जयपुर. फागन के खोनागोरियां थाना इलाके में सुबह हुई हॉकर की हत्या के बाद स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी हुई है. वारदात के बाद गुस्साई भीड़ ने पुलिस थाने का घेराव किया. साथ ही जगतपुरा बाइपास पर जाम लगा दिया. पुलिस के आला अधिकारी भीड़ से समझाइश का प्रयास कर रहे थे. तभी पूर्व विधायक कैलाश वर्मा अपने समर्थकों के साथ खोनागोरियां थाने पहुंचे.
इस दौरान उन्होंने पुलिसकर्मियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अब फैसला हम करेंगे और साथ ही कोई भी पुलिसकर्मी बल का प्रयोग नहीं करेगा. इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने कैलाश वर्मा के जयकारे लगाने शुरू कर दिए और फिर खोनागोरियां थाने के अंदर टेंट लगाने का प्रयास किया. इस पर जब पुलिसकर्मियों ने भीड़ को टेंट लगाने से रोका तो भीड़ उग्र हो गई और भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया.
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इस दौरान उग्र भीड़ ने पुलिसकर्मियों और पुलिस थाने पर पथराव किया जिसमें अनेक लोग चोटिल हुए. लाठीचार्ज और पथराव के चलते पूर्व विधायक कैलाश वर्मा भी चोटिल हो गए. जिन्हें उनके समर्थक तुरंत एसएमएस अस्पताल लेकर पहुंचे. वहीं लाठीचार्ज और पथराव के बाद इलाके में तनाव की स्थिति लगातार बनी हुई है और पुलिस के आला अधिकारी लोगों से समझाइश का प्रयास करने में जुटे हुए हैं.
हॉकर की हत्या के बाद उपजे विवाद का कवरेज कर रहे कैमरामेन के साथ पुलिसकर्मियों ने की मारपीट
राजधानी के खोनागोरियां थाना इलाके में हॉकर की हत्या के बाद उपजे विवाद की कवरेज करने पहुंचे एक कैमरामैन के साथ पुलिसकर्मियों की ओर से मारपीट करने का मामला सामने आया है. पीड़ित अनिल शर्मा ने बताया कि जब वह फोटो क्लिक कर रहे थे उसी दौरान पुलिसकर्मियों ने उनका कैमरा छीन लिया और उनके साथ बदसलूकी की. जब उन्होंने पुलिसकर्मियों को अपना परिचय दिया तो उसके बाद पुलिसकर्मियों ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया और साथ ही मारपीट करते हुए जीप में बिठा दिया.
जानकारी के अनुसार यही नहीं जब पीड़ित ने मदद के लिए अपने अन्य साथियों को आवाज लगाई तो पुलिसकर्मियों ने उनका मुंह बंद कर दिया और साथ ही जीप का कपड़ा डाल दिया, ताकि उन्हें कोई देख ना सके. पीड़ित ने बताया कि इसके बाद उसे लेकर पुलिसकर्मी कई किलोमीटर तक घूमते रहे और चलती जीप में ही मारपीट करते रहे. इस दौरान पीड़ित के कपड़े भी फट गए.
बता दें कि जब अन्य पत्रकार साथियों ने पुलिस की जीप का पीछा कर उसे रुकवाया तब जाकर पुलिसकर्मियों ने पीड़ित कैमरामैन को छोड़ा. पुलिस के आला अधिकारियों की दखलंदाजी के बाद ही पीड़ित को छोड़ा गया. वहीं इस घटनाक्रम के बाद पुलिस के आला अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं.