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भाजपा अपने दम पर सरकार नहीं चला सकती, कांग्रेस विधायकों की आपसी लड़ाई से हालात बने तो करेंगे विचार : गुलाबचंद कटारिया

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Published : Jun 15, 2021, 1:42 PM IST

राजस्थान में चल रही सियासी उठापटक के बीच गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार (Gehlot cabinet expansion) का कांग्रेस विधायकों से ज्यादा भाजपा को बेसब्री से इंतजार है. प्रदेश भाजपा नेता ये मानकर बैठे हैं कि जिस दिन मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ सरकार में विस्फोट होगा ओर सरकार गिर जाएगी. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Leader of Opposition Gulabchand Kataria) का कहना है कि सरकार मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सरकार जाएगी और नौबत मध्यावधि चुनाव (mid term election) की भी आ सकती है. इसके आलावा और भी बहुत कुछ कहा कटारिया ने...

political crisis in rajasthan, interview-of Gulabchand Kataria
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के बातचीत

जयपुर. राजस्थान में चल रहे राजनीतिक उठापटक और मौजूदा घटनाक्रम के बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Leader of Opposition Gulabchand Kataria) से ईटीवी भारत से बात की. इस दौरान कटारिया ने ना केवल प्रदेश कांग्रेस और गहलोत सरकार में चल रहे सियासी उठापटक पर बल्कि प्रदेश भाजपा में गुटबाजी की खबरों को लेकर भी अपनी बात रखी.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के बातचीत: पार्ट-01
बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Leader of Opposition Gulabchand Kataria) ने कहा कि मैं पहले भी कह चुका हूं और फिर निश्चित रूप से कह रहा हूं कि जिस दिन मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया ये सरकार गिर जाएगी. नौबत मध्यावधि चुनाव की भी आ सकती है. कटारिया ने कहा इसके पीछे सब कुछ साफ है की मंत्री पद को लेकर जो लॉलीपॉप मुख्यमंत्री ने निर्दलीय व अन्य विधायकों को दिया था उसकी भरापूर्ति नहीं हो सकती.

उन्होंने कहा सबको मंत्री पद मिल जाए यह भी संभव नहीं है. ऐसे में जिन विधायकों के कोहनी में गुड़ लगाया था जब वे उसका स्वाद नहीं चख पाएंगे तो विस्फोट भी होगा और बिखराव भी. कटारिया ने कहा कि अब समर्थन देने वाले विधायक भी रूठे हैं.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के बातचीत: पार्ट-02

क्योंकि चुनाव के बाद ढाई साल का अहम समय निकल गया और ऐसे भी जब सरकार कमजोर होती है तो हर कोई उसकी सवारी का प्रयास करता है. कटारिया ने कहा फिलहाल विरोध करने वाले विधायक यही कर रहे हैं.

कांग्रेस रसातल में है हर कोई राजनीतिक संरक्षण ढूंढता है-
जब कटारिया से सचिन पायलट (Sachin Pilot) के भाजपा में शामिल होने से जुड़ी चर्चाओं को लेकर सवाल पूछा गया तो कटारिया ने साफ कर दिया कि वे इस बारे में ज्यादा नहीं जानते. लेकिन कटारिया ने यह जरूर कहा कि कांग्रेस जिस प्रकार अपने पतन की ओर है और बंगाल जैसे राज्य में ऑल आउट हो चुकी है. ऐसे में रसातल में जा रही कांग्रेस पार्टी के लोग अपनी महत्वकांक्ष पूर्ति के लिए राजनीतिक संरक्षण ढूंढते ही है.

बसपा से कांग्रेस में मुख्यमंत्री का चेहरा देखकर नहीं नफा नुकसान देख कर आए विधायक-
बसपा से कांग्रेस में आए विधायक अब कहने लगे हैं अगर साल भर पहले उन्होंने और निर्दलीय विधायकों ने गहलोत सरकार का समर्थन नहीं किया होता तो प्रदेश सरकार अपनी पहली पुण्यतिथि मना रही होती. कटारिया ने कहा पहले भी कुछ ना कुछ ले देकर ही समर्थन दिया गया और उस पार्टी को भी छोड़ दिया जिसने टिकट देखकर एमएलए की पहचान बनाई. मतलब खेल तो इस बात का है कि किसे ज्यादा नफा और नुकसान हुआ.

