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आयकर विभाग ने 100 करोड़ की 64 बेनामी संपत्तियों को किया अटैच - rajasthan

आयकर विभाग की बेनामी निषेध यूनिट ने कार्रवाई करते हुए जयपुर के दिल्ली रोड पर 6 गांवों में 64 बेनामी संपत्तियों को अटैच किया है. आयकर विभाग ने करीब 100 करोड़ रुपए की जमीनें अटैच की है. विभाग ने बेनामी संपत्ति निषेध अधिनियम 1988 के तहत कार्रवाई को अंजाम दिया है.

आयक विभाग ने बेनामी संपत्तियों को किया अटैच
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Published : Jul 2, 2019, 9:35 PM IST

जयपुर. आयकर विभाग की बेनामी निषेध यूनिट ने जयपुर दिल्ली हाईवे पर आमेर तहसील के कूकस, खोरा मीणा, हरवर, दंड, नांगल और राजपुर खान्या गांव में बेनामी संपत्तियों को अटैच किया है. बेनामी निषेध यूनिट की जांच में सामने आया है कि जयपुर दिल्ली हाईवे पर यह सारी जमीनें नीमकाथाना निवासी संजू देवी मीणा के नाम से 2006 में खरीदी गई थी, जो कि आयकर रिटर्न नहीं भरती है.

आयक विभाग ने बेनामी संपत्तियों को किया अटैच

वहीं, जांच में पता चला की इन गांव में कुल 36 हेक्टेयर जमीन 64 अलग-अलग विक्रय पत्रों के माध्यम से संजू देवी मीणा के नाम से खरीदी गई हैं. लेकिन उनके नाम से कुल 12.93 करोड़ रुपए का भुगतान संजू देवी मीणा ने नहीं करके मुंबई की एक बड़ी कंपनी हेजलनट कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा किया गया है. कुल 80 लाख रुपये का भुगतान रजिस्ट्री चार्जेज के रूप में भी किया गया है. जांच में सामने आया कि इस कंपनी ने संजू देवी मीणा के नाम से यह जमीनें अपने फायदे के लिए खरीदी और इसमें संजू देवी मीणा का केवल नाम उपयोग में लिया गया. संजू देवी की हैसियत इतना बड़ा निवेश करने की नहीं पाई गई.

इस कंपनी ने संजू देवी मीणा के नाम से जमीन खरीदने के लिए विक्रेताओं को सीधा भुगतान किया. जमीनों के विक्रय पत्र पंजीकृत करवाने से पहले मुंबई निवासी चंद्रकांत तारानाथ मालवकर के नाम एक पावर ऑफ अटॉर्नी अंजू देवी मीणा से ले ली गई और फिर अंजू देवी की ओर से भी सभी विक्रय पत्रों पर खरीदार के नाते चंद्रकांता तारानाथ मालवकर ने ही हस्ताक्षर किए. बताया जा रहा है कि यह कंपनी मुंबई के हीरानंदानी ग्रुप से संबंधित है.

ऐसे में बेनामी संपत्तियों के प्रोविजनल अटैचमेंट के साथ ही आयकर विभाग राजस्थान की बेनामी निषेध यूनिट अब तक कुल 1400 करोड़ रुपये की 458 बेनामी संपत्तिया अटैच कर चुकी है. जिनमे से 69 संपत्तियों को बेनामी मानते हुए नई दिल्ली स्थित एडजडिकेटिंग अथॉरिटी उनके अटैचमेंट कंफर्म भी कर चुकी है.

जयपुर. आयकर विभाग की बेनामी निषेध यूनिट ने जयपुर दिल्ली हाईवे पर आमेर तहसील के कूकस, खोरा मीणा, हरवर, दंड, नांगल और राजपुर खान्या गांव में बेनामी संपत्तियों को अटैच किया है. बेनामी निषेध यूनिट की जांच में सामने आया है कि जयपुर दिल्ली हाईवे पर यह सारी जमीनें नीमकाथाना निवासी संजू देवी मीणा के नाम से 2006 में खरीदी गई थी, जो कि आयकर रिटर्न नहीं भरती है.

आयक विभाग ने बेनामी संपत्तियों को किया अटैच

वहीं, जांच में पता चला की इन गांव में कुल 36 हेक्टेयर जमीन 64 अलग-अलग विक्रय पत्रों के माध्यम से संजू देवी मीणा के नाम से खरीदी गई हैं. लेकिन उनके नाम से कुल 12.93 करोड़ रुपए का भुगतान संजू देवी मीणा ने नहीं करके मुंबई की एक बड़ी कंपनी हेजलनट कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा किया गया है. कुल 80 लाख रुपये का भुगतान रजिस्ट्री चार्जेज के रूप में भी किया गया है. जांच में सामने आया कि इस कंपनी ने संजू देवी मीणा के नाम से यह जमीनें अपने फायदे के लिए खरीदी और इसमें संजू देवी मीणा का केवल नाम उपयोग में लिया गया. संजू देवी की हैसियत इतना बड़ा निवेश करने की नहीं पाई गई.

