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बीडी कल्ला बोले- मैं विनिंग कैंडिडेट, लड़ूंगा चुनाव...तो गुरमीत सिंह कुन्नर ने कहा- बेटे को टिकट दे दो तो मेरी जान छूटे - दीपेंद्र सिंह शेखावत

मंत्री बीडी कल्ला ने बड़ा बयान दिया है. गुरुवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं तो चुनाव लडूंगा, क्योंकि मैं जिताऊ उम्मीदवार हूं. जबकि गुरमीत सिंह कुन्नर ने अपने बेटे को टिकट (Ticket Formula in Rajasthan) देने की बात कही.

Congress Politics in Rajasthan
बीडी कल्ला और पूर्व मंत्री गुरमीत सिंह कुन्नर
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Published : Jun 22, 2023, 4:18 PM IST

Updated : Jun 22, 2023, 4:29 PM IST

किसने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. दीपेंद्र सिंह शेखावत के विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बाद राजस्थान में उम्र दराज नेताओं के चुनाव लड़ने को लेकर नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं. मंत्री बीडी कल्ला ने साफ तौर पर इस बात से इनकार कर दिया है कि वह उम्र के चलते चुनावी मैदान छोड़ेंगे. बीडी कल्ला ने कहा कि हमारे प्रभारी रंधावा ने कहा था कि नौजवान और उम्र दराज नेता, दोनों मिलकर चुनाव लड़ते हैं और मैं चुनाव लड़ूंगा. मैं विनिंग कैंडिडेट हूं, काम कर रहा हूं.

मंत्री कल्ला ने कहा कि हमारे क्षेत्र में अगर कोई नौजवान तैयार होगा तभी तो मैदान छोड़ेंगे, लेकिन अभी तक कोई तैयार हुआ ? कल्ला ने कहा कि मेरी सीट पर तो बीजेपी से टिकट मांगने वाला नहीं है, मैदान साफ है. कल्ला ने कहा कि जो मैदान छोड़ रहे हैं उनकी इच्छा है, चुनाव में अपनी-अपनी इच्छा है. जो काम कर सकता है उसे करना चाहिए और जो नहीं कर सकता उसे छोड़ देना चाहिए.

पढ़ें : Ticket Formula in Rajasthan : चुनावी मोड में राजस्थान कांग्रेस, लेकिन पार्टी नेतृत्व के सामने ये है बड़ी उलझन

मैंने रंधावा से कहा- बेटे को टिकट दो तो मेरी जान छूटे : बीडी कल्ला भले ही चुनाव लड़ने की बात कह रहे हों, लेकिन पूर्व मंत्री गुरमीत सिंह कुन्नर ने दीपेंद्र सिंह, हेमाराम जैसे नेताओं के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता. उन्होंने कहा कि मैं तो प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से भी कह कर आया हूं कि बेटे को टिकट दे दो तो मेरी जान छूटे. उन्होंने कहा कि जब उम्र दराज आदमी हो जाता है, सेहत इजाजत नहीं देती तो छोड़ना ही पड़ता है. मैं भी कह कर आया हूं कि बेटे को टिकट दे दो तो मेरी जान छूटे. वह चुनाव लड़ने के लायक है.

उन्होंने कहा कि यह पार्टी के ऊपर है कि वह क्या निर्णय लेती है, लेकिन मैं मेरे मन से चुनाव नहीं लड़ना चाहता. मन से तो बेटे को चुनाव लड़वाना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि मैं कोरोना के समय बीमार रहा, क्षेत्र में भी नहीं जा सका, लेकिन लोग कहते हैं चुनाव लड़ो. लोग तो कहेंगे, लेकिन मेरा मन चुनाव लड़ने का नहीं है. उन्होंने दावा किया कि उनकी सीट पर चुनाव लड़ने के लिए कोई दूसरा प्रत्याशी नहीं है.

