जयपुर. प्रदेश में धड़ल्ले से जारी मिलावटी खाद्य पदार्थ बिक्री पर राज्य मानवाधिकार आयोग सख्त हो गया है. मानव अधिकार आयोग ने मिलावट खोरी मामले पर संज्ञान लिया है.
आयोग ने स्वास्थ्य विभाग को 9 अप्रैल तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं. मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रकाश टाटिया ने अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा विभाग से पूछा है कि पिछले 10 सालों का रिकॉर्ड उपलब्ध बताया कि विभाग के द्वारा अब तक मिलावट करो पर कितनी कार्रवाई की गई, कितने मिलावटखोरों के खिलाफ कोर्ट में अभियोजन पेश किए गए, साथ ही कितने मिलावट खोरो को अब तक सजा हुई है.
आयोग ने विभाग से वर्ष वार आंकड़ा पेश करने को कहा है. आयोग ने कहा कि प्रदेश में 50 लाख कारोबारी हैं और मिलावट रोकने की जिम्मेदारी 73 खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के हवाले है. इसमें केंद्रीय टीम से ही 13 अधिकारी जयपुर में हैं लेकिन कई जिलों में एक-एक अधिकारी है.
उन्होंने कहा कि स्वास्थय विभाग के अधिकारी प्रदेश में कहीं भी कोई कार्रवाई के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन उसकी कार्रवाई ना के बराबर है. कई जिलों में तो एक भी खाद्य अधिकारी नहीं है. आयोग ने सरकार से जवाब मांगा है आयोग सरकार को बताएं कि मिलावट को लेकर किस-किस तरह के प्रकार की कार्रवाई कब-कब की गई इसके साथ ही आयोग ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आज मानव ही मानव की जान खतरे में डाल रहा है.
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