जयपुर. विश्व होम्योपैथिक दिवस के अवसर पर सोमवार को जयपुर में एक नए होम्योपैथिक अस्पताल की शुरुआत हुई. राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने जगतपुरा स्थित अरावली होम्योपैथिक अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर का लोकार्पण कर जयपुरवासियों को होम्योपैथी चिकित्सा की सौगात दी है.
कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि मोती डूंगरी गणेश महंत पंडित कैलाश शर्मा और आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम मौजूद रहे. होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर अशोक सिंह सोलंकी ने बताया कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने सोमवार को जगतपुरा में अरावली होम्योपैथी अस्पताल एवं रिसर्च सेन्टर का लोकार्पण कर मरीजों के उपचार के लिए उपलब्ध सुविधाओं का अवलोकन किया. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि अपने क्षेत्र में इस तरह का पहला अस्पताल है, जहां इलाज के साथ रिसर्च भी होगी.
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कार्यक्रम में आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम ने कहा कि विज्ञान-तकनीक का जमाना है. लेकिन वैज्ञानिक जमाने में होम्योपैथी, आयुर्वेद पद्धतियों का टिकना काफी मुश्किल है. होम्योपैथी का प्रत्येक बीमारी में इलाज का काफी महत्व है. इस दौर में होम्योपैथिक चिकित्सक अपने दम पर होम्योपैथिक को बढ़ावा दे रहे हैं. सर्जरी में आधुनिक चिकित्सा जरूरी है, लेकिन रिकवरी में होम्योपैथी आयुर्वेद काफी सहायक है. होम्योपैथी के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ रहा है.
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डॉ अशोक सिंह सोलंकी ने बताया कि होम्योपैथिक का सबसे बड़ा हॉस्पिटल होगा, जिसमें 30 बेड की सुविधा है. भर्ती होने के लिए कॉटेज वार्ड की सुविधा है. होम्योपैथी के माध्यम से असाध्य रोगों का भी इलाज होगा. कोविड के बाद लोगों का होम्योपैथी के प्रति विश्वास बढ़ा है. कोरोना के इलाज में भी होम्योपैथिक की काफी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. छोटी-मोटी सर्दी, जुखाम में भी लोग होम्योपैथी का इलाज ले रहे हैं. एलर्जी वाली बीमारियों का भी होम्योपैथी में अच्छा इलाज है.