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राठौड़ की याचिका पर सुनवाई 16 तक टली, यह है मामला

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के 81 विधायकों की ओर से स्पीकर को इस्तीफे देने से जुडे़ मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी. अब मामले की सुनवाई 16 फरवरी को होगी.

Rajasthan High Court,  Hearing in High Court
राजस्थान हाईकोर्ट.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 8, 2024, 9:39 PM IST

जयपुर. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के 81 विधायकों की ओर से स्पीकर को इस्तीफे देने से जुडे़ मामले में भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ की याचिका पर सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी. समयाभाव के चलते एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 16 फरवरी को तय की है.

गौरतलब है कि पिछली सुनवाई पर याचिकाकर्ता राजेन्द्र राठौड़ ने इस मामले में शांति धारीवाल, महेश जोशी, रफीक खान, महेन्द्र चौधरी, रामलाल जाट व संयम लोढ़ा को भी पक्षकार बनाने का प्रार्थना पत्र पेश किया था. प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि इन विधायकों ने अन्य विधायकों के इस्तीफे स्पीकर को दिए थे. इसलिए इन्हें पक्षकार बनाया जाए, जिससे यह पता चल सके कि 81 एमएलए ने किसके दबाव में विधानसभा स्पीकर को इस्तीफे सौंपे थे.

पढ़ेंः Rajasthan High Court: स्पीकर के आदेश को चुनौती, खंडपीठ में सुनवाई 28 नवंबर को

इसके अलावा अदालत से 81 एमएलए की ओर से 25 सितंबर 2022 से वेतन-भत्तों के तौर पर प्राप्त किए करीब 18 करोड़ रुपए के संबंध में भी उचित आदेश देने का आग्रह किया है. याचिका में कहा गया कि 6 विधायकों ने 81 विधायकों के इस्तीफे स्पीकर को सौंपे थे, स्पीकर ने करीब 113 दिन के बाद इस्तीफे रिजेक्ट करते हुए माना कि इस्तीफे स्वेच्छा से नहीं थे. ऐसे में इस बात की जांच होनी चाहिए थी कि इस्तीफे किसके दबाव में दिए गए,लेकिन स्पीकर ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की.

जयपुर. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के 81 विधायकों की ओर से स्पीकर को इस्तीफे देने से जुडे़ मामले में भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ की याचिका पर सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी. समयाभाव के चलते एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 16 फरवरी को तय की है.

गौरतलब है कि पिछली सुनवाई पर याचिकाकर्ता राजेन्द्र राठौड़ ने इस मामले में शांति धारीवाल, महेश जोशी, रफीक खान, महेन्द्र चौधरी, रामलाल जाट व संयम लोढ़ा को भी पक्षकार बनाने का प्रार्थना पत्र पेश किया था. प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि इन विधायकों ने अन्य विधायकों के इस्तीफे स्पीकर को दिए थे. इसलिए इन्हें पक्षकार बनाया जाए, जिससे यह पता चल सके कि 81 एमएलए ने किसके दबाव में विधानसभा स्पीकर को इस्तीफे सौंपे थे.

पढ़ेंः Rajasthan High Court: स्पीकर के आदेश को चुनौती, खंडपीठ में सुनवाई 28 नवंबर को

इसके अलावा अदालत से 81 एमएलए की ओर से 25 सितंबर 2022 से वेतन-भत्तों के तौर पर प्राप्त किए करीब 18 करोड़ रुपए के संबंध में भी उचित आदेश देने का आग्रह किया है. याचिका में कहा गया कि 6 विधायकों ने 81 विधायकों के इस्तीफे स्पीकर को सौंपे थे, स्पीकर ने करीब 113 दिन के बाद इस्तीफे रिजेक्ट करते हुए माना कि इस्तीफे स्वेच्छा से नहीं थे. ऐसे में इस बात की जांच होनी चाहिए थी कि इस्तीफे किसके दबाव में दिए गए,लेकिन स्पीकर ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की.

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