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बीसलपुर से भरा जाएगा आमेर का मावठा सरोवर

जयपुर के आमेर महल की तलहटी पर बना मावठा सरोवर को बीसलपुर बांध के पानी से भरा जाएगा. भराव क्षमता पूरी होने के बाद अब बीसलपुर बांध के दो गेट खोल कर पानी की निकासी की जाएगी. बीसलपुर बांध ऑवरफ्लो होने के बाद से बांध के पानी को मावठा सरोवर में भरने की मांग तेज हो गई थी.

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Published : Aug 21, 2019, 11:23 AM IST

जयपुर. राजधानी के आमेर महल की तलहटी पर बना मावठा सरोवर को बीसलपुर बांध के पानी से भरा जाएगा. इसको लेकर विभागीय अधिकारी कार्ययोजना बनाने में जुट गए हैं. इस बीच प्रमुख सचिव संदीप वर्मा ने इसको लेकर चीफ इंजीनियरों को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए है. बता दें कि बीसलपुर बांध अवरफ्लो होने के बाद से बांध के पानी को मावठा सरोवर में भरने की मांग तेज हो गई थी.

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बताया जा रहा है कि टोंक जिले में स्थित बिसलपुर बांध पूरी तरह से भर गया है. भराव क्षमता पूरी होने के बाद अब बीसलपुर बांध के दो गेट खोल कर पानी की निकासी की जाएगी. जयपुर के आमेर महल की तलहटी पर बना मावठा सरोवर इस बार खाली हो गया है. यह स्थान न केवल महल की सुंदरता को बढ़ाता है. बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है. मावठे के ऊपर बने अतिक्रमण के चलते पानी की आवक नहीं हो पाई है, जिससे मावठा खाली हो गया है. जिसके बाद से मावठे में बीसलपुर बांध के पानी से भरने की मांग उठने लगी थी. इसके बाद जलदाय मंत्री बीडी कल्ला के आदेश के बाद प्रमुख सचिव संदीप वर्मा ने इंजीनियरों को कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं.

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इस कार्य योजना का प्रारूप इस प्रकार से तैयार हो, जिससे कि आमेर शहर में पेयजल की समस्या नहीं हो. और मावठे को भी पानी उपलब्ध कराया जा सके. मानबाग से आमिर को बीसलपुर का पानी मिलने के बाद 15 से 20 लाख यूनिट पानी मावठा में छोड़ा जा सकता है. ऐसे में 3 महीने में पूरा मावठा भर सकता है. दरअसल पिछले कांग्रेस सरकार के कर्यकाल में 2011 में बह्मपुरी पंपिंग स्टेशन से मावठे तक 250mm व्यास की पाइप लाइन डालकर मावठे को भरा गया था. इसके बाद 2015-16 में आमेर में पानी की समस्या को देखते हुए इस लाइन को बद्रीनाथ और नौलखा पंप हाउस को जोड़कर पेयजल की सप्लाई की गई थी. इसके बाद से मावठा में पानी डालना बंद कर दिया था गया था. लेकिन एक बार फिर बीसलपुर बांध लबालब भरने के बाद मावठे को भरने पर मंथन शुरू हो गया है.

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बताया जा रहा है कि आमेर मावठे में पानी भरने के बाद महल की खूबसूरती, तो बढ़ेगी ही साथ में पर्यटकों को भी बढ़ावा मिलेगा. बिसपलुर प्रोजेक्ट से 7 दिन तक 20 लाख लीटर पानी से मावठा को भरा जा सकता है. हालांकि मावठे को बिसपलुर के पानी से भरने लेकर आपत्तियां भी है. क्योंकि पीने का ट्रीटेड पानी सरोवर में क्यों डाला जाए. 1000 लीटर पानी पर ₹18 खर्च होते हैं. ऐसे में जलदाय विभाग पेयजल के लिए मावठे को भरने के खिलाफ है . ऐसे में ब्रहमपुरी ट्रीटमेंट प्लांट और जल महल से पानी ट्रीटमेंट करके भी मावठा में पानी दिया जा सकता है. इसको लेकर भी जल संसाधन विभाग जिला प्रशासन को ज्ञापन देंगे.

