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Helicopter Craze In Rajasthan: हेलीकॉप्टर का क्रेज डाल रहा आम आदमी की जेब पर डाका, जानिए क्या है कहानी! - Jaipur latest news

Helicopter Craze In Rajasthan, राजस्थान में इन दिनों हेलीकॉप्टर का क्रेज बढ़ गया है. एक अनुमान के मुताबिक पहले विशेष समारोहों के लिए जहां 700-800 हेलीकॉप्टर्स बुक होते थे वहीं अब संख्या दोगुनी हो गई है. आखिर कारण क्या है, ईटीवी भारत ने Expert से जानने की कोशिश की!

Helicopter Craze In Rajasthan
एजेंट्स कर रहे नियमों का दुरुपयोग
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Published : Feb 7, 2023, 11:53 AM IST

Updated : Feb 8, 2023, 11:20 PM IST

Expert देते हैं नियमों का हवाला

जयपुर. राजस्थान में इन दिनों हेलीकॉप्टर का क्रेज बढ़ गया है. एक अनुमान के मुताबिक जहां कोरोना काल से पहले धार्मिक आयोजनों में पुष्प वर्षा और दुल्हन को लाने सहित अन्य उपयोग के लिए हेलीकॉप्टर की साल में 700 से 800 बुकिंग होती थी, अब ये बुकिंग दोगुनी यानी 1400 से 1500 के करीब पहुंच गई है . जिसकी बड़ी वजह नियमों का सरलीकरण और दिखावा है.

जरूरी और काबिल ए गौर बात ये है कि इस दिखावे के लिए एजेंट्स अपने नियम कायदे थोपते हैं. या यूं कहें कि दुरुपयोग से बड़ी दुर्घटनाएं भी घट रही है और आम आदमी की जेब पर भी डाका पड़ रहा है. हेलीकॉप्टर किराए पर लेने के कुछ नियम हैं जिसके बारे में हेलीकॉप्टर एक्सीडेंटल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो के लीगल एडवाइजर विभूति सिंह देवड़ा ने बताया. विभूति सिंह देवड़ा कहते हैं कि सोसाइटी में एक इमेज बिल्डअप करने के लिए इस तरह से आयोजनों में हेलीकॉप्टर का उपयोग किराए पर लेकर किया जा रहा है.

एजेंट्स कर रहे नियमों का दुरुपयोग- देवड़ा कहते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार ने हेलीकॉप्टर को अप्रोचेबल बनाने के लिए नियमों को 2019 में संशोधित किया गया. नए नियमों के अनुसार आम आदमी आसानी से बिना कानूनी झमेलों में पड़े हेलीकॉप्टर को किराए पर ला सकता है. यहां दिक्कत ये है कि बेसिक नियम की भी पालना नही हो रही है. नियम कहते हैं कि उड़ान के वक्त उस जगह पर एम्बुलेंस और अग्निशमन गाड़ी मौजूद हो और सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित हो लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं है. अकसर देखा जा रहा है कि जिस मंशा से नियमों को सरल किया गया उसको misuse ही किया जा रहा है. जब हेलीकॉप्टर उड़ाया या उतारा जा रहा है तब इन बेसिक नियमों को भी दरकिनार किया जा रहा है जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

क्या कहते हैं नियम?- अक्टूबर 2019 में राज्य सरकार ने भारत सरकार के नियमों का हवाला देते हुए सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किया कि अब कोई भी हेलीकॉप्टर निजी जमीन पर उतारा जाएगा, तो उसे किसी एनओसी या अनुमति की आवश्यकता नही होगी. सिर्फ कलेक्टर को सूचित करना होगा कि इस दिन इस समय पर हेलीकॉप्टर उतारा और उड़ाया जाएगा. देवड़ा बताते हैं कि नियमों में बदलाव आम आदमी की सुविधा को ध्यान में रख, बनाया गया था. दरअसल, मरुभूमि घूमने आने वाले सैलानियों को आसमान से प्रदेश को निहारने की चाहत खूब थी. दिक्कत ये थी कि उन्हें तत्काल परमिशन मिलना मुश्किल होता था तो इसका तोड़ नियमों में संशोधन के जरिए किया गया ताकि लगे हाथ टूरिज्म को प्रोत्साहन मिल सके, लेकिन अब इन नियमों को आधार बना कर शादी और धार्मिक आयोजनों में भी इसी तरह हेलीकॉप्टर उड़ाए जा रहे हैं.

