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जयपुर के अराध्य गोविंदेवजी मंदिर में सजी जल विहार झांकी

बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर जयपुर के गोविंद देवजी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ है. मंदिर के गर्भ गृह को भव्य रूप से सजाया गया है.

गोविंद देवजी मंदिर में जल विहार झांकी
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Published : May 18, 2019, 5:52 PM IST

जयपुर. बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर गोविंद देवजी मंदिर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. इस दौरान मंदिर में ठाकुरजी की केवड़ा और गुलाब जल को मिश्रित कर जल विहार झांकी सजाई गई है.

गोविंदेवजी मंदिर में सजी जल यात्रा की झांकी

छोटी काशी जयपुर में जेष्ठ शुक्ल पीपल पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा शनिवार को भक्ति भाव के साथ मनाई गई. गोविंद देवजी मंदिर में जल यात्रा के साथ ही ठाकुरजी को ठंडे फलों का भोग लगाया गया. जिसमें खरबूजा, आम, अंगूर, केले शामिल थे. इस दौरान ठाकुरजी को सूती सफेद रंग का धोती दुप्पटा धारण करवाया गया और फूलों से मुकुट का श्रृंगार किया गया. इस मौके पर मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तगण ठाकुरजी के जलयात्रा के दर्शन करने पहुंचे और जय श्री राधे के जयकारे लगाए.

बता दें कि मंदिर में ठाकुरजी को निज गर्भ मंदिर में ठंडे फव्वारों के बीच जेष्ठ माह में विशेष तिथियों के अनुसार महीनभर में 12 जल विहार यात्रा करवाई जाएगी. मंदिर के प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया की ठाकुरजी की जल विहार की झांकी के पश्चात सभी भक्तगण के बीच जल चरणामृत वितरित किया गया. जेष्ठ माह में ठाकुरजी को शीतल और ऋतु फल का भोग लगाया जाता है. भोग के बाद सभी भक्तों में वितरित किया जाता है.

जयपुर. बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर गोविंद देवजी मंदिर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. इस दौरान मंदिर में ठाकुरजी की केवड़ा और गुलाब जल को मिश्रित कर जल विहार झांकी सजाई गई है.

गोविंदेवजी मंदिर में सजी जल यात्रा की झांकी

छोटी काशी जयपुर में जेष्ठ शुक्ल पीपल पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा शनिवार को भक्ति भाव के साथ मनाई गई. गोविंद देवजी मंदिर में जल यात्रा के साथ ही ठाकुरजी को ठंडे फलों का भोग लगाया गया. जिसमें खरबूजा, आम, अंगूर, केले शामिल थे. इस दौरान ठाकुरजी को सूती सफेद रंग का धोती दुप्पटा धारण करवाया गया और फूलों से मुकुट का श्रृंगार किया गया. इस मौके पर मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तगण ठाकुरजी के जलयात्रा के दर्शन करने पहुंचे और जय श्री राधे के जयकारे लगाए.

बता दें कि मंदिर में ठाकुरजी को निज गर्भ मंदिर में ठंडे फव्वारों के बीच जेष्ठ माह में विशेष तिथियों के अनुसार महीनभर में 12 जल विहार यात्रा करवाई जाएगी. मंदिर के प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया की ठाकुरजी की जल विहार की झांकी के पश्चात सभी भक्तगण के बीच जल चरणामृत वितरित किया गया. जेष्ठ माह में ठाकुरजी को शीतल और ऋतु फल का भोग लगाया जाता है. भोग के बाद सभी भक्तों में वितरित किया जाता है.

Intro:जयपुर- छोटी काशी जयपुर में जेष्ठ शुल्क पीपल पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा के रूप में शनिवार को भक्ति भाव के साथ मनाई गई। जयपुर के आराध्य गोविंदेवजी मंदिर में भी ठाकुरजी के केवड़ा और गुलाब जल को मिश्रित करके जल विहार की झांकी सजाई गई। भगवान को निज गर्भ मंदिर में ठंडे फव्वारों के बीच जेष्ठ माह में विशेष तिथियों के अनुसार महीनभर में 12 जल विहार यात्रा करवाई जाएगी। जल यात्रा के साथ ही ठाकुरजी को ठंडे फलों का भोग लगाया गया जिसमें खरबूजा, आम, अंगूर, केले शामिल थे। ठाकुरजी को सूती सफेद रंग का धोती दुप्पटा धारण करवाया गया और फूलों से मुकुट का श्रृंगार किया गया। बड़ी संख्या में भक्तगण ठाकुरजी के जलयात्रा के दर्शन करने पहुँचे और जय श्री राधे के जयकारे लगाए।


Body:मंदिर मंहत अंजन कुमार गोस्वामी ने बताया की ठाकुरजी की जल विहार की झांकी के पश्चात सभी भक्तगण के बीच जल चरणामृत वितरित किया गया। जेष्ठ माह में ठाकुरजी को शीतल और ऋतु फल का भोग लगाया जाता है और भोग के बाद सभी भक्तों में वितरित किया जाता है।

बाईट- अंजन कुमार गोस्वामी, महंत, गोविंदेवजी मंदिर


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