जयपुर. राजधानी के आमेर महल की तलहटी पर बना मावठा सरोवर को बीसलपुर बांध के पानी से भरा जाएगा. इसको लेकर विभागीय अधिकारी कार्ययोजना बनाने में जुट गए हैं. इस बीच प्रमुख सचिव संदीप वर्मा ने इसको लेकर चीफ इंजीनियरों को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए है. बता दें कि बीसलपुर बांध अवरफ्लो होने के बाद से बांध के पानी को मावठा सरोवर में भरने की मांग तेज हो गई थी.

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बताया जा रहा है कि टोंक जिले में स्थित बिसलपुर बांध पूरी तरह से भर गया है. भराव क्षमता पूरी होने के बाद अब बीसलपुर बांध के दो गेट खोल कर पानी की निकासी की जाएगी. जयपुर के आमेर महल की तलहटी पर बना मावठा सरोवर इस बार खाली हो गया है. यह स्थान न केवल महल की सुंदरता को बढ़ाता है. बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है. मावठे के ऊपर बने अतिक्रमण के चलते पानी की आवक नहीं हो पाई है, जिससे मावठा खाली हो गया है. जिसके बाद से मावठे में बीसलपुर बांध के पानी से भरने की मांग उठने लगी थी. इसके बाद जलदाय मंत्री बीडी कल्ला के आदेश के बाद प्रमुख सचिव संदीप वर्मा ने इंजीनियरों को कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं.

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इस कार्य योजना का प्रारूप इस प्रकार से तैयार हो, जिससे कि आमेर शहर में पेयजल की समस्या नहीं हो. और मावठे को भी पानी उपलब्ध कराया जा सके. मानबाग से आमिर को बीसलपुर का पानी मिलने के बाद 15 से 20 लाख यूनिट पानी मावठा में छोड़ा जा सकता है. ऐसे में 3 महीने में पूरा मावठा भर सकता है. दरअसल पिछले कांग्रेस सरकार के कर्यकाल में 2011 में बह्मपुरी पंपिंग स्टेशन से मावठे तक 250mm व्यास की पाइप लाइन डालकर मावठे को भरा गया था. इसके बाद 2015-16 में आमेर में पानी की समस्या को देखते हुए इस लाइन को बद्रीनाथ और नौलखा पंप हाउस को जोड़कर पेयजल की सप्लाई की गई थी. इसके बाद से मावठा में पानी डालना बंद कर दिया था गया था. लेकिन एक बार फिर बीसलपुर बांध लबालब भरने के बाद मावठे को भरने पर मंथन शुरू हो गया है.

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बताया जा रहा है कि आमेर मावठे में पानी भरने के बाद महल की खूबसूरती, तो बढ़ेगी ही साथ में पर्यटकों को भी बढ़ावा मिलेगा. बिसपलुर प्रोजेक्ट से 7 दिन तक 20 लाख लीटर पानी से मावठा को भरा जा सकता है. हालांकि मावठे को बिसपलुर के पानी से भरने लेकर आपत्तियां भी है. क्योंकि पीने का ट्रीटेड पानी सरोवर में क्यों डाला जाए. 1000 लीटर पानी पर ₹18 खर्च होते हैं. ऐसे में जलदाय विभाग पेयजल के लिए मावठे को भरने के खिलाफ है . ऐसे में ब्रहमपुरी ट्रीटमेंट प्लांट और जल महल से पानी ट्रीटमेंट करके भी मावठा में पानी दिया जा सकता है. इसको लेकर भी जल संसाधन विभाग जिला प्रशासन को ज्ञापन देंगे.

