जयपुर. राजस्थान सरकार के निवेशक शिखर सम्मेलन 'इन्वेस्ट राजस्थान 2022' (Invest Rajasthan 2022) का आगाज 24 अगस्त 2022 को नई दिल्ली में आयोजित एमओयू साइनिंग सेरेमनी के साथ हुआ. नए बेंचमार्क कायम करते हुए राजस्थान सरकार ने 69789.93 करोड़ रुपयेएके एमओयू साइन (MoU between Gehlot government and investors) किए. इससे राज्य में कुल 11,846 प्रत्यक्ष रोजगार के मौके मिलेंगे. भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, अजमेर, जयपुर, उदयपुर, अलवर समेत राज्य भर के कई जिलों में निवेश की संभावनाओं को देखते हुए रीको ने बीते सालों में स्पेशल सेक्टोरल जोन विकसित किए हैं.
निवेशकों की समस्या समाधान के लिए प्रतिबद्ध- कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा (Gehlot in Invest Rajasthan 2022) कि मुझे खुशी है कि इन्वेस्टर समिट का आयोजन विशाल स्तर पर हो रहा है. उन्होंने कहा कि व्यापार में ऊंचाइयों को छूने वाले कुछ सबसे कामयाब उद्योगपति राजस्थान राज्य से ही हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे, रिफाइनरी, पेट्रोकेमिकल्स, नवीकरणीय ऊर्जा में भारी निवेश करने वाले राज्य के रूप में राजस्थान ने खासा अहम मुकाम हासिल किया है. गहलोत ने कहा कि उद्योग सभी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. अच्छी कानून-व्यवस्था, बेहतरीन सड़कें, स्वास्थ्य सुविधा पर जोर देने और अन्य कई नए विकास के साथ, राजस्थान सभी इन्वेस्टर्स के आने और निवेश करने के लिए एक मुफीद राज्य है.
राजस्थान में निवेश की असीम संभावना- प्रदेश की उद्योग-वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि DFC कॉरिडोर यानी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का 40 फीसदी और DMIC का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा महत्वपूर्ण रूप से राज्य से गुजर रहा है. इसके साथ सबसे बड़े राज्य और स्ट्रॅटेजिक स्थिति के चलते राजस्थान निवेश की विशाल संभावनाएं देता है. निवेश को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान ने हाल ही में वन स्टॉप शॉप, राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम 2019, फैसिलिटेशन ऑफ इस्टैब्लिशमेंट एंड ऑपरेशन एक्ट जैसे अनेक कदम उठाए हैं.
राजस्थान उद्योग के निदेशक मंडल के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने कहा DFC कॉरिडोर का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान में आता है और इस तरह निवेश के लिए राजस्थान एक पसंदीदा जगह बन गया है. राजस्थान में बहुत कुछ बदल गया है, इसे अब अवसरों की भूमि मानी जाती है. गौरतलब है कि राजस्थान में सरकार ने एक ही पोर्टल पर निवेशकों को 14 अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश से जुड़ी मंजूरियां देने के दावा किया है, सरकार का कहना है कि यह प्रक्रिया प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए खासा महत्वपूर्ण है.
सेरेमनी में हुए एमओयू के तहत कुछ निवेशकों ने मेगा परियोजनाओं में निवेश का वादा किया. इनमें अवड्डा पावर ने राजस्थान में ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया प्रोजेक्ट पर लगभग 40,000 करोड़ रुपए का निवेश करने का प्रस्ताव किया है. O2 पावर एसजी पीटीई ने विभिन्न जिलों में अक्षय ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा सेक्टर में 25,000 करोड़ रुपए का निवेश करने का प्रस्ताव दिया है. असाही इंडिया ग्लास लिमिटेड का चित्तौड़गढ़ में 1400 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव है. सेंट गोबेन ने अलवर में 1000 करोड़ रुपए के निवेश से फ्लोट ग्लास मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है. वरुण बेवरेजेज लिमिटेड की तरफ से 636 करोड़ रुपए की कार्बाेनेटेड सॉफ्ट-ड्रिंक्स, फ्रूट जूस एवं पैकेजिंग प्रोडक्टस की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट स्थापित की जाएगी और विप्रो जयपुर में हाइड्रोलिक सिलेंडर प्रोजेक्ट में 200 करोड़ रुपए का निवेश करेगी.
राजीव अरोड़ा ने बताया कि निवेशकों को रिझाने के लिहाज से 49,000 एकड़ जमीन को रीको ने विकसित किया है. जहां करीब 350 औद्योगिक क्षेत्रों में कई ग्रुप, कॉर्पाेरेट घरानों और विनिर्माण इकाइयों ने निवेश किया है. रीको औद्योगिक क्षेत्रों में हजारों औद्योगिक इकाइयां पहले से ही कार्यरत हैं और 150 से अधिक औद्योगिक पार्क प्लानिंग प्रोसेस के तहत हैं.