जयपुर. राज्य सरकार ने साल 2015-16 और 2016-17 के 151 निजी कॉलेजों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. कॉलेज शिक्षा आयुक्त के मुताबिक एनओसी निरस्त होने के बाद संस्था को किसी तरह का दोबारा भुगतान नहीं किया जाएगा. राज्य सरकार किसी भी प्रकार का दायित्व वहन नहीं करेगी.
गौरतलब है कि प्रदेश में कुल 1578 निजी कॉलेज संचालित हो रहे हैं. वहीं 904 बीएड कॉलेज हैं. आयुक्त कॉलेज शिक्षा ने जिन निजी कॉलेजों की एनओसी निरस्त हुई है. उसकी सूचना संबंधित निजी कॉलेज के अलावा जिला कलेक्टर और सरकारी विश्वविद्यालय के कुलसचिव जहां से संबद्धता है वहां भेज दी है. वहीं 20 से 22 कॉलेज ऐसे हैं, जो कोर्ट में चले गए और वहां से स्टे लेकर संचालित कर रहे हैं. 46 कॉलेज ऐसे हैं, जिन्होंने नोटिस देने के बाद भी मापदंडों को पूरा नहीं किया है. उन कॉलेजों की जांच विचाराधीन है और इन निजी कालेजों की रिपोर्ट पर फैसला होना बाकी है.
कॉलेज शिक्षा विभाग के मुताबिक जिनकी एनओसी को रद्द किया गया है वो तय मापदंडों के अनुसार नहीं संचालित थे. वहीं उनमें से भी आधे से ज्यादा कॉलेज संचालित होना ही बंद हो गए. इस मामले में वसुंधरा सरकार के वक्त तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी के निर्देश पर प्रदेश के 151 कॉलेजों की जांच के आदेश 26 जुलाई 2018 में दिए गए. इसके बाद राजकीय कॉलेजों के प्रिंसिपल को नोडल अधिकारी बनाकर संबंधित जिले के निजी कॉलेजों की विभिन्न मापदंडों पर जांच कराई गई थी.
विभाग निजी कॉलेज को पहले तीन साल के लिए अस्थायी एनओसी देता है. उसके बाद कुछ मापदंड पूरे होने पर दो साल की एनओसी दी जाती है. ऐसे में पूरे पांच साल अस्थायी एनओसी पर कॉलेज संचालित होता है. वहीं छठे साल में विभाग मापदंडों के अनुसार कार्रवाई करता है और फिर अनियमितता पाने पर कॉलेज की एनओसी को रद्द करता देता है.
ये है स्थायी एनओसी पत्र के मापदंड
- स्वयं की भूमि
- स्वयं का भवन
- प्राचार्य और व्यख्याताओं की नियुक्ति का संबंधित विश्वविद्यालय से अनुमोदन और अनुमोदन प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत व्याख्याताओं की सूची सहित प्रेषित पत्र की प्रति.
- महाविद्यालय के स्टॉफ का वेतन भुगतान बैंक के माध्यम से किया जा रहा है.
- महाविद्यालय के समस्त स्टॉफ की पीएफ कटौती नियमानुसार की जा रही हो.
- छात्र-छात्राओं की समुचित सुविधाओं का विकास कर लिया हो.
- विधिवत रूप से कॉलेज परिषद का गठन कर लिया हो.
- गत 3 सालों तक छात्रों का औसत परीक्षा परिणाम सम्बद्धक विश्वविद्यालय के परीक्षा परिणाम के समक्ष हो.
- निर्धारित राशि की सावधि जमा हो.
उधर, कॉलेज आयुक्त प्रदीप बोर्ड ने कहा कि अनियमित के चलते इन कॉलेजों पर कार्रवाई की गई है. वहीं आधे से प्रकरण में कॉलेज संचालित होने ही बंद हो गए.