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मनरेगा के 'पूरा काम पूरा दाम' अभियान की एसीएस ने की समीक्षा, सभी कलेक्टरों को मॉनिटरिंग व निरीक्षण के दिए निर्देश - acs did review meeting with all district majistrates

शुक्रवार को एसीएस रोहित कुमार सिंह ने 16 दिसम्बर से शुरू हुए इस विशेष अभियान की प्रगति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिला कलेक्टरों के साथ समीक्षा की. उन्होंने अभियान के दौरान नवाचार करने वाले जिला कलक्टरों की प्रशसा करते हुए अन्य जिलों को भी उनका अनुसरण करने के निर्देश दिये.

mnerega poora kam poora dam campaign, मनरेगा अभियान की समीक्षा
एसीएस ने की समीक्षा
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Published : Jan 8, 2021, 8:22 PM IST

जयपुर. राज्य सरकार के कार्यकाल के 2 साल पूर्ण होने पर प्रदेश में मनरेगा के तहत 'पूरा काम पूरा दाम' विशेष अभियान में कार्यों का 5-5 के समूह में विभाजन, काम के सही माप व कार्यस्थलों पर प्रशिक्षित मेट के नियोजन से मनरेगा श्रमिकों को मिलने वाली औसत मजदूरी में राज्य के अधिकांश जिलों में उल्लेखनीय सुधार आया है. शुक्रवार को एसीएस रोहित कुमार सिंह ने 16 दिसम्बर से शुरू हुए इस विशेष अभियान की प्रगति की वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए जिला कलेक्टरों के साथ समीक्षा की. उन्होंने अभियान के दौरान नवाचार करने वाले जिला कलक्टरों की प्रशसा करते हुए अन्य जिलों को भी उनका अनुसरण करने के निर्देश दिये.

इसके साथ ही अभियान को गति देने में फिसड्डी रहे सवाई माधोपुर, टोंक, करौली व भरतपुर को जिला अधिकारियों को औसत श्रमिक मजदूरी में सुधार लाने के लिए कार्यस्थलों का औचक निरीक्षण व प्रभावी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए. अतिरिक्त मुख्य सचिव सिंह ने जिला अधिकारियों से कहा कि मनरेगा के तहत उन्हें विस्तृत शक्तियां मिली हुई हैं जिनका इस्तेमाल करें. कार्यस्थलों का प्रबन्धन बेहतर करवाएं, मेट व तकनीकी सहायकों को पाबन्द करें कि वे श्रमिकों को सही टास्क के आधार पर ही मजदूरी का भुगतान करें. उन्हें दिये गए कार्य और उनके द्वारा किये गए कार्य का सही माप कर औसत मजदूरी को 220 रुपये प्रतिदिन तक ले जाया जा सके.

5 फरवरी तक चलेगा 'पूरा काम पूरा दाम' अभियान

एसीएस ने सभी जिला कलक्टरों से कहा कि यह अभियान 15 फरवरी तक चलने वाला है. वे स्वंय कार्यों का आकस्मिक निरीक्षण व मॉनिटरिगं करें, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों व उनकी टीम के साथ निरन्तर समीक्षा करें. उन्होंने जिला कलेकटरों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को अवगत कराया कि राज्य सरकार की मंशा है कि हर श्रमिक को मजदूरी का पूरा दाम मिले. यह तभी संभव है जब कार्यस्थल पर मेट की ओर से श्रमिकों को चौकड़ी का समुहवार सही नाप दिया जाए.

यह भी पढ़ें: सूदखोरी खा गई पूरा परिवार...30 के बदले 70 हजार दे चुका था गिर्राज

एसीएस ने कहा कि औसत मजदूरी कम आने पर वे संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी निर्धारित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करें. उन्होंने सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिये कि वे एक बार मेट पुस्तिका का सही अध्ययन करेंगे तो वह कारगर साबित होगी. साथ ही ग्रुप सिस्टम, मॉनिटरिंग माप प्रपत्र और समूहवार माप प्रपत्र की जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं कार्यक्रम अधिकारी के स्तर पर निरन्तर समीक्षा करेंगे तो बेहतर परिणाम आएंगे.

पढ़ें: राजस्थान : वन विभाग कर्मचारियों पर हमला मामले में कोर्ट ने मांगा जवाब

उन्होंने कहा कि सभी श्रमिकों को दैनिक माप प्रपत्र एवं दैनिक आधार पर मिलने वाली मजदूरी की जानकारी होनी चाहिए यह भी सुनिश्चित किया जाए. अतिरिक्त मुख्य सचिव सिंह ने सभी कलेक्टरों से कहा कि स्वच्छ भारत मिशन योजना के अन्तर्गत ठोस व तरल कचरा प्रबन्धन प्रणाली में चिन्हित ग्रामों की विलेज सेनिटेशन मैप एवं केएमएल फाइल के अनुसार विस्तृत कार्य योजना तैयार करना जरूरी है इसके लिए लगातार फील्ड विजिट करें.

