जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर में विकास समितियों की ओर से आम रास्ते पर गेट लगाकर उसे बंद रखने और इससे लोगों को होने वाली परेशानी को देखते हुए नगर निगम ग्रेटर कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर, जेएईएन समेत मूर्तिकला कॉलोनी विकास समिति-डी ब्लॉक के अध्यक्ष अजीत शर्मा व सचिव मनोज कौशिक सहित अन्य पदाधिकारियों से एक फरवरी तक जवाब देने के लिए कहा है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश धर्मेन्द्र जोशी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अमित कुड़ी ने बताया कि यह मामला खंडपीठ के समक्ष एकलपीठ ने जनहित का मानते हुए सुनवाई के लिए भिजवाया था. पहले प्रार्थी ने उसे व परिजनों को बंद गेट से हुई परेशानी के चलते एकलपीठ में याचिका दायर की थी. जिस पर एकलपीठ में जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने मामले को गंभीर मानते हुए कहा कि कॉलोनी के गेट दिन में भी बंद रहते हैं और इससे कॉलोनी के दूसरे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. नगर निगम की ओर से विकास समितियों द्वारा अवैध तरीके से बंद इन गेटों को खुलवाने के लिए कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती है, जबकि इससे व्यापक तौर पर आमजन प्रभावित हैं.
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हार्ट अटैक आने पर भी नहीं खोला था गेट : जनहित याचिका में कहा गया कि मूर्तिकला कॉलोनी की विकास समिति की ओर से कॉलोनी के गेट बंद रखे जाते हैं. याचिकाकर्ता की पत्नी को हार्ट अटैक आने पर भी गेट नहीं खोला गया और उसे लंबा चक्कर लगाकर अस्पताल जाना पड़ा. इसके अलावा अन्य लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ती है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.