जयपुर. राजधानी के हेरिटेज नगर निगम में अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा के खिलाफ कांग्रेस की ही महापौर के साथ ही उनके समर्थक पार्षदों ने इस्तीफे दिए हैं और 6 दिनों से धरने पर बैठे हैं. इस मामले में महापौर मुनेश गुर्जर को धरने पर बैठे पार्षदों समेत कांग्रेस के वार रूम में तलब किया गया. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी रंधावा ने भी महापौर समेत सभी पार्षदों को दो टूक कह दिया है कि पहले वह अपना धरना वापस लें उसके बाद ही किसी तरीके की कार्रवाई की जाएगी.
बैकफुट पर दिख रहीं महापौरः पार्टी के रवैया को देखते हुए महापौर भी बैकफुट पर है और संभव है कि वह जल्द ही अपना धरना समाप्त कर दें, हालांकि अभी अंतिम निर्णय होना बाकी है. मंत्री महेश जोशी महापौर के साथ और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, विधायक रफीक खान और अमीन कागजी धरने के खिलाफ हैं. जयपुर नगर निगम हेरिटेज में महापौर और पार्षद अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा के खिलाफ लामबंद हैं. अब यह साफ हो गया है कि इस लड़ाई में कांग्रेस के ही जयपुर के मंत्री और विधायक आपस में बंट गए हैं. जहां मंत्री महेश जोशी महापौर मुनेश गुर्जर और धरने पर बैठे पार्षदों के साथ हैं तो वही मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, विधायक रफीक खान और विधायक अमीन कागजी इस धरने पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
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रंधावा से मिले खाचरियावास व महेश जोशीः मतलब साफ है कि दिखने में भले ही यह लड़ाई महापौर वर्सेस नगर निगम अधिकारियों के बीच दिखाई दे रही हो लेकिन असल में यह लड़ाई कांग्रेस के ही दो खेमे में बैठे मंत्रियों और विधायकों के बीच हैं. जिसमें फिलहाल मंत्री महेश जोशी अकेले दिखाई दे रहे हैं. मंत्री प्रताप सिंह, विधायक रफीक खान और अमीन कागजी एकसाथ जाकर प्रभारी रंधावा से मिले और अपनी बात रखी. वहीं मंत्री महेश जोशी अलग से पहुंचे और अपनी बात रखकर निकल गए. बाद में जब महापौर और पार्षद निकले तो भी महेश जोशी उनसे बात करने कांग्रेस वार रूम में पहुंचे. यह साफ बता रहा है कि यह झगड़ा महापौर, पार्षद वर्सेस अधिकारियों का कम और कांग्रेस के नेताओं में आपसी ज्यादा है.
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हमारी संयुक्त लड़ाई है-मुनेश गुर्जरः कांग्रेस की ही महापौर और कांग्रेस के ही मंत्री विधायक अब आमने सामने हो चुके हैं. मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि यह मामला हमारे परिवार का है और हम चारो मंत्री और विधायक मिलकर इसे सुलझा लेंगे. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया की महापौर और पार्षदों ने हमें बिना बताए और बिना संगठन की परमिशन से यह धरना दिया और इस्तीफे दिए हैं. धरने पर मौजूद पार्षदों की संख्या पर सवाल उठाते हुए मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि धरने में शामिल पार्षदों की संख्या कम है. जबकि धरने से बाहर मौजूद कांग्रेस पार्षदों की संख्या ज्यादा. इस बात का महापौर मुनेश गुर्जर ने भी जवाब दिया और कहा कि हमारी लड़ाई संयुक्त लड़ाई है. हमने हमारे संगठन मंत्रियों और विधायकों के संज्ञान में भी डरने की बात रखी थी. जहां तक बात पार्षदों के धरने में शामिल होने की है. पार्षद हमारे समर्थन में थे और अधिकारी से परेशान थे, इसीलिए 51 पार्षदों ने अपना इस्तीफा दिया है. अब धरने से भले ही वह दबाव के चलते अलग हुए हों, लेकिन जिन पार्षदों ने इस्तीफा दिया है वह सब हमारे साथ हैं.