अच्छा हुआ मंत्री नहीं बना, जो बने वह परेशान हैं : गुरमीत सिंह कुन्नर से जब यह पूछा गया कि मंत्री नहीं बनाए जाने का उन्हें दुख है, तो उन्होंने कहा कि मंत्री बनाने का काम आलाकमान का है. अब उनकी क्या सोच रही यह तो वही जानते हैं, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जो मंत्री बने वह भी रोते हुए घूम रहे हैं. ऐसे में अच्छा हुआ कि मुझे मंत्री नहीं बनाया गया.

किसने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. दीपेंद्र सिंह शेखावत के विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बाद राजस्थान में उम्र दराज नेताओं के चुनाव लड़ने को लेकर नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं. मंत्री बीडी कल्ला ने साफ तौर पर इस बात से इनकार कर दिया है कि वह उम्र के चलते चुनावी मैदान छोड़ेंगे. बीडी कल्ला ने कहा कि हमारे प्रभारी रंधावा ने कहा था कि नौजवान और उम्र दराज नेता, दोनों मिलकर चुनाव लड़ते हैं और मैं चुनाव लड़ूंगा. मैं विनिंग कैंडिडेट हूं, काम कर रहा हूं.

मंत्री कल्ला ने कहा कि हमारे क्षेत्र में अगर कोई नौजवान तैयार होगा तभी तो मैदान छोड़ेंगे, लेकिन अभी तक कोई तैयार हुआ ? कल्ला ने कहा कि मेरी सीट पर तो बीजेपी से टिकट मांगने वाला नहीं है, मैदान साफ है. कल्ला ने कहा कि जो मैदान छोड़ रहे हैं उनकी इच्छा है, चुनाव में अपनी-अपनी इच्छा है. जो काम कर सकता है उसे करना चाहिए और जो नहीं कर सकता उसे छोड़ देना चाहिए.

पढ़ें : Ticket Formula in Rajasthan : चुनावी मोड में राजस्थान कांग्रेस, लेकिन पार्टी नेतृत्व के सामने ये है बड़ी उलझन

मैंने रंधावा से कहा- बेटे को टिकट दो तो मेरी जान छूटे : बीडी कल्ला भले ही चुनाव लड़ने की बात कह रहे हों, लेकिन पूर्व मंत्री गुरमीत सिंह कुन्नर ने दीपेंद्र सिंह, हेमाराम जैसे नेताओं के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता. उन्होंने कहा कि मैं तो प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से भी कह कर आया हूं कि बेटे को टिकट दे दो तो मेरी जान छूटे. उन्होंने कहा कि जब उम्र दराज आदमी हो जाता है, सेहत इजाजत नहीं देती तो छोड़ना ही पड़ता है. मैं भी कह कर आया हूं कि बेटे को टिकट दे दो तो मेरी जान छूटे. वह चुनाव लड़ने के लायक है.

उन्होंने कहा कि यह पार्टी के ऊपर है कि वह क्या निर्णय लेती है, लेकिन मैं मेरे मन से चुनाव नहीं लड़ना चाहता. मन से तो बेटे को चुनाव लड़वाना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि मैं कोरोना के समय बीमार रहा, क्षेत्र में भी नहीं जा सका, लेकिन लोग कहते हैं चुनाव लड़ो. लोग तो कहेंगे, लेकिन मेरा मन चुनाव लड़ने का नहीं है. उन्होंने दावा किया कि उनकी सीट पर चुनाव लड़ने के लिए कोई दूसरा प्रत्याशी नहीं है.

अच्छा हुआ मंत्री नहीं बना, जो बने वह परेशान हैं : गुरमीत सिंह कुन्नर से जब यह पूछा गया कि मंत्री नहीं बनाए जाने का उन्हें दुख है, तो उन्होंने कहा कि मंत्री बनाने का काम आलाकमान का है. अब उनकी क्या सोच रही यह तो वही जानते हैं, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जो मंत्री बने वह भी रोते हुए घूम रहे हैं. ऐसे में अच्छा हुआ कि मुझे मंत्री नहीं बनाया गया.

Last Updated : Jun 22, 2023, 4:29 PM IST
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