जयपुर. छोटी काशी में श्रावण शुक्ल तृतीया के अवसर पर हरियाली तीज फेस्टिवल के दूसरे दिन बूढ़ी तीज माता की सवारी शान से निकाली गई. रविवार को बूढ़ी तीज माता की शाही सवारी सिटी पैलेस की जनाना ड्योढ़ी से शुरू होकर तालकटोरा पहुंची. चांदी की पालकी पर सवार होकर बूढ़ी तीज माता की सवारी निकाली गई. तीज माता की सवारी को देखने के लिए जयपुर राइट्स के साथ ही देशी-विदेशी सैलानी भी काफी संख्या में पहुंचे. तीज फेस्टिवल कार्यक्रम के दौरान 130 से अधिक लोक कलाकारों ने प्रदेश के लोक कला और संस्कृति की छटा बिखेरी.
पर्यटन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर उपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि तीज माता के जयकारों और पुष्प वर्षा से श्रद्धालुओं ने तीज माता का अभिवादन किया. त्रिपोलिया के झरोखों से तेज माता की सवारी पर गुलाब की पंखुड़ियां की वर्षा की गई. बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक और जयपुर राइट्स तीज माता की सवारी देखने के लिए पहुंचे. इस दौरान लोगों में आस्था और उमंग का सैलाब देखने को मिला. पर्यटन विभाग की ओर से पर्यटकों के लिए तीज पर बनने वाली विशेष व्यंजन घेवर खिलाकर मुंह मीठा करवाया गया. पूर्व राजघराने के सदस्य पद्मनाभ सिंह की ओर से त्रिपोलिया गेट पर तीज माता को विधिवत भोग अर्पित किया गया और पूजा-अर्चना की गई.
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पर्यटन विभाग की ओर से विदेशी मेहमानों के लिए त्रिपोलिया गेट के सामने होटल की छत पर बैठने की व्यवस्था की गई. लोगों में तीज माता की सवारी को लेकर खासा उत्साह देखा गया. राजस्थान के प्रसिद्ध कालबेलिया नृत्य, गैर नृत्य, बहरूपिया, मशक वादन, कठपुतली नृत्य, कच्ची घोड़ी नृत्य और अलग-अलग बैंड ग्रुप समेत अनेक कलाकारों के समूह ने तीज की शाही सवारी में अपनी शानदार प्रस्तुतियां दी. राजस्थानी परंपरागत पोशाक और राजस्थानी दाढ़ी में ऊंट पर सवार बीकानेर के रोबीलों की ओर से मुंह में तलवार लिए हर-हर महादेव की जय घोष के साथ अपने शौर्य का प्रदर्शन किया गया.
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पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्थाएं चाक चौबंद की गईं. त्रिपोलिया बाजार का ट्रैफिक डायवर्ट किया गया. सड़क के किनारे बैरिकेट्स लगाकर लोगों के लिए तीज की सवारी देखने की व्यवस्थाएं की गईं. बैंड बाजा, सजे हुए ऊंट, घोड़े और शाही लवाजमा के साथ तीज माता चांदी की पालकी में सवार होकर त्रिपोलिया गेट से रवाना होकर छोटी चौपड़, गणगौरी बाजार होते हुए तालकटोरा पहुंचीं.