जयपुर. राजस्थान में 4 दिसम्बर को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के प्रवेश से पहले ही गहलोत और पायलट गुट आमने सामने आ गए हैं. गहलोत गुट वनक्षेत्र का हवाला देकर यात्रा दूसरे क्षेत्र से निकालने की वकालत कर रहा है तो पायलट गुट तय मार्ग से ही भारत जोड़ो यात्रा निकालने की बात कर रहा है. साथ ही एक चेहरे को यात्रा में आगे करने को लेकर भी पायलट खेमा नाराज है. वेद सोलंकी ने कुछ ताकतों को ललकारा है.
नोटिस धारी लीड फेस: 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं होने पर जिन नेताओं को कांग्रेस संगठन की ओर से कारण बताओ नोटिस मिले उनमें धर्मेंद्र राठौड़ का नाम शामिल था. उन्हें भारत जोड़ो यात्रा में आगे रखे जाने पर पायलट कैम्प को आपत्ति है. विधायक वेद सोलंकी ने कहा कि राहुल गांधी की इस यात्रा से राजस्थान कांग्रेस में माहौल बना है, उससे कांग्रेस का कार्यकर्ता उत्साहित है. लेकिन यात्रा से पहले जिस तरह के सचिन पायलट को पीछे धकेलने की कोशिश कुछ ताकतें कर रही हैं वो ताकतें अपनी कोशिश में कामयाब नहीं होगी.
पुष्कर जैसी चाल होगी नाकाम: सोलंकी ने कहा कि प्रदेश में पायलट के खिलाफ पुष्कर जैसी ही चाल लोग चल रहे हैं, लेकिन वो कामयाब नहीं होंगे. कांग्रेस आलाकमान और राजस्थान की जनता सब देख रही है. वेद सोलंकी ने कहा कि जिन लोगों को कांग्रेस आलाकमान से कारण बताओ नोटिस मिले हुए हैं वो लोग भी यात्रा के लिए इधर उधर भाग रहे हैं. वो कांग्रेस कार्यकर्ता को पीछे धकेलने का काम कर रहे हैं. ऐसे लोग संगठन से अलग हटकर काम करने का प्रयास करते हैं.
संगठन के पाले में गेंद: सोलंकी ने प्रदेश संगठन के पाले में गेंद डालते हुए कहा- राजस्थान कांग्रेस संगठन को तय करना है कि भारत जोड़ो यात्रा में संगठन सक्रिय रहे और कांग्रेस ब्लॉक स्तर के कार्यकर्ता को काम में लगाए. सलाह दी कि संगठन के जरिए ही भारत जोड़ो यात्रा में राजस्थान की आम आवाम शामिल हो ताकि कांग्रेस के प्रति माहौल बने. सोलंकी ने कहा कि इस यात्रा का प्रभाव है कि ऐसे लोग भी कांग्रेस के साथ जुड़ना चाहते हैं जो कभी कांग्रेस के साथ नहीं थे. ऐसे में राजस्थान में यात्रा ऐतिहासिक यात्रा होगी लेकिन इसे डाइवर्ट करने की जो बात कर रहे हैं यह यात्रा को कमजोर करने की बात है.
रूट बदलाव नहीं ठीक: सोलंकी ने कहा कि पहले वाला जो रूट है उसे सब जानते हैं लेकिन कुछ ऐसे लोग सक्रिय हो गए हैं जो काम अपने तरीके से कर रहे हैं. वो चेहरा दिखा कर यात्रा को कमजोर करने की साजिश कर रहे हैं. वो ऐसे हैं जिन्हें लोग देखना नहीं चाहते. सोलंकी ने कहा कि सरकार के हिसाब से सरकार काम कर रही है. लेकिन कांग्रेस का संगठन है और यहां के पीसीसी अध्यक्ष गोविंद डोटासरा हैं. उनकी टीम बरकरार है और वो ही इस यात्रा को तय करें.
धर्मेंद्र राठौड़ निशाने पर क्यों?: 25 सितंबर 2022 को कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं होने और 92 विधायकों के स्पीकर को जाकर इस्तीफा सौंपने के पीछे जयपुर आए पर्यवेक्षको ने शांति धारीवाल ,महेश जोशी और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ रिपोर्ट दी थी. तीनों नेताओं को कारण बताओ नोटिस मिले, लेकिन इन तीनों नेताओं पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई. नोटिस पाने वाले धर्मेंद्र राठौड़ तो राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के मैनेजमेंट का काम देख रहे हैं.
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माकन के इस्तीफे की वजह भी बगावती गैंग की तिकड़ी!: भले ही राठौड़ को आधिकारिक तौर पर यह जिम्मा नहीं मिला लेकिन चाहे यात्रा का रूट तय करने के लिए झालावाड़, दौसा और सवाई माधोपुर का दौरा करना हो या फिर प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के साथ महाराष्ट्र के हिंगोली जाकर यात्रा के लिए होने वाली तैयारियों की बात करनी हो धर्मेंद्र राठौड़ हर समय आगे रहे. इसी बात को लेकर अब पायलट खेमा नाराज है. अजय माकन के पद छोड़ने के पीछे भी इन्हीं नेताओं को मिल रही जिम्मेदारी को मान रहा है.