पार्टी से बड़ा होने की गलतफहमी ना पाले कोई-
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान जब कटारिया से भाजपा के भीतर चल रहे आपसी घमासान को लेकर सवाल पूछा गया तो नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहां की मैं पार्टी से बड़ा हूं यह गलतफहमी यदि कोई भाजपा में पाले तो उसे अपनी गलतफहमी मन से निकाल देना चाहिए. बीजेपी नेताओं से नहीं चलती कार्यकर्ताओं से चलती है. कटारिया ने कहा पूर्व में कई नेताओं ने पार्टी को टक्कर दे कर देख लिया है और सब का यही अनुभव भी है.

कटारिया ने कहा हजारों लाखों कार्यकर्ताओं की मेहनत और अथक परिश्रम से यह पार्टी खड़ी हुई है किसी एक व्यक्ति के चमत्कार से नहीं. इसलिए इस प्रकार की गलतफहमी कोई ना पाले.

संगठन और कमेटी तय करती है कौन होगा मुख्यमंत्री-
भाजपा में बिखराव और आपसी खींचतान को लेकर कटारिया ने कहा कि हमारे यहां मुख्यमंत्री का कोई झगड़ा नहीं है. लेकिन फिर भी कोई नेता अपने मन में सोच कर बैठ जाए कि वह मुख्यमंत्री है तो बात अलग है. कटारिया ने कहा हमारा संगठन वर्किंग कमेटी और पार्टी ही यह निर्णय करती है कि मुख्यमंत्री कौन होगा.

बीजेपी के भीतर यह निर्णय करने की ताकत किसी अकेले व्यक्ति की नहीं है. कटारिया ने कहा पार्टी के हित के लिए जहां मुख्यमंत्री का नाम घोषित करके चुनाव लड़ना होता है वहां पार्टी उस तरह लड़ती है. जहां बदलाव करना होता है वहां बदलाव भी कर देती है लेकिन इन सब के पीछे केवल जनता का भला ही देखा जाता है.

भाजपा के पास नहीं बहुमत नहीं लेकिन स्थिति बनी तो करेंगे विचार-

नेता प्रतिपक्ष से जब पूछा गया कि आप मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सरकार गिर जाने की बात कहते हैं लेकिन अगर ऐसा हुआ तो भाजपा का अगला रोल क्या रहेगा? इस पर कटारिया ने कहा कि भाजपा के पास इतना बहुमत नहीं है कि अकेले सरकार चला सके.

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस विधायकों में आपसी फूट के कारण ऐसी कोई स्थिति बनती है तो विपक्षी दल होने के नाते भाजपा भी परिस्थितियों में विचार जरूर करेगी. तब भाजपा जो फैसला लेगी वह भी जनता के हित में ही होगा.

जयपुर. राजस्थान में चल रहे राजनीतिक उठापटक और मौजूदा घटनाक्रम के बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Leader of Opposition Gulabchand Kataria) से ईटीवी भारत से बात की. इस दौरान कटारिया ने ना केवल प्रदेश कांग्रेस और गहलोत सरकार में चल रहे सियासी उठापटक पर बल्कि प्रदेश भाजपा में गुटबाजी की खबरों को लेकर भी अपनी बात रखी.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के बातचीत: पार्ट-01
बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Leader of Opposition Gulabchand Kataria) ने कहा कि मैं पहले भी कह चुका हूं और फिर निश्चित रूप से कह रहा हूं कि जिस दिन मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया ये सरकार गिर जाएगी. नौबत मध्यावधि चुनाव की भी आ सकती है. कटारिया ने कहा इसके पीछे सब कुछ साफ है की मंत्री पद को लेकर जो लॉलीपॉप मुख्यमंत्री ने निर्दलीय व अन्य विधायकों को दिया था उसकी भरापूर्ति नहीं हो सकती.

उन्होंने कहा सबको मंत्री पद मिल जाए यह भी संभव नहीं है. ऐसे में जिन विधायकों के कोहनी में गुड़ लगाया था जब वे उसका स्वाद नहीं चख पाएंगे तो विस्फोट भी होगा और बिखराव भी. कटारिया ने कहा कि अब समर्थन देने वाले विधायक भी रूठे हैं.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के बातचीत: पार्ट-02

क्योंकि चुनाव के बाद ढाई साल का अहम समय निकल गया और ऐसे भी जब सरकार कमजोर होती है तो हर कोई उसकी सवारी का प्रयास करता है. कटारिया ने कहा फिलहाल विरोध करने वाले विधायक यही कर रहे हैं.

