जयपुर. राजस्थान सरकार के जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने सार्वजनिक छवि धूमिल होने पर आहत होकर जयपुर पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है. मंत्री जोशी ने छवि को धूमिल करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है. पत्र में मंत्री ने लिखा कि कुछ लोग छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही उन पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने आगे लिखा कि अगर किसी के साथ धोखाधड़ी हुई है तो वह पुलिस के पास जाकर कानूनी कार्रवाई करें. दरअसल, एक शख्स मंत्री महेश जोशी के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाकर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गया है. इस मामले को लेकर महेश जोशी ने जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव को पत्र लिखकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
मंत्री जोशी ने पत्र में लिखा कि उनकी सार्वजनिक छवि को धूमिल करने का प्रयास करने वाले लोगों को पहचान करके उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाए. 26 मई, 2023 को सोशल मीडिया के माध्यम से मुझे पता चला कि कोई अनजान व्यक्ति जिसे मैं नहीं जानता वो उनके खिलाफ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर अनर्गल आरोपों को लेकर धरने पर बैठा है. इसका फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. जब मैंने फोटो देखा तो पता चला कि इस व्यक्ति को मैं पहले से नहीं जानता हूं. लेकिन यह व्यक्ति 26 मई, 2023 को ही सुबह मेरे निवास पर आया था, तब मैंने पहली बार इसे देखा था. उसने मुझसे कहा कि इसके साथ किसी ने मेरे नाम पर धोखाधड़ी की है. धोखाधड़ी करने वाले व्यक्ति के बारे में उसने कहा कि वह अपने आपको आपका (मंत्री महेश जोशी का) रिश्तेदार बताता है.
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इस पर इस व्यक्ति को मैंने कहा कि आपने आपके साथ मेरे नाम से किसी ने धोखाधड़ी की है, तो पुलिस में जाकर रिपोर्ट करो. पुलिस जरूर कार्रवाई करेगी. लेकिन यह व्यक्ति पुलिस के पास नहीं जाकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के बाहर धरने पर बैठ गया. इसकी सूचना मुझे सोशल मीडिया से मिली है. इस संबंध में मेरी सजनी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है.
मंत्री महेश जोशी ने पत्र में लिखा है कि झूठे आरोप लगाए गए हैं. इस तरह का कृत्य करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. अगर किसी व्यक्ति के साथ कोई धोखाधड़ी हुई है, तो वह कानून के पास जाकर कार्रवाई कर सकता है. महेश जोशी ने कहां है कि धोखाधड़ी के मामले में इस व्यक्ति को भी न्याय दिलाया जाए. यह किसी का सुनियोजित षड्यंत्र भी हो सकता है. इसमें अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं. इस प्रकरण की जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी को सुपुर्द करके अभिलंब नियमानुसार कार्रवाई करवाएं.