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चुनाव में कांग्रेस की खिलाफत, मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भाजपा के विरोध में गुर्जर समाज

राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की खिलाफत में उतरे गुर्जर समाज का गुस्सा मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ फूट पड़ा है. आज गुर्जर समाज का भाजपा के खिलाफ गुस्सा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्रेंडिंग में रहा.

Gurjar against BJP
भाजपा के विरोध में गुर्जर समाज
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 30, 2023, 10:59 PM IST

भाजपा के विरोध में गुर्जर समाज

जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव में गुर्जर समाज ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी, लेकिन अब भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद गुर्जरों का गुस्सा भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ फूट पड़ा है. गुर्जरों का भाजपा के खिलाफ गुस्सा शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी ट्रेंडिंग में रहा. इसका कारण यह है कि भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में गुर्जर समाज को आशानुरूप प्रतिनिधित्व नहीं मिला है.

दरअसल, भजनलाल सरकार में आज जो मंत्री बनाए गए हैं, उनमें गुर्जर समाज से महज एक विधायक हैं. गुर्जर समाज से आने वाले नगर विधायक जवाहर सिंह बेढम को राज्यमंत्री बनाया गया है, जबकि भाजपा में पांच गुर्जर विधायक जीतकर आए हैं. ऐसे में समुचित प्रतिनिधत्व नहीं मिलने से गुर्जर समाज में गुस्सा है. यह गुस्सा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी ट्रेंड कर रहा है.

पढ़ें. राजस्थान में भजनलाल मंत्रिमंडल का गठन, 12 कैबिनेट मंत्री, 5 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार व 5 राज्य राज्यमंत्री ने ली शपथ

गुर्जर समाज ने कांग्रेस के खिलाफ दिया वोट : दरअसल, इस बार विधानसभा चुनाव से पहले गुर्जर समाज का गुस्सा कांग्रेस पर फूटा था. इसके चलते पूर्वी राजस्थान की कई सीटों पर कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा था, जहां गुर्जर मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. इसके अलावा उन सीटों पर भी कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा, जहां गुर्जर मतदाता कम, लेकिन निर्णायक भूमिका में थे. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी चुनाव से ठीक पहले गुर्जर वोटर्स को साधने के लिहाज से राजेश पायलट का जिक्र अपने भाषण में किया था.

जसवंत बोले, पता चला भाजपा को गुर्जर समाज की कितनी चिंता: कांग्रेस महासचिव जसवंत गुर्जर का कहना है कि भाजपा के मंत्रिमंडल गठन के बाद उनका छिपा हुआ चेहरा जनता के सामने आ गया है. भाजपा नेता चुनाव से पहले गुर्जर समाज को लेकर काफी चिंता जता रहे थे. गुर्जरों के आराध्य देवताओं के स्थानों पर भी भाजपा नेता गए. गुर्जर समाज को लुभाने के लिए बयानबाजी भी की, लेकिन आज मंत्रिमंडल में साफ दिखाई दे रहा है कि उन्हें कितनी चिंता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवंगत राजेश पायलट और हमारे नेता सचिन पायलट को लेकर बयानबाजी कर रहे थे. आज मंत्रिमंडल में एक भी कैबिनेट मंत्री या राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुर्जर समाज को नहीं मिला है. यह गुर्जरों के बारे में उनकी कथनी और करनी का भेद बताता है.

भाजपा के विरोध में गुर्जर समाज

जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव में गुर्जर समाज ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी, लेकिन अब भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद गुर्जरों का गुस्सा भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ फूट पड़ा है. गुर्जरों का भाजपा के खिलाफ गुस्सा शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी ट्रेंडिंग में रहा. इसका कारण यह है कि भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में गुर्जर समाज को आशानुरूप प्रतिनिधित्व नहीं मिला है.

दरअसल, भजनलाल सरकार में आज जो मंत्री बनाए गए हैं, उनमें गुर्जर समाज से महज एक विधायक हैं. गुर्जर समाज से आने वाले नगर विधायक जवाहर सिंह बेढम को राज्यमंत्री बनाया गया है, जबकि भाजपा में पांच गुर्जर विधायक जीतकर आए हैं. ऐसे में समुचित प्रतिनिधत्व नहीं मिलने से गुर्जर समाज में गुस्सा है. यह गुस्सा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी ट्रेंड कर रहा है.

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गुर्जर समाज ने कांग्रेस के खिलाफ दिया वोट : दरअसल, इस बार विधानसभा चुनाव से पहले गुर्जर समाज का गुस्सा कांग्रेस पर फूटा था. इसके चलते पूर्वी राजस्थान की कई सीटों पर कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा था, जहां गुर्जर मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. इसके अलावा उन सीटों पर भी कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा, जहां गुर्जर मतदाता कम, लेकिन निर्णायक भूमिका में थे. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी चुनाव से ठीक पहले गुर्जर वोटर्स को साधने के लिहाज से राजेश पायलट का जिक्र अपने भाषण में किया था.

जसवंत बोले, पता चला भाजपा को गुर्जर समाज की कितनी चिंता: कांग्रेस महासचिव जसवंत गुर्जर का कहना है कि भाजपा के मंत्रिमंडल गठन के बाद उनका छिपा हुआ चेहरा जनता के सामने आ गया है. भाजपा नेता चुनाव से पहले गुर्जर समाज को लेकर काफी चिंता जता रहे थे. गुर्जरों के आराध्य देवताओं के स्थानों पर भी भाजपा नेता गए. गुर्जर समाज को लुभाने के लिए बयानबाजी भी की, लेकिन आज मंत्रिमंडल में साफ दिखाई दे रहा है कि उन्हें कितनी चिंता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवंगत राजेश पायलट और हमारे नेता सचिन पायलट को लेकर बयानबाजी कर रहे थे. आज मंत्रिमंडल में एक भी कैबिनेट मंत्री या राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुर्जर समाज को नहीं मिला है. यह गुर्जरों के बारे में उनकी कथनी और करनी का भेद बताता है.

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