जयपुर. सरकारी स्कूलों के मूल्य नाम के बीच जोड़ा गया आदर्श और उत्कृष्ट शब्द हटाया जाएगा. भाजपा सरकार के समय माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के नाम में आदर्श और उच्च प्राथमिक स्कूलों के नाम में उत्कृष्ट शब्द जोड़ा गया था. राजस्थान स्कूल परिषद ने माध्यमिक और प्रारंभिक शिक्षा निदेशकों को स्कूल के नाम से इन शब्दों को हटाए जाने के निर्देश दिए हैं.
आदेश में कहा गया कि कुछ संस्था प्रधानों की गलत नीति के चलते स्कूलों के मुख्य द्वार, शाला दर्पण, पोर्टल और स्कूलों के लेटर हेड और स्टांप पर स्कूल के नाम के बीच आदर्श और उत्कृष्ट शब्द जोड़ दिए गए है. जबकि इस प्रकार स्कूल के नाम के बीच शब्द जोड़ने के कभी निर्देश ही जारी नहीं किए गए थे.
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बता दें कि योजना के तहत चयनित स्कूल ही आदर्श और उत्कृष्ठ लिख सकते है. आदर्श और उत्कृष्ठ आदेश में कहा गया है कि केवल राज्य की आदर्श विद्यालय योजना के अंतर्गत चयनित या राज्य की उच्च विद्यालय योजना के अंतर्गत चयनित स्कूल ही लिख सकते है. यह भी ऐसी जगह लिखा जाए जो सहज ही दिखाई दे. लेकिन मूल नाम में आदर्श और उत्कृष्ट शब्द ही नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
भाजपा सरकार ने 10 हजार आदर्श और 9 हजार उत्कृष्ट स्कूल चयनित किए. आदर्श विद्यालय योजना में ग्रामीण क्षेत्र में सत्र 2015-16 में 1340, सत्र 2016-17 में 3097 और सत्र 2017-18 में 5458 स्कूलों का चयन किया. इस प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों के 9895 स्कूलों का चयन किया गया. इनके अलावा 2017-18 में शहरी क्षेत्र के 281 स्कूलों का चयन किया गया. इसके अलावा प्रथम चरण में 3863 और द्वितीय चरण में 4976. यानी कुल 8839 उच्च प्राथमिक स्कूलों का उत्कृष्ट विद्यालय योजना के लिए चिन्हित किया गया था.
शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा की आदर्श और उत्कृष्ठ नाम को हटाया नहीं जा रहा है, लेकिन कई स्कूलों ने बिना योजना के चयनित होने के बावजूद आदर्श और उत्कृष्ठ नाम विद्यालय में जोड़ दिया है तो उनकी समीक्षा की जा रही है और ये हर साल की जाती है.