जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दी बार एसोसिएशन, जयपुर के 28 अगस्त को होने वाले वार्षिक चुनाव के लिए चुनाव समिति की ओर से 17 अगस्त, 2022 से 17 अगस्त, 2023 के दौरान किसी अन्य बार एसोसिएशन में मतदान नहीं करने के संबंध में मांगे जा रहे शपथ पत्र में कैलेंडर वर्ष को लेकर स्पष्टीकरण के लिए पक्षकारों को खंडपीठ में जाने की छूट दी है.
अदालत ने कहा कि इस मामले में खंडपीठ ने दिशा-निर्देश देकर आदेश दिया था. ऐसे में स्पष्टीकरण के लिए भी वहीं याचिका दायर की जाए. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश गुरुवार को बंशीधर शर्मा सहित अन्य की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिए. सुनवाई के बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि बार एसोसिएशन चुनाव में एक साल की अवधि में किसी अन्य बार एसोसिएशन में मतदान नहीं करने वाले ही योग्य हैं. ऐसे में एक साल में किसी अन्य बार में मतदान करने वालों को चुनाव में भाग लेने की मंजूरी नहीं दी जा सकती. इसके विरोध में याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता डॉ अभिनव शर्मा व प्रहलाद शर्मा ने कहा कि खंडपीठ के आदेश को स्पष्ट करने का अधिकार बार कौंसिल को नहीं है.
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हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 12 सितंबर, 2017 को आदेश जारी कर ’वन बार वन वोट’ के संबंध में निर्देश दिया था और ऐसे में कैलेंडर वर्ष में किसी अन्य बार एसोसिएशन में मतदान नहीं करने वालों को दी बार एसोसिएशन चुनाव में मतदान करने की मंजूरी दी जानी चाहिए. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर कहा कि इस मामले में खंडपीठ ने आदेश दिया था और यदि उस आदेश में कोई स्पष्टीकरण चाहिए, तो उन्हें खंडपीठ में ही जाना चाहिए. गौरतलब है कि याचिकाओं में बार एसोसिएशन चुनाव में की उस शर्त को चुनौती दी है, जिसमें 17 अगस्त, 2022 से 17 अगस्त, 2023 की अवधि में किसी अन्य बार एसोसिएशन चुनाव में मतदान करने वाले वकीलों को मतदान के योग्य नहीं माना है.