Helicopter Craze In Rajasthan
राजस्थान में एकमात्र गो फ्लाई जोन हेलीपोर्ट शाहपुरा में है.

पढे़ं- Helicopter Wedding: पोते ने पूरी की दादा-दादी की इच्छा, हेलीकॉप्टर से दुल्हन लेने पहुंचा दूल्हा

एजेंट्स कर रहे फ्रॉड- देवड़ा बताते हैं कि मौजूदा वक्त में जो सबसे बड़ी दिक्कत आ रही है वो हेलीकॉप्टर एजेंट्स की है. एजेंट मोटी कमाई के चक्कर में कस्टमर के साथ धोखेबाजी कर रहे हैं. देवड़ा कहते हैं कि कई बार एजेंट हेलीकॉप्टर की उपलब्धता न होने के बावजूद भी कस्टमर से एडवांस पेमेंट ऐंठ लेते हैं और बाद में उन्हें किसी भी तरह का बहाना बनाकर हेलीकॉप्टर उपलब्ध नहीं कराते हैं, चूंकि पेमेंट पहले एडवांस में हो चुका होता है और उसकी कोई लिखित में रिटर्न वापसी की कंडीशन नहीं होती है इसलिए कस्टमर को पैसा वापस भी नहीं मिलता है. देवड़ा कहते हैं इन परिस्थितियों को देखते हुए इसके लिए हमने सुझाव दिए हैं कि एजेंट्स को पाबंद किया जाए कि वो किसी भी कस्टमर से हेलीकॉप्टर की बुकिंग करते वक्त कैंसिलेशन होने पर भुगतान वापस करने की टर्म्स कंडीशन जरूर एड करें.

1 से डेढ़ लाख रुपए घंटे का आता है खर्चः केप्टन विभूति सिंह देवड़ा ने बताया कि राजस्थान में एकमात्र गो फ्लाई जोन हेलीपोर्ट शाहपुरा में है , जहां से हेलीकॉप्टर किराए पर उपलब्ध होते हैं . हेलिकाप्टर पार्किंग और Maintenance का राजस्थान का यह एकमात्र Heliport है . जहां से राजस्थान व अन्य निकट के राज्यों में Helicopter जाते हैं . आम व्यक्ति यहां से सीधा भी अपनी बुकिंग करा सकता है और एजेंट के जरिए भी . एजेंट के जरिए कराने से 20 से 35 प्रतिशत अधिक खर्च आता है. उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर किराए पर लेने के लिए एक से डेढ़ लाख रुपए घंटे के हिसाब से खर्च आता है. किसी भी हेलीकॉप्टर की बुकिंग मिनिमम 2 घंटे के लिए होती है. जब कोई भी हेलिकाप्टर गो फ्लाई जोन हेलीपोर्ट से उड़ान भरता है तो उसी वक्त से उसका समय शुरू हो जाता है. देवड़ा ने बताया कि डबल इंजन के हेलीकॉप्टर में प्रति घंटा बुकिंग खर्च ज्यादा होता है और वो ज्यादातर दिल्ली से आते हैं. एक हेलीकॉप्टर में 4 से 6 लोग सवार हो सकते हैं . कोई हेलीकॉप्टर 4 सीटर होता है तो कोई 6 सीटर.

12 लाख रुपए का आया खर्चः हाल ही में भीलवाड़ा के एक परिवार में हुई एक शादी के अंदर दो हेलीकॉप्टर किराए पर एजेंट के जरिए मंगवाए गए थे , जिसमें लगभग 12 लाख का खर्चा आया था . हेलीकॉप्टर किराए पर मंगवाने वाले गौरव मल ने बताया कि पिताजी का सपना था कि उनके बेटे की बारात हेलीकॉप्टर में जाए . अपने उस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने हेलीकॉप्टर किराए पर मंगवाए थे . एक हेलीकॉप्टर में दूल्हा दुल्हन को लाया गया था तो दूसरे में बरात के कुछ सदस्य समारोह को गए थे. उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर किराए पर मंगवाने से शादी के खर्च में अतिरिक्त भार जरूर आया था, लेकिन परिवार के बड़े सदस्यों की इच्छा पूरी करनी भी जरूरी थी .

