जयपुर. जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने मेडिकल काॅलेजों को कोविड टीकाकरण के बाद संभावित प्रतिकूल घटनाओं (एईएफआई) से निपटने के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने कहा है कि इसके लिए प्रभावी निगरानी तंत्र विकसित किया जाएगा, जिसकी निगरानी के लिए मेडिकल कॉलेजों को जिम्मेदारी होगी. कलेक्टर ने सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में कोविड टास्क फोर्स और एईएफआई संबंधी बैठक में अधिकारियों से चर्चा की.
नेहरा ने कहा कि कोविड टीकाकरण के लिए तैयारी की जा रही है. सबसे पहले मेडिकल काॅलेज और बड़े अस्पतालों के माध्यम से टीकाकरण करवाया जाना प्रस्तावित है. उसमें टीकाकरण के तुरंत बाद होने वाला प्रभाव भी प्रमुख घटक है, जिसकी निगरानी के लिए मेडिकल काॅलेजों को जिम्मेदारी दी गई है. मेडिकल काॅलेज इसकी निगरानी के लिए प्रभावी व्यवस्था बनाए, ताकि कहीं किसी के कोई समस्या नहीं हो.
पढ़ें: Exclusive : राजस्थान में कोरोना के 'अंत' का काउंटडाउन शुरू! यहां रखी जाएंगी 10 लाख वैक्सीन
उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को केन्द्र एवं राज्य सरकार के निर्देशो के अनुसार आधारभूत संरचना तैयार रखने के निर्देश दिए. उन्होंने निजी अस्पतालों को कोविड टीकाकरण के लिए पेरा मेडिकल स्टाॅफ की सूचना संबंधित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दो दिन में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. टीकाकरण के दौरान संबंधित अस्पताल में बेड रिजर्व रखने के निर्देश दिए. इससे पूर्व चिकित्सा विभाग की टीम ने प्रस्तावित टीकाकरण की गाइड लाइंस, टीकाकरण टीम एवं टीके के रखरखाव से जुड़ी अन्य आवश्यकताओं का प्रस्तुतीकरण दिया.
पढ़ें: राजस्थान में सबसे पहले इन लोगों को लगेगा कोरोना वैक्सीन का टीका... जानें कैसी है तैयारी
पल्स पोलियो टीकाकरण 17 जनवरी को...
जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने पल्स पोलियो टास्क फोर्स की बैठक में पोलियो टीकाकरण दिवस की तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि 17 जनवरी, 2021 को 5 वर्ष तक के सभी बालक-बालिकाओं को पोलियो टीका लगाया जाएगा. उसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सभी संबंधित विभागों के कार्मिकों की ड्यूटी लगाकर तय समय पर प्रशिक्षित कर दें. उन्होंने 5 वर्ष तक के सभी बच्चों के टीका लगवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.