जयपुर. राजस्थान में गहलोत सरकार ने SC/ST वर्ग को बड़ी राहत देते हुए अनारक्षित वर्ग की वरिष्ठता या वरीयता में रीगेनिंग के आदेश को वापस ले लिया है. इसके जरिए गहलोत सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण को यथावत रखा है. ऐसे में अब इसका आरक्षित वर्ग के लाखों कर्मचारियों को मिलेगा.
राजस्थान में गहलोत सरकार ने पिछली वसुंधरा सरकार द्वारा 5 अक्टूबर 2018 के आदेश वापस ले लिए हैं. बता दें, 2018 के आदेश में ये स्पष्टीकरण दिया गया था कि एसटी और एससी वर्ग पदोन्नति में आरक्षण लेता है, तो आरक्षित वर्ग का प्रमोशन होने पर वह एससी/एसटी वर्ग से रीगेन करेगा. सरकार के इस आदेश को वापस लेने के बाद अब एससी/एसटी वर्ग को 11 सितंबर 2011 की अधिसूचना के तहत ही पदोन्नति में आरक्षण मिलता रहेगा और इनकी वरिष्ठता सिनिश्चित रहेगी. इस आदेश से राज्य सरकार ने प्रदेश के लाखों आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है.
बता दें, 11 सितंबर 2011 की अधिसूचना के तहत पदोन्नति में दिए जा रहे आरक्षण को रोकने के लिए पिछली वसुंधरा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट बनाम केरल के बीके पवित्रा निर्णय को आधार बनाकर पदोन्नति में आरक्षण पर रोक लगा दी थी. इसके बाद आरक्षित वर्ग के लोग लगातार सरकार के ऊपर इसे हटाने का दबाव बना रहे थे. अब सरकार ने अपने 5 अक्टूबर 2018 के आदेश को वापस ले लिया है. सरकार के इस फैसले के बाद आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों में खुशी की लहर है.