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चाकसू: सरकारी सेवा में रहकर डकार गये रियायती दर का गेहूं, अब होगी वसूली

चाकसू क्षेत्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में अपात्र लोगों की जांच की जा रही है. जिसमें 23 सरकारी कर्मचारियों से करीब 2.04 लाख की वसूली कर ली गई है. वहीं शेष 150 कार्मिकों को भी करीबन 7 लाख की वसूली हेतु नोटिस जारी किये गये हैं. अगर कार्मिक निर्धारित अवधि में राशि जमा नहीं करवाते हैं तो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी.

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चाकसू में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में अपात्र लोगों की जांच की जा रही
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Published : May 21, 2020, 11:30 PM IST

चाकसू (जयपुर). सरकार ने गरीब व जरूरतमंद लोगों को राहत प्रदान करने के लिए खाद्य सुरक्षा योजना लागू किया था, लेकिन सरकार की इस योजना का बड़ी संख्या में अपात्र लोगों द्वारा फायदा उठाया जा रहा है. खाद्य सुरक्षा सूची में ऐसे भी कई परिवार शामिल हैं, जिनके परिवार में कोई ना कोई सदस्य सरकारी सेवा में है. इसके बावजूद ऐसे लोगों ने खाद्य सुरक्षा में अपना नाम जुड़वाकर इसका फायदा उठाया. बता दें कि अब खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग व जिला कलेक्टर के आदेश पर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है.

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प्रेस नोट की कॉपी

उपखंड अधिकारी ओमप्रकाश सहारण ने बताया कि क्षेत्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में अपात्र लोगों की जांच की जा रही है. अब तक हुई जांच में 23 सरकारी कर्मचारियों से करीब 2.04 लाख की वसूली कर पैसों को राजकीय कोष में जमा करा दिया गया है. वहीं शेष 150 कार्मिकों को भी करीबन 7 लाख की वसूली हेतु नोटिस जारी किये गये हैं. अगर कार्मिक निर्धारित अवधि में राशि जमा नहीं करवाते हैं तो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग व जिला कलेक्टर ने आदेश जारी कर ऐसे सरकारी कर्मचारियों का सर्वे करने के निर्देश दिए थे, जिन्होंने स्वयं या पत्नि के सरकारी सेवा में रहने के बावजूद खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़वाकर सस्ती दर पर गेहूं प्राप्त किया है. ऐसे कर्मचारियों से 27 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से राशि वसूल करने के निर्देश दिए गये हैं. उपखंड में हल्का पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, राशन डीलर की रिपोर्ट व विकास अधिकारी की अनुशंषा पर इन कर्मचारियों की पात्रता सूची से नाम हटा दिए गए हैं.

उपखंड अधिकारी ने एक आदेश जारी कर खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़वाकर फायदा लेने वाले कर्मचारियों से वसूली की कार्रवाई हेतु अधिकारियों को आदेश दिए गए है. इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में विकास अधिकारी एवं शहरी क्षेत्र में अधिशाषी अधिकारी को इस बाबत सर्वे रिपोर्ट सात दिवस में प्रस्तुत करने हेतु पाबन्द किया गया है. जिसमें अपात्र व्यक्तियों की सूचि उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया है, ताकि ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जा सके.

पढ़ें- हनुमान बेनीवाल ने चिकित्सा मंत्री और मुख्य सचिव को लिखा पत्र...

उपखंड अधिकारी ओमप्रकाश सहारण ने कहा कि खाद्य सुरक्षा से अपात्र लोगों के नाम काटने के बाद जो लोग गरीब, जरूरतमंद, असहाय एवं पात्र हैं उनका नाम खाद्य सुरक्षा सूची में जोड़ा जायेगा, ताकि सरकार की योजना का उन्हें लाभ मिल सके. साथ ही कहा कि जो भी सरकारी कर्मचारी परिवार खाद्य सुरक्षा का लाभ ले रहे हैं वह इस योजना से अपना नाम हटवा लें, सर्वे में अगर ऐसे परिवार सामने आते हैं तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.

चाकसू (जयपुर). सरकार ने गरीब व जरूरतमंद लोगों को राहत प्रदान करने के लिए खाद्य सुरक्षा योजना लागू किया था, लेकिन सरकार की इस योजना का बड़ी संख्या में अपात्र लोगों द्वारा फायदा उठाया जा रहा है. खाद्य सुरक्षा सूची में ऐसे भी कई परिवार शामिल हैं, जिनके परिवार में कोई ना कोई सदस्य सरकारी सेवा में है. इसके बावजूद ऐसे लोगों ने खाद्य सुरक्षा में अपना नाम जुड़वाकर इसका फायदा उठाया. बता दें कि अब खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग व जिला कलेक्टर के आदेश पर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है.

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उपखंड अधिकारी ओमप्रकाश सहारण ने बताया कि क्षेत्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में अपात्र लोगों की जांच की जा रही है. अब तक हुई जांच में 23 सरकारी कर्मचारियों से करीब 2.04 लाख की वसूली कर पैसों को राजकीय कोष में जमा करा दिया गया है. वहीं शेष 150 कार्मिकों को भी करीबन 7 लाख की वसूली हेतु नोटिस जारी किये गये हैं. अगर कार्मिक निर्धारित अवधि में राशि जमा नहीं करवाते हैं तो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग व जिला कलेक्टर ने आदेश जारी कर ऐसे सरकारी कर्मचारियों का सर्वे करने के निर्देश दिए थे, जिन्होंने स्वयं या पत्नि के सरकारी सेवा में रहने के बावजूद खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़वाकर सस्ती दर पर गेहूं प्राप्त किया है. ऐसे कर्मचारियों से 27 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से राशि वसूल करने के निर्देश दिए गये हैं. उपखंड में हल्का पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, राशन डीलर की रिपोर्ट व विकास अधिकारी की अनुशंषा पर इन कर्मचारियों की पात्रता सूची से नाम हटा दिए गए हैं.

उपखंड अधिकारी ने एक आदेश जारी कर खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़वाकर फायदा लेने वाले कर्मचारियों से वसूली की कार्रवाई हेतु अधिकारियों को आदेश दिए गए है. इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में विकास अधिकारी एवं शहरी क्षेत्र में अधिशाषी अधिकारी को इस बाबत सर्वे रिपोर्ट सात दिवस में प्रस्तुत करने हेतु पाबन्द किया गया है. जिसमें अपात्र व्यक्तियों की सूचि उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया है, ताकि ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जा सके.

पढ़ें- हनुमान बेनीवाल ने चिकित्सा मंत्री और मुख्य सचिव को लिखा पत्र...

उपखंड अधिकारी ओमप्रकाश सहारण ने कहा कि खाद्य सुरक्षा से अपात्र लोगों के नाम काटने के बाद जो लोग गरीब, जरूरतमंद, असहाय एवं पात्र हैं उनका नाम खाद्य सुरक्षा सूची में जोड़ा जायेगा, ताकि सरकार की योजना का उन्हें लाभ मिल सके. साथ ही कहा कि जो भी सरकारी कर्मचारी परिवार खाद्य सुरक्षा का लाभ ले रहे हैं वह इस योजना से अपना नाम हटवा लें, सर्वे में अगर ऐसे परिवार सामने आते हैं तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.

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