जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पटवारी भर्ती 2020 में वेटिंग लिस्ट से नियुक्ति देने पर लगी रोक को हटा लिया है. इसके साथ ही अदालत ने इन नियुक्तियों को याचिका के निर्णयाधीन रखा है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस अनिल उपमन की खंडपीठ ने यह आदेश रितेश कुमार व अन्य की अपील पर दिए.
हाईकोर्ट की एकलपीठ ने गत दिनों वेटिंग लिस्ट से नियुक्ति देने पर लगी रोक को हटाते हुए नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली पांच दर्जन याचिकाओं को खारिज कर दिया था. एकलपीठ के इस आदेश के खिलाफ खंडपीठ में चुनौती दी गई है. सुनवाई के दौरान प्रतीक्षा सूची के प्रभावित छात्रों की ओर से प्रार्थना पत्र पेश कर नियुक्ति प्रक्रिया से रोक हटाने की गुहार की गई. जिसे स्वीकार करते हुए खंडपीठ ने वेटिंग लिस्ट से नियुक्ति देने पर लगी रोक को हटा लिया है.
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अपील में बताया कि पटवारी भर्ती-2020 की प्रतियोगी परीक्षा अक्टूबर 2021 में हुई थी. इसमें प्रथम पारी का पेपर देने वाले सबसे ज्यादा 33 फीसदी अभ्यर्थी चयनित हुए थे. जबकि चौथी पारी में पेपर देने वालों में से केवल 11 फीसदी अभ्यर्थियों का ही चयन हुआ है. चयन बोर्ड ने भर्ती में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया सही तरीके से नहीं अपनाई है. ऐसा संभव नहीं हो सकता कि भर्ती में एक ही पारी वालों का सबसे ज्यादा चयन हुआ हो. बोर्ड अब वेटिंग लिस्ट के खाली पदों पर भी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर रहा है. नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने पर याचिकाकर्ताओं के हित प्रभावित होंगे और वे नियुक्ति से वंचित रह जाएंगे.
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अपील में कहा गया कि एकलपीठ ने अपने आदेश में इस बात को नहीं देखा कि जहां चरणों में परीक्षा होती है, वहां अलग-अलग विषयों के संबंध में अपनाए जाने वाला स्कैलिंग का फॉर्मूला लागू नहीं होता है. अलग-अलग चरणों में आयोजित परीक्षा के लिए एक अलग तरीके का फॉर्मूला अपनाया जाता है. ऐसे में एकलपीठ के आदेश को रद्द किया जाए. गौरतलब है कि हाईकोर्ट की खंडपीठ ने पूर्व में प्रतीक्षा सूची से नियुक्ति देने पर रोक लगा दी थी.