जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को बजट पूर्व प्रदेशवासियों से सुझाव मांगे (Gehlot Govt invited Suggestions for budget 2023) थे. मुख्यमंत्री ने सुझावों के आधार पर बजट लाने की बात कही, जिससे प्रदेश के समग्र विकास को गति दी जा सकेगी. सरकार की ओर से मांगे गए सुझाव में 12 घंटों में ही प्रदेशवासियों से लगभग 21 हजार सुझाव प्राप्त हो चुके हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ-साथ पारदर्शी, संवेदनशील एवं जवाबदेह सुशासन में स्वयंसेवी संगठनों एवं सिविल सोसायटी की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है. उन्होंने कहा कि आवश्यकता के अनुसार नवाचार के लिए दिए गए मूल्यवान एवं सारगर्भित सुझावों को आगामी बजट में स्थान देने का पूरा प्रयास किया जाएगा. इनके राज्य सरकार इस बार का बजट युवाओं एवं छात्रों की भावना के अनुरूप तैयार करने जा रही है.
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सीएम गहलोत गुरुवार शाम को सचिवालय में स्वयंसेवी संगठनों, सिविल सोसायटी तथा उपभोक्ता (budget 2023 24 in Rajasthan) फोरम के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा सामाजिक सुरक्षा से जुड़े कार्यों में प्रगतिशील सोच के साथ फैसले लिए हैं . प्रदेश में जनकल्याणकारी योजनाओं के लागू होने के चलते ही गरीब एवं वंचित वर्ग का जीवन स्तर ऊपर उठा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनकल्याणकारी बजट तैयार करने में स्वयंसेवी संगठनों और सिविल सोसायटी की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. जिससे हर वर्ग तक बजट का लाभ वास्तविक रूप में पहुंच सके.
हर वर्ग की साझेदारी से समग्र विकास : मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी योजनाओं एवं नीतियों के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में विभिन्न संगठनों की ओर से दिए गए फीडबैक की महवपूर्ण भूमिका होती है. उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी संगठनों, सिविल सोसायटी और उपभोक्ता फोरम के प्रतिनिधियों के साथ हुई चर्चा के दौरान कई महवपूर्ण सुझाव आए हैं. जिन्हें बजट में शामिल कर क्रियांवित करने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे. गहलोत ने कहा कि समाज के सभी वर्गों की भागीदारी से ही प्रदेश का समग्र विकास होगा.
गहलोत ने कहा कि सामाजिक संगठनों ने पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, खाद्य सुरक्षा, रोजगार, पोषण, (Suggestions for budget 2023) पारदर्शिता, कचरा प्रबंधन, सड़क सुरक्षा, नशा मुक्ति, उपभोक्ता हितों के संरक्षण, लैंगिक एवं सामाजिक समानता आदि मुद्दों पर निरन्तर फीडबैक दिया है. बता दें कि राज्य सरकार की ओर से अगले बजट के लिए सुझाव आमंत्रित किए गए हैं. 12 घंटों में ही प्रदेशवासियों से लगभग 21 हजार सुझाव प्राप्त हो चुके हैं .
ये आए सुझावः बैठक में सड़क दुर्घटना पीड़ितों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने व उनकी जीवन रक्षा के लिए प्रावधान, मूक-बधिर बच्चों की शिक्षा को प्रोत्साहन, व्यवसायिक प्रशिक्षण का प्रबंध के सुझाव दिए हैं. साथ ही दिव्यांग बच्चों के लिए विश्वविद्यालय, घुमंतू जातियों को राज्य सरकार की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ देने के लिए उनका आर्थिक व सामाजिक सर्वेक्षण तथा स्थाई आवास का प्रबंध, मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए उचित काउंसलिंग की उपलब्धता का सुझाव दिया है. जबकि, जवाबदेही कानून, स्कूली शिक्षा में ही बच्चों को कानून की पढ़ाई से जोड़ने, महिलाओं से जुड़े स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहन देने, प्रशासन शहरों के संग व प्रशासन गांवों के संग अभियानों में जनसंगठन की भागीदारी सुनिश्चित करने आदि से संबंधित सुझाव प्राप्त हुए.
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मजबूत जवाबदेही कानून की उठी मांगः सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने सीएम गहलोत के साथ हुए संवाद में एक बार फिर जवाबदेही कानून को मजबूती से लागू करने की बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार ने जवाबदेही कानून को लाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए आम जनता के लिए ड्राफ्ट को पब्लिक डोमेन में ला दिया है. लेकिन इसमें अभी भी कई कमियां हैं, जिनको लेकर हमने अपने सुझाव लिखित में मुख्यमंत्री को दिए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार जो बजट पेश करना चाह रही है और जनता के लिए जो योजनाएं लागू करना चाहिए वह तब तक अधूरी रहेगी जब तक जवाबदेही कानून लागू नहीं होगा. अगर जवाबदेही तय नहीं होती है तो इन योजनाओं को का लाभ नहीं मिलेगा.
जनाधार कार्ड अनिवार्यता रद्द होः स्वास्थ्य के अधिकार के लिए काम करने वाली छाया पचौली ने कहा कि स्वास्थ्य के अधिकार कानून जल्द से जल्द पारित करने की हमने सरकार से मांग की है. साथ ही दूसरा सुझाव दिया है कि चिरंजीवी योजना को और मजबूत करने की जरूरत है. चिरंजीवी योजना अच्छी योजना है लेकिन उसमें कुछ खामियां है इन खामियों को दूर करने के लिए हमने अपने सुझाव दिए. इस योजना के लिए एक अलग से स्पेशल सेल बनाई जाए. साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जांच सेवाओं को और मजबूत करने का सुझाव दिया है.
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छाया ने कहा कि सीएचसी को मजबूत करनी होगी. उन्होंने जनाधार अनिर्वायता को खत्म करने की मांग की. छाया ने कहा कि जन आधार कार्ड को जो मैंडेटरी किया हुआ है उसको तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए. क्योंकि इसकी वजह से बड़ी संख्या में प्रदेश के लाखों मजदूर इस योजना के लाभ से वंचित हो रहे हैं जो अन्य प्रदेशों से मजदूरी के लिए राजस्थान में कई सालों से रह रहे हैं. वो जरूरतमंद लोग हैं वह इस योजना के लाभ नहीं ले पाए. उन्हें निशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत है.