शासन सचिव एवं आयुक्त नरेगा पीसी किशन ने कहा कि नरेगा कार्यस्थल पर प्रबन्धन को सुधरना होगा, लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. किशन ने निर्देश दिए कि समूह में काम करने के इच्छुक मजदूरों को एक प्रपत्र में समूह में आवेदन करना चाहिए, इन सभी मजदूरों को एक समूह के रूप में एक विशेष कार्य में नियोजित किया जाना चाहिए तथा उन्हें कभी भी समूह से अलग नहीं किया जाना चाहिए.

जयपुर. राज्य सरकार के कार्यकाल के 2 साल पूर्ण होने पर प्रदेश में मनरेगा के तहत 'पूरा काम पूरा दाम' विशेष अभियान में कार्यों का 5-5 के समूह में विभाजन, काम के सही माप व कार्यस्थलों पर प्रशिक्षित मेट के नियोजन से मनरेगा श्रमिकों को मिलने वाली औसत मजदूरी में राज्य के अधिकांश जिलों में उल्लेखनीय सुधार आया है. शुक्रवार को एसीएस रोहित कुमार सिंह ने 16 दिसम्बर से शुरू हुए इस विशेष अभियान की प्रगति की वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए जिला कलेक्टरों के साथ समीक्षा की. उन्होंने अभियान के दौरान नवाचार करने वाले जिला कलक्टरों की प्रशसा करते हुए अन्य जिलों को भी उनका अनुसरण करने के निर्देश दिये.

इसके साथ ही अभियान को गति देने में फिसड्डी रहे सवाई माधोपुर, टोंक, करौली व भरतपुर को जिला अधिकारियों को औसत श्रमिक मजदूरी में सुधार लाने के लिए कार्यस्थलों का औचक निरीक्षण व प्रभावी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए. अतिरिक्त मुख्य सचिव सिंह ने जिला अधिकारियों से कहा कि मनरेगा के तहत उन्हें विस्तृत शक्तियां मिली हुई हैं जिनका इस्तेमाल करें. कार्यस्थलों का प्रबन्धन बेहतर करवाएं, मेट व तकनीकी सहायकों को पाबन्द करें कि वे श्रमिकों को सही टास्क के आधार पर ही मजदूरी का भुगतान करें. उन्हें दिये गए कार्य और उनके द्वारा किये गए कार्य का सही माप कर औसत मजदूरी को 220 रुपये प्रतिदिन तक ले जाया जा सके.

5 फरवरी तक चलेगा 'पूरा काम पूरा दाम' अभियान

एसीएस ने सभी जिला कलक्टरों से कहा कि यह अभियान 15 फरवरी तक चलने वाला है. वे स्वंय कार्यों का आकस्मिक निरीक्षण व मॉनिटरिगं करें, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों व उनकी टीम के साथ निरन्तर समीक्षा करें. उन्होंने जिला कलेकटरों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को अवगत कराया कि राज्य सरकार की मंशा है कि हर श्रमिक को मजदूरी का पूरा दाम मिले. यह तभी संभव है जब कार्यस्थल पर मेट की ओर से श्रमिकों को चौकड़ी का समुहवार सही नाप दिया जाए.

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एसीएस ने कहा कि औसत मजदूरी कम आने पर वे संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी निर्धारित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करें. उन्होंने सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिये कि वे एक बार मेट पुस्तिका का सही अध्ययन करेंगे तो वह कारगर साबित होगी. साथ ही ग्रुप सिस्टम, मॉनिटरिंग माप प्रपत्र और समूहवार माप प्रपत्र की जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं कार्यक्रम अधिकारी के स्तर पर निरन्तर समीक्षा करेंगे तो बेहतर परिणाम आएंगे.

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उन्होंने कहा कि सभी श्रमिकों को दैनिक माप प्रपत्र एवं दैनिक आधार पर मिलने वाली मजदूरी की जानकारी होनी चाहिए यह भी सुनिश्चित किया जाए. अतिरिक्त मुख्य सचिव सिंह ने सभी कलेक्टरों से कहा कि स्वच्छ भारत मिशन योजना के अन्तर्गत ठोस व तरल कचरा प्रबन्धन प्रणाली में चिन्हित ग्रामों की विलेज सेनिटेशन मैप एवं केएमएल फाइल के अनुसार विस्तृत कार्य योजना तैयार करना जरूरी है इसके लिए लगातार फील्ड विजिट करें.

शासन सचिव एवं आयुक्त नरेगा पीसी किशन ने कहा कि नरेगा कार्यस्थल पर प्रबन्धन को सुधरना होगा, लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. किशन ने निर्देश दिए कि समूह में काम करने के इच्छुक मजदूरों को एक प्रपत्र में समूह में आवेदन करना चाहिए, इन सभी मजदूरों को एक समूह के रूप में एक विशेष कार्य में नियोजित किया जाना चाहिए तथा उन्हें कभी भी समूह से अलग नहीं किया जाना चाहिए.

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