Expert देते हैं नियमों का हवाला

जयपुर. राजस्थान में इन दिनों हेलीकॉप्टर का क्रेज बढ़ गया है. एक अनुमान के मुताबिक जहां कोरोना काल से पहले धार्मिक आयोजनों में पुष्प वर्षा और दुल्हन को लाने सहित अन्य उपयोग के लिए हेलीकॉप्टर की साल में 700 से 800 बुकिंग होती थी, अब ये बुकिंग दोगुनी यानी 1400 से 1500 के करीब पहुंच गई है . जिसकी बड़ी वजह नियमों का सरलीकरण और दिखावा है.

जरूरी और काबिल ए गौर बात ये है कि इस दिखावे के लिए एजेंट्स अपने नियम कायदे थोपते हैं. या यूं कहें कि दुरुपयोग से बड़ी दुर्घटनाएं भी घट रही है और आम आदमी की जेब पर भी डाका पड़ रहा है. हेलीकॉप्टर किराए पर लेने के कुछ नियम हैं जिसके बारे में हेलीकॉप्टर एक्सीडेंटल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो के लीगल एडवाइजर विभूति सिंह देवड़ा ने बताया. विभूति सिंह देवड़ा कहते हैं कि सोसाइटी में एक इमेज बिल्डअप करने के लिए इस तरह से आयोजनों में हेलीकॉप्टर का उपयोग किराए पर लेकर किया जा रहा है.

एजेंट्स कर रहे नियमों का दुरुपयोग- देवड़ा कहते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार ने हेलीकॉप्टर को अप्रोचेबल बनाने के लिए नियमों को 2019 में संशोधित किया गया. नए नियमों के अनुसार आम आदमी आसानी से बिना कानूनी झमेलों में पड़े हेलीकॉप्टर को किराए पर ला सकता है. यहां दिक्कत ये है कि बेसिक नियम की भी पालना नही हो रही है. नियम कहते हैं कि उड़ान के वक्त उस जगह पर एम्बुलेंस और अग्निशमन गाड़ी मौजूद हो और सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित हो लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं है. अकसर देखा जा रहा है कि जिस मंशा से नियमों को सरल किया गया उसको misuse ही किया जा रहा है. जब हेलीकॉप्टर उड़ाया या उतारा जा रहा है तब इन बेसिक नियमों को भी दरकिनार किया जा रहा है जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

क्या कहते हैं नियम?- अक्टूबर 2019 में राज्य सरकार ने भारत सरकार के नियमों का हवाला देते हुए सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किया कि अब कोई भी हेलीकॉप्टर निजी जमीन पर उतारा जाएगा, तो उसे किसी एनओसी या अनुमति की आवश्यकता नही होगी. सिर्फ कलेक्टर को सूचित करना होगा कि इस दिन इस समय पर हेलीकॉप्टर उतारा और उड़ाया जाएगा. देवड़ा बताते हैं कि नियमों में बदलाव आम आदमी की सुविधा को ध्यान में रख, बनाया गया था. दरअसल, मरुभूमि घूमने आने वाले सैलानियों को आसमान से प्रदेश को निहारने की चाहत खूब थी. दिक्कत ये थी कि उन्हें तत्काल परमिशन मिलना मुश्किल होता था तो इसका तोड़ नियमों में संशोधन के जरिए किया गया ताकि लगे हाथ टूरिज्म को प्रोत्साहन मिल सके, लेकिन अब इन नियमों को आधार बना कर शादी और धार्मिक आयोजनों में भी इसी तरह हेलीकॉप्टर उड़ाए जा रहे हैं.

Helicopter Craze In Rajasthan
राजस्थान में एकमात्र गो फ्लाई जोन हेलीपोर्ट शाहपुरा में है.

पढे़ं- Helicopter Wedding: पोते ने पूरी की दादा-दादी की इच्छा, हेलीकॉप्टर से दुल्हन लेने पहुंचा दूल्हा

एजेंट्स कर रहे फ्रॉड- देवड़ा बताते हैं कि मौजूदा वक्त में जो सबसे बड़ी दिक्कत आ रही है वो हेलीकॉप्टर एजेंट्स की है. एजेंट मोटी कमाई के चक्कर में कस्टमर के साथ धोखेबाजी कर रहे हैं. देवड़ा कहते हैं कि कई बार एजेंट हेलीकॉप्टर की उपलब्धता न होने के बावजूद भी कस्टमर से एडवांस पेमेंट ऐंठ लेते हैं और बाद में उन्हें किसी भी तरह का बहाना बनाकर हेलीकॉप्टर उपलब्ध नहीं कराते हैं, चूंकि पेमेंट पहले एडवांस में हो चुका होता है और उसकी कोई लिखित में रिटर्न वापसी की कंडीशन नहीं होती है इसलिए कस्टमर को पैसा वापस भी नहीं मिलता है. देवड़ा कहते हैं इन परिस्थितियों को देखते हुए इसके लिए हमने सुझाव दिए हैं कि एजेंट्स को पाबंद किया जाए कि वो किसी भी कस्टमर से हेलीकॉप्टर की बुकिंग करते वक्त कैंसिलेशन होने पर भुगतान वापस करने की टर्म्स कंडीशन जरूर एड करें.

1 से डेढ़ लाख रुपए घंटे का आता है खर्चः केप्टन विभूति सिंह देवड़ा ने बताया कि राजस्थान में एकमात्र गो फ्लाई जोन हेलीपोर्ट शाहपुरा में है , जहां से हेलीकॉप्टर किराए पर उपलब्ध होते हैं . हेलिकाप्टर पार्किंग और Maintenance का राजस्थान का यह एकमात्र Heliport है . जहां से राजस्थान व अन्य निकट के राज्यों में Helicopter जाते हैं . आम व्यक्ति यहां से सीधा भी अपनी बुकिंग करा सकता है और एजेंट के जरिए भी . एजेंट के जरिए कराने से 20 से 35 प्रतिशत अधिक खर्च आता है. उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर किराए पर लेने के लिए एक से डेढ़ लाख रुपए घंटे के हिसाब से खर्च आता है. किसी भी हेलीकॉप्टर की बुकिंग मिनिमम 2 घंटे के लिए होती है. जब कोई भी हेलिकाप्टर गो फ्लाई जोन हेलीपोर्ट से उड़ान भरता है तो उसी वक्त से उसका समय शुरू हो जाता है. देवड़ा ने बताया कि डबल इंजन के हेलीकॉप्टर में प्रति घंटा बुकिंग खर्च ज्यादा होता है और वो ज्यादातर दिल्ली से आते हैं. एक हेलीकॉप्टर में 4 से 6 लोग सवार हो सकते हैं . कोई हेलीकॉप्टर 4 सीटर होता है तो कोई 6 सीटर.

12 लाख रुपए का आया खर्चः हाल ही में भीलवाड़ा के एक परिवार में हुई एक शादी के अंदर दो हेलीकॉप्टर किराए पर एजेंट के जरिए मंगवाए गए थे , जिसमें लगभग 12 लाख का खर्चा आया था . हेलीकॉप्टर किराए पर मंगवाने वाले गौरव मल ने बताया कि पिताजी का सपना था कि उनके बेटे की बारात हेलीकॉप्टर में जाए . अपने उस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने हेलीकॉप्टर किराए पर मंगवाए थे . एक हेलीकॉप्टर में दूल्हा दुल्हन को लाया गया था तो दूसरे में बरात के कुछ सदस्य समारोह को गए थे. उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर किराए पर मंगवाने से शादी के खर्च में अतिरिक्त भार जरूर आया था, लेकिन परिवार के बड़े सदस्यों की इच्छा पूरी करनी भी जरूरी थी .

Last Updated : Feb 8, 2023, 11:20 PM IST
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