कांग्रेस रसातल में है हर कोई राजनीतिक संरक्षण ढूंढता है-
जब कटारिया से सचिन पायलट (Sachin Pilot) के भाजपा में शामिल होने से जुड़ी चर्चाओं को लेकर सवाल पूछा गया तो कटारिया ने साफ कर दिया कि वे इस बारे में ज्यादा नहीं जानते. लेकिन कटारिया ने यह जरूर कहा कि कांग्रेस जिस प्रकार अपने पतन की ओर है और बंगाल जैसे राज्य में ऑल आउट हो चुकी है. ऐसे में रसातल में जा रही कांग्रेस पार्टी के लोग अपनी महत्वकांक्ष पूर्ति के लिए राजनीतिक संरक्षण ढूंढते ही है.

बसपा से कांग्रेस में मुख्यमंत्री का चेहरा देखकर नहीं नफा नुकसान देख कर आए विधायक-
बसपा से कांग्रेस में आए विधायक अब कहने लगे हैं अगर साल भर पहले उन्होंने और निर्दलीय विधायकों ने गहलोत सरकार का समर्थन नहीं किया होता तो प्रदेश सरकार अपनी पहली पुण्यतिथि मना रही होती. कटारिया ने कहा पहले भी कुछ ना कुछ ले देकर ही समर्थन दिया गया और उस पार्टी को भी छोड़ दिया जिसने टिकट देखकर एमएलए की पहचान बनाई. मतलब खेल तो इस बात का है कि किसे ज्यादा नफा और नुकसान हुआ.

पार्टी से बड़ा होने की गलतफहमी ना पाले कोई-
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान जब कटारिया से भाजपा के भीतर चल रहे आपसी घमासान को लेकर सवाल पूछा गया तो नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहां की मैं पार्टी से बड़ा हूं यह गलतफहमी यदि कोई भाजपा में पाले तो उसे अपनी गलतफहमी मन से निकाल देना चाहिए. बीजेपी नेताओं से नहीं चलती कार्यकर्ताओं से चलती है. कटारिया ने कहा पूर्व में कई नेताओं ने पार्टी को टक्कर दे कर देख लिया है और सब का यही अनुभव भी है.

कटारिया ने कहा हजारों लाखों कार्यकर्ताओं की मेहनत और अथक परिश्रम से यह पार्टी खड़ी हुई है किसी एक व्यक्ति के चमत्कार से नहीं. इसलिए इस प्रकार की गलतफहमी कोई ना पाले.

संगठन और कमेटी तय करती है कौन होगा मुख्यमंत्री-
भाजपा में बिखराव और आपसी खींचतान को लेकर कटारिया ने कहा कि हमारे यहां मुख्यमंत्री का कोई झगड़ा नहीं है. लेकिन फिर भी कोई नेता अपने मन में सोच कर बैठ जाए कि वह मुख्यमंत्री है तो बात अलग है. कटारिया ने कहा हमारा संगठन वर्किंग कमेटी और पार्टी ही यह निर्णय करती है कि मुख्यमंत्री कौन होगा.

बीजेपी के भीतर यह निर्णय करने की ताकत किसी अकेले व्यक्ति की नहीं है. कटारिया ने कहा पार्टी के हित के लिए जहां मुख्यमंत्री का नाम घोषित करके चुनाव लड़ना होता है वहां पार्टी उस तरह लड़ती है. जहां बदलाव करना होता है वहां बदलाव भी कर देती है लेकिन इन सब के पीछे केवल जनता का भला ही देखा जाता है.

भाजपा के पास नहीं बहुमत नहीं लेकिन स्थिति बनी तो करेंगे विचार-

नेता प्रतिपक्ष से जब पूछा गया कि आप मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सरकार गिर जाने की बात कहते हैं लेकिन अगर ऐसा हुआ तो भाजपा का अगला रोल क्या रहेगा? इस पर कटारिया ने कहा कि भाजपा के पास इतना बहुमत नहीं है कि अकेले सरकार चला सके.

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस विधायकों में आपसी फूट के कारण ऐसी कोई स्थिति बनती है तो विपक्षी दल होने के नाते भाजपा भी परिस्थितियों में विचार जरूर करेगी. तब भाजपा जो फैसला लेगी वह भी जनता के हित में ही होगा.

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