जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करने जा रहे हैं. 23 जनवरी से शुरू होने वाला बजट सत्र हंगामेदार होगा, क्योंकि सरकार के आखरी (BJP prepared to attack) बजट पर विपक्ष पूरी तरह से हमलावर रहेगी. इसमें पेपर लीक, किसानों की बिजली-खाद की समस्या, कानून-व्यवस्था सहित कई अन्य मुद्दों (Rajasthan Budget 2023) पर भाजपा ने सदन में सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है.
हंगामेदार होगा बजट सत्र: नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने जयपुर स्थित अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार ने चार सालों में सिर्फ और सिर्फ घोषणाएं की हैं. धरातल पर इनका कोई भी काम नजर नहीं आया. लोगों को पहले भी चुनाव से पूर्व मूर्ख बनाकर अपना उल्लू सीधा कर चुके हैं और विकास की आस में यूं ही चार साल बीत गए. कटारिया ने कहा कि इस बार सदन में सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दें हैं. वहीं, विपक्ष के आरोपों का सरकार के पास कोई जवाब नहीं होगा. उन्होंने कहा कि विपक्ष के नाते हम जनता के मुद्दों को पुरजोर तरीके से सदन में उठाएंगे.
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जनता को बनाया मूर्ख: नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा कि सरकार ने पिछले चार बजट में जो घोषणाएं की थी, उन घोषणाओं पर कोई काम नहीं हुआ है. इस बार भी केवल व केवल घोषणाएं ही होंगी. चुनाव के आधार पर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए सरकार दