाजपा ने अपनी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की.
इससे पहले नाटकीय घटनाक्रम में ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय में रिटर्निंग अधिकारी एडीएम शंकर लाल सैनी और सहायक रिटर्निंग अधिकारी विष्णु कुमार गोयल महापौर के दावेदारों के नामांकन का इंतजार करते देखे गए, लेकिन अब तक कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही महापौर पद पर अपने नाम घोषित नहीं किए थे. जबकि आज दोपहर 3:00 बजे तक ही नामांकन होने थे. ऐसे में दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रदेश कार्यालयों पर मंथन का दौर जारी था. भाजपा ने रश्मि सैनी को तो कांग्रेस ने वॉर्ड नंबर 74 से हेमा सिंघानिया को फाइनल किया.
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कांग्रेस में हेमा सिंघानिया और ममता यादव के नाम पर मंथन चल रहा था. वहीं बीजेपी में गुटबाजी की चर्चाओं के बीच जहां कांग्रेस इसका फायदा उठाने की कोशिश में है. बीजेपी प्रशिक्षण शिविर के नाम पर पार्षदों की बाड़ाबंदी कर फूंक-फूंक कर कदम रख रही थी, ताकि 2019 में हुए विष्णु लाटा प्रकरण दोहराया न जा सके.