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आचार संहिता के चलते सादगी से मनाया गया जयपुर का 296वां स्थापना दिवस, मेयर ने गंगापोल गेट पर की पूजा-अर्चना - jaipur latest news

गुलाबी नगरी जयपुर शनिवार को अपना 296वां स्थापना दिवस मना रहा है. जयपुर के पूर्व महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने 18 नवंबर 1727 को जयपुर शहर की स्थापना की थी.अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध जयपुर की नींव गंगापोल गेट पर रखी गई थी.

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जयपुर का 296वां स्थापना दिवस
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 18, 2023, 7:22 PM IST

जयपुर का 296वां स्थापना दिवस

जयपुर. भोर बनारस, प्रयाग दोपहरी, शाम अवध, रात बुंदेलखंडी एक साथ चार शहरों की खूबी रखने वाला जयपुर आज अपना स्थापना दिवस मना रहा है. ऐतिहासिक जयपुर नगरी (18 नवंबर) 296 साल की हो गई है. रियासतों से शुरू हुआ इसका इतिहास आज मेट्रो और स्मार्ट सिटी में बदल चुका है, लेकिन फिर भी यहां आज भी वही किले, महल और रास्ते इसकी विरासत को समेटे हुए हैं. यही वजह है कि जयपुर की विरासत देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर है.

जयपुर में अब दो नगर निगम हो गए हैं, लेकिन जयपुर की असल विरासत का गुणगान परकोटे से ही किया जा सकता है. यही वजह है कि शनिवार को ग्रेटर नगर निगम की महापौर गंगापोल गेट पहुंची और यहां पूजा-अर्चना की. इस दौरान जयपुर वासियों को जयपुर की स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर ने कहा कि आज जयपुर 296 साल का हो गया है. छोटी काशी जयपुर की स्थापना दिवस पर प्रथम पूज्य गणेश जी महाराज की पूजा अर्चना कर, जहां जयपुर की नींव रखी गई थी उस गंगापोल गेट पर विराजमान भगवान गणेश की आराधना की गई. इसके बाद जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी के सामने जयपुर की उन्नति और खुशहाली की कामना की. साथ ही स्टेच्यू सर्किल पर जयपुर के संस्थापक सवाई जयसिंह द्वितीय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई.

पढ़ें:Special: राजस्थान के गौरवशाली इतिहास में जयपुर ने भरे थे रंग,तब जाकर बना था वीर भूमि की राजधानी

मेयर ने की पूजा-अर्चना: महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि जयपुर आज भले ही दो भागों में बंट गया हो, लेकिन आत्मा एक है. यहां जात-पात, संप्रदाय का भेद नहीं है और सभी का आदर सम्मान करने का भाव है. सभी मिलकर जयपुर को स्वच्छ शहर बनाने के लिए अपना योगदान दें. वहीं उन्होंने कहा कि अभी लोकतंत्र का महापर्व चल रहा है. 25 नवंबर को मतदान होना है, ऐसे में सभी इस लोकतंत्र के महापर्व में जरूर मतदान करें.

सवाई जयसिंह द्वितीय के स्मारक पर दी पुष्पांजलि: इससे पहले अपने चुनाव प्रचार से दूर विद्याधर नगर से बीजेपी प्रत्याशी दीया कुमारी अपने पूर्वज सवाई जयसिंह द्वितीय के स्मारक पर पुष्प अर्पित करने पहुंची. इस दौरान उन्होंने कहा कि ये उनके लिए गर्व की बात है कि सवाई जयसिंह द्वितीय उनके पूर्वज थे. उन्होंने बताया कि जयपुर एक प्लांड सिटी थी. उस दौर में जो निर्माण किए गए थे, वो आज भी परकोटा क्षेत्र में विद्यमान है. वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखते हुए जयपुर को बसाया गया था. जब जयपुर बसा तब पूरे देश भर से अलग-अलग समाज के लोगों को यहां लाया गया. इसी वजह से यहां हर समाज का प्रतिनिधित्व मिलता है.

टाउन प्लानिंग के साथ हो विस्तार: दीया कुमारी ने कहा कि पापुलेशन बढ़ेगी तो विस्तार भी होगा. ये अच्छी बात है, लेकिन विस्तार टाउन प्लानिंग के साथ हो. बिना प्लान के कोई भी विस्तार होने से व्यवस्थाएं सही नहीं रहती. इसके साथ ही जो विस्तार हो रहा है, उसमें भी जयपुर के आर्किटेक्चर को साथ लेकर चलना चाहिए, लेकिन बीते 5 साल में कांग्रेस ने शहर में बुरा हाल कर दिया है.