Intro:
जयपुर

बिसलपुर बांध के पानी से भरा जाएगा आमेर महल का मावठा , अधिकारी जुटे कार्ययोजना बनाने में

एंकर:- आमेर महल की तलहटी की पर बना मावठा सरोवर को अब बीसलपुर बांध के पानी से भरा जाएगा , इसको लेकर विभागीय अधिकारी कार्ययोजना बनाने में जुट गए है , प्रमुख सचिव संदीप वर्मा ने इसको लेकर चीफ इंजीनियरों को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए है । बीसलपुर बांध अवरफ्लो होने के बाद बांध के पानी मावठा सरोवर को भरने की मांग तेज हो गई थी ।


Body:VO:- टोंक जिले में स्थित बिसलपुर बांध पूरी तरीके से भर गया है भराव क्षमता पूरी होने के बाद अब बीसलपुर बांध के दो गेट खोल के पानी की निकासी की जा रही है , लेकिन जयपुर के आमेर महल की तलहटी पर बना मावठा सरोवर जो न केवल महल की सुंदरता को बढ़ाता है बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है , इस बार खाली रह गया , मावठे के ऊपर बने अतिक्रमण के चलते पानी की आवक नहीं हो पाई जिससे मावठा खाली रह गया , लेकिन अब मावठे में बीसलपुर बांध के पानी को लाने की मांग उठने लगी थी , इसके बाद जलदाय मंत्री बीडी कल्ला के निर्देश के बाद प्रमुख सचिव संदीप वर्मा इंजीनियरों को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं इस कार्य योजना का प्रारूप इस प्रकार से तैयार हो जिससे कि आमेर शहर में पेयजल की समस्या नहीं हो और मावठे को भी पानी उपलब्ध कराया जा सके , मानबाग से आमिर को बीसलपुर का पानी मिलने के बाद 15 से 20 लाख यूनिट पानी मावठा में छोड़ा जा सकता है , ऐसे में 3 महीने में पूरा मावठा भर सकता है , शहर के जनप्रतिनिधियों व आम जनता के विचार जानने के बाद अंतिम फैसला लेंगे , दरअसल पिछले कांग्रेस सरकार ने 2011 में बह्मपुरी पंपिंग स्टेशन से मावठे तक 250mm व्यास की पाइप लाइन डालकर मावठे को पानी से भरा गया था , 2015-16 में आमेर में पानी की समस्या को देखते हुए इस लाइन को बद्रीनाथ व नौलखा पंप हाउस की जोड़कर पेयजल सप्लाई से जोड़ा गया था , इसके बाद मावठा में पानी डालना बंद कर दिया था , लेकिन एक बार फिर बीसलपुर बांध लबालब भरने के के बाद मावठे को भरने पर मंथन शुरू हो गया है ,




Conclusion:VO:- आमेर मावठे में पानी भरने के बाद महल की खूबसूरती तो बढ़ेगी साथ ही पर्यटकों को भी बढ़ावा मिलेगा , मौजूदा स्थिति के अनुसार बीसलपुर प्रोजेक्ट से मावठे को भरने के लिए पानी दिया जाए तो पेयजल संकट भी नहीं होगा और पर्यटकों को बढ़ावा मिलेगा , बिसपलुर प्रोजेक्ट से 7 दिन तक 20 लाख लीटर पानी देखकर मावठा भरा जा सकता है , हालांकि मावठे को बिसपलुर के पीने के पानी से भरने लेकर आपत्तियां भी है , क्योंकि पीने का ट्रीटेड पानी सरोवर में क्यों डाला जाए , 1000 लीटर पानी पर ₹18 खर्च होते हैं , बिसपलुर प्रोजेक्ट से पानी पर ₹18 किलो मीटर का खर्चा हो रहा है तथा जलदाय विभाग पेयजल से मावठे को भरने के खिलाफ है , ऐसे में ब्रहमपुरी ट्रीटमेंट प्लांट या जल महल से पानी तक ट्रीटमेंट करके भी पानी मावठा को दिया जा सकता है , इसको लेकर भी जल संसाधन विभाग जिला प्रशासन को ज्ञापन देंगे ,
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