इस कंपनी ने संजू देवी मीणा के नाम से जमीन खरीदने के लिए विक्रेताओं को सीधा भुगतान किया. जमीनों के विक्रय पत्र पंजीकृत करवाने से पहले मुंबई निवासी चंद्रकांत तारानाथ मालवकर के नाम एक पावर ऑफ अटॉर्नी अंजू देवी मीणा से ले ली गई और फिर अंजू देवी की ओर से भी सभी विक्रय पत्रों पर खरीदार के नाते चंद्रकांता तारानाथ मालवकर ने ही हस्ताक्षर किए. बताया जा रहा है कि यह कंपनी मुंबई के हीरानंदानी ग्रुप से संबंधित है.

ऐसे में बेनामी संपत्तियों के प्रोविजनल अटैचमेंट के साथ ही आयकर विभाग राजस्थान की बेनामी निषेध यूनिट अब तक कुल 1400 करोड़ रुपये की 458 बेनामी संपत्तिया अटैच कर चुकी है. जिनमे से 69 संपत्तियों को बेनामी मानते हुए नई दिल्ली स्थित एडजडिकेटिंग अथॉरिटी उनके अटैचमेंट कंफर्म भी कर चुकी है.

Intro:जयपुर
एंकर- आयकर विभाग की बेनामी निषेध यूनिट ने कार्रवाई करते हुए जयपुर के दिल्ली रोड पर 6 गांवों में 64 बेनामी संपत्तियों को अटैच किया है। आयकर विभाग ने करीब 100 करोड रुपए की जमीनें अटैच की है। आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति निषेध अधिनियम 1988 के तहत कार्रवाई को अंजाम दिया है।


Body:आयकर विभाग की बेनामी निषेध यूनिट ने जयपुर दिल्ली हाईवे पर आमेर तहसील के कूकस, खोरा मीणा, हरवर, दंड, नांगल और राजपुर खान्या गांव में बेनामी संपत्तियों को अटैच किया है।
बेनामी निषेध यूनिट की जांच में सामने आया है कि जयपुर दिल्ली हाईवे पर यह सारी जमीनें नीमकाथाना निवासी संजू देवी मीणा के नाम से 2006 में खरीदी गई थी। जो कि आयकर रिटर्न नहीं भरती है। जांच में पता चला कि इन गांव में कुल 36 हेक्टेयर जमीन 64 अलग-अलग विक्रय पत्रों के माध्यम से संजू देवी मीणा के नाम से खरीदी गई। लेकिन उनके नाम से कुल 12.93 करोड रुपए का भुगतान संजू देवी मीणा ने नही करके मुंबई की एक बड़ी कंपनी हेज़लनट कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा किया गया। कुल 80 लाख रुपये का भुगतान रजिस्ट्री चार्जेज के रूप में भी किया गया।
जांच में सामने आया कि इस कंपनी ने संजू देवी मीणा के नाम से यह जमीनें अपने फायदे के लिए खरीदी। और इसमें संजू देवी मीणा का केवल नाम उपयोग में लिया गया। संजू देवी की हैसियत इतना बड़ा निवेश करने की नहीं पाई गई। इस कंपनी ने संजू देवी मीणा के नाम से जमीन खरीदने के लिए विक्रेताओं को सीधा भुगतान किया। जमीनों के विक्रय पत्र पंजीकृत करवाने से पहले मुंबई निवासी चंद्रकांत तारानाथ मालवकर के नाम एक पावर ऑफ अटॉर्नी अंजू देवी मीणा से ले ली गई। और फिर अंजू देवी की ओर से भी सभी विक्रय पत्रों पर खरीदार के नाते चंद्रकांता तारानाथ मालवकर ने ही हस्ताक्षर किए। यह कंपनी मुंबई के हीरानंदानी ग्रुप से संबंधित है।
बेनामी संपत्तियों के प्रोविजनल अटैचमेंट के साथ ही आयकर विभाग राजस्थान की बेनामी निषेध यूनिट अब तक कुल 1400 करोड़ रुपये की 458 बेनामी संपत्तिया अटैच कर चुकी है। जिनमे से 69 संपत्तियों को बेनामी मानते हुए नई दिल्ली स्थित एडजडिकेटिंग अथॉरिटी उनके अटैचमेंट कंफर्म भी कर चुकी है।











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