जयपुर. राज्य की गहलोत सरकार ने होमगार्ड के 3842 पदों पर भर्तियां निकली है. जिसमें 8वीं पास उम्मीदवार आगामी 11 फरवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. उम्मीदवारों का सलेक्शन फिजिकल टेस्ट के आधार पर किया जाएगा. वहीं, दूसरी ओर प्रदेश के 30 हजार से ज्यादा होमगार्ड के जवान इस बजट में अपनी मांगें पूरी होने की आस लगाए बैठे हैं. कांग्रेस सरकार के इस कार्यकाल के अंतिम बजट से पहले होमगार्ड्स बुधवार को मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर पहुंचे, जहां उन्होंने सरकार के पुराने वादों की याद दिलाई.
होमगार्ड की मौजूदा चुनौती - पुलिस प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कानून-व्यवस्था बनाए रखने और आपदा से निपटने के लिए तैयार खड़े रहने वाले होमगार्ड के जवान पिछले लंबे समय से नियमित रोजगार की मांग कर रहे हैं. राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष झलकन सिंह राठौड़ ने बताया कि होमगार्ड जवानों के पास नियमित रोजगार नहीं होने की वजह से परिवार का पालन पोषण करना चुनौतीपूर्ण रहता है. होमगार्ड जवानों को यदि जयपुर जिले के अलावा राजस्थान के अन्य जिलों में वर्ष भर में मात्र तीन से चार माह ही ड्यूटी मिलती है.
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90 विधायकों ने की सिफारिश - उन्होंने कहा कि होमगार्ड जवानों को आवश्यक ड्यूटियों के नाम पर बीच-बीच में पाबंद कर बुला लिया जाता है. जिससे वो अपने स्वरोजगार से भी वंचित हो जाते हैं. झलकन सिंह ने बताया कि होमगार्ड जवानों ने राजस्थान के लगभग सभी विधायकों को ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा बताई. जिसमें से लगभग 90 विधायक और मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को होमगार्ड रूल्स एक्ट 1962-63 में संशोधन कर नियमितीकरण करने के लिए पत्र लिखकर सिफारिश भी की है.
मंत्री का आश्वासन - वहीं, होमगार्ड्स बुधवार को अपनी पीड़ा को लेकर कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के पास पहुंचे. जहां मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि होमगार्ड्स की सभी जायज मांगों को पूरा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि कैबिनेट मंत्री से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी होमगार्ड के लिए यह बजट राहत देने वाला होने की बात कही थी. लेकिन स्पष्ट तौर पर नहीं बताया गया कि किन मांगों को पूरा किया जाएगा. ऐसे में सभी होमगार्ड जवानों की इस बजट पर निगाह रहेंगी और उसी के आधार पर आगामी रणनीति तय होगी.
झलकन सिंह बताया कि बजट सत्र 2022 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 12 हजार होमगार्ड जवानों को कानून-व्यवस्था और सरकारी कार्यालयों में लगाने की घोषणा की थी. लेजिन आज तक वो भी लागू नहीं हो सकी है. सरकार के 4 वर्ष बीत चुके हैं. सरकार ने होमगार्डों के हित में एक भी कदम नहीं उठाया है. इन 4 वर्षों में होमगार्ड के न तो मानदेय में बढ़ोतरी की गई है और न ही पूरा रोजगार दिया गया. जबकि सत्ता में आने से पहले उनसे नियमितीकरण का वादा किया गया था. इससे होमगार्ड्स के जवान हतोत्साहित हैं.
ये हैं मांगे
- बजट घोषणा 2022 को लागू करते हुए होमगार्ड जवानों को परिवार के पालन पोषण के लिए 12 महीने नियमित ड्यूटी दी जाए.
- होमगार्ड में प्रचलित नवीनीकरण प्रथा को बंद किया जाए, सेवा अवधि 58 वर्ष से 60 वर्ष तक बढ़ाने के आदेश जारी हों.
- होमगार्ड जवानों को ईएसआई और पीएफ की सुविधा दी जाए.
- सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की पालना करते हुए अन्य राज्यों की तरह महंगाई भत्ता राजस्थान में भी लागू किया जाए.
- होमगार्ड को विभाग के अन्य स्थायी पदों में भर्ती में 50% कोटा दिया जाए.