जयपुर का 296वां स्थापना दिवस

जयपुर. भोर बनारस, प्रयाग दोपहरी, शाम अवध, रात बुंदेलखंडी एक साथ चार शहरों की खूबी रखने वाला जयपुर आज अपना स्थापना दिवस मना रहा है. ऐतिहासिक जयपुर नगरी (18 नवंबर) 296 साल की हो गई है. रियासतों से शुरू हुआ इसका इतिहास आज मेट्रो और स्मार्ट सिटी में बदल चुका है, लेकिन फिर भी यहां आज भी वही किले, महल और रास्ते इसकी विरासत को समेटे हुए हैं. यही वजह है कि जयपुर की विरासत देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर है.

जयपुर में अब दो नगर निगम हो गए हैं, लेकिन जयपुर की असल विरासत का गुणगान परकोटे से ही किया जा सकता है. यही वजह है कि शनिवार को ग्रेटर नगर निगम की महापौर गंगापोल गेट पहुंची और यहां पूजा-अर्चना की. इस दौरान जयपुर वासियों को जयपुर की स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर ने कहा कि आज जयपुर 296 साल का हो गया है. छोटी काशी जयपुर की स्थापना दिवस पर प्रथम पूज्य गणेश जी महाराज की पूजा अर्चना कर, जहां जयपुर की नींव रखी गई थी उस गंगापोल गेट पर विराजमान भगवान गणेश की आराधना की गई. इसके बाद जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी के सामने जयपुर की उन्नति और खुशहाली की कामना की. साथ ही स्टेच्यू सर्किल पर जयपुर के संस्थापक सवाई जयसिंह द्वितीय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई.

पढ़ें:Special: राजस्थान के गौरवशाली इतिहास में जयपुर ने भरे थे रंग,तब जाकर बना था वीर भूमि की राजधानी

मेयर ने की पूजा-अर्चना: महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि जयपुर आज भले ही दो भागों में बंट गया हो, लेकिन आत्मा एक है. यहां जात-पात, संप्रदाय का भेद नहीं है और सभी का आदर सम्मान करने का भाव है. सभी मिलकर जयपुर को स्वच्छ शहर बनाने के लिए अपना योगदान दें. वहीं उन्होंने कहा कि अभी लोकतंत्र का महापर्व चल रहा है. 25 नवंबर को मतदान होना है, ऐसे में सभी इस लोकतंत्र के महापर्व में जरूर मतदान करें.

सवाई जयसिंह द्वितीय के स्मारक पर दी पुष्पांजलि: इससे पहले अपने चुनाव प्रचार से दूर विद्याधर नगर से बीजेपी प्रत्याशी दीया कुमारी अपने पूर्वज सवाई जयसिंह द्वितीय के स्मारक पर पुष्प अर्पित करने पहुंची. इस दौरान उन्होंने कहा कि ये उनके लिए गर्व की बात है कि सवाई जयसिंह द्वितीय उनके पूर्वज थे. उन्होंने बताया कि जयपुर एक प्लांड सिटी थी. उस दौर में जो निर्माण किए गए थे, वो आज भी परकोटा क्षेत्र में विद्यमान है. वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखते हुए जयपुर को बसाया गया था. जब जयपुर बसा तब पूरे देश भर से अलग-अलग समाज के लोगों को यहां लाया गया. इसी वजह से यहां हर समाज का प्रतिनिधित्व मिलता है.

टाउन प्लानिंग के साथ हो विस्तार: दीया कुमारी ने कहा कि पापुलेशन बढ़ेगी तो विस्तार भी होगा. ये अच्छी बात है, लेकिन विस्तार टाउन प्लानिंग के साथ हो. बिना प्लान के कोई भी विस्तार होने से व्यवस्थाएं सही नहीं रहती. इसके साथ ही जो विस्तार हो रहा है, उसमें भी जयपुर के आर्किटेक्चर को साथ लेकर चलना चाहिए, लेकिन बीते 5 साल में कांग्रेस ने शहर में बुरा हाल कर दिया है.

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