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Rajasthan assembly Election 2023 : पिछले चुनाव में 579 प्रत्याशियों ने छोड़ दिया था मैदान, 1839 की हुई थी जमानत जब्त - Candidates who withdrawn their nominations

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं. इनके अलावा कई नेता बिना किसी पार्टी के चुनाव लड़ेंगे और कई ऐलान के बाद भी चुनाव से पहले रण छोड़कर पीछे हट जाएंगे. वहीं, पिछले चुनाव के आंकड़ों को देखें तो 500 से अधिक प्रत्याशी ऐसे रहे हैं, जिन्होंने अंतिम समय में मैदान छोड़ दिया था.

Candidates who withdrawn their nominations
उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस लिया
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 24, 2023, 7:17 PM IST

भरतपुर. विधानसभा चुनाव 2023 का समरशंख फूंक दिया गया है. कई नेताओं को शीर्ष राजनीतिक पार्टियों ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है, तो कई नेताओं ने निर्दलीय और बागी के रूप में चुनाव मैदान में ताल ठोक दी है, लेकिन अब देखना यह है कि इनमें से कितने नेता आखिर तक चुनावी समर में डटे रहेंगे और कितने नेता रण छोड़ेंगे. विधानसभा चुनाव 2018 के आंकड़ों की बात करें तो 579 नेता ऐसे रहे हैं, जिन्होंने अंतिम समय में रण छोड़ दिया था. वहीं, जमानत जब्त कराने वाले नेताओं की संख्या 1839 रही थी.

प्रदेश के 579 नेता बने रणछोड़ दास! : मुख्य निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में पूरे प्रदेश से कुल 3293 नेताओं ने नामांकन दाखिल किया था, जिनमें 3011 पुरुष और 281 महिला और एक थर्ड जेंडर शामिल थीं, लेकिन मतदान होने से पहले इनमें से 530 पुरुष और 49 महिला प्रत्याशियों ने अपने नामांकन वापस ले लिए थे. नामांकन का काम पूरा होने के बाद चुनाव मैदान में 2714 उम्मीदवार मैदान में थे.

Rajasthan assembly Election 2023
इन जिलों में इतने प्रत्याशियों ने नामांकन लिए वापस

पढ़ें. Rajasthan Assembly election 2023: आजादी के बाद से चुनावों में पूर्व भरतपुर राजपरिवार का दबदबा, राजा मान सिंह ने जीते सबसे ज्यादा विधानसभा चुनाव

1839 की जमानत जब्त : विधानसभा चुनाव 2018 में जहां कई नेता मतदान से पहले ही मैदान छोड़कर भाग गए, वहीं कई नेता ऐसे भी थे जो भारी समर्थन और जीत की उम्मीद में चुनाव मैदान में उतरे थे, लेकिन हकीकत में उन्हें जनता ने नकार दिया. प्रदेश में चुनाव लड़ने वाले कुल 2714 नेताओं में से 1839 नेताओं को इतने कम वोट मिले कि उनकी जमानत राशि भी वापस नहीं मिल सकी. भरतपुर जिले की सात विधानसभा सीटों पर मैदान में उतरे 56 नेताओं की जमानत जब्त हुई थी, जिनमें सर्वाधिक 16 नेता भरतपुर विधानसभा सीट के थे.

भरतपुर. विधानसभा चुनाव 2023 का समरशंख फूंक दिया गया है. कई नेताओं को शीर्ष राजनीतिक पार्टियों ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है, तो कई नेताओं ने निर्दलीय और बागी के रूप में चुनाव मैदान में ताल ठोक दी है, लेकिन अब देखना यह है कि इनमें से कितने नेता आखिर तक चुनावी समर में डटे रहेंगे और कितने नेता रण छोड़ेंगे. विधानसभा चुनाव 2018 के आंकड़ों की बात करें तो 579 नेता ऐसे रहे हैं, जिन्होंने अंतिम समय में रण छोड़ दिया था. वहीं, जमानत जब्त कराने वाले नेताओं की संख्या 1839 रही थी.

प्रदेश के 579 नेता बने रणछोड़ दास! : मुख्य निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में पूरे प्रदेश से कुल 3293 नेताओं ने नामांकन दाखिल किया था, जिनमें 3011 पुरुष और 281 महिला और एक थर्ड जेंडर शामिल थीं, लेकिन मतदान होने से पहले इनमें से 530 पुरुष और 49 महिला प्रत्याशियों ने अपने नामांकन वापस ले लिए थे. नामांकन का काम पूरा होने के बाद चुनाव मैदान में 2714 उम्मीदवार मैदान में थे.

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1839 की जमानत जब्त : विधानसभा चुनाव 2018 में जहां कई नेता मतदान से पहले ही मैदान छोड़कर भाग गए, वहीं कई नेता ऐसे भी थे जो भारी समर्थन और जीत की उम्मीद में चुनाव मैदान में उतरे थे, लेकिन हकीकत में उन्हें जनता ने नकार दिया. प्रदेश में चुनाव लड़ने वाले कुल 2714 नेताओं में से 1839 नेताओं को इतने कम वोट मिले कि उनकी जमानत राशि भी वापस नहीं मिल सकी. भरतपुर जिले की सात विधानसभा सीटों पर मैदान में उतरे 56 नेताओं की जमानत जब्त हुई थी, जिनमें सर्वाधिक 16 नेता भरतपुर विधानसभा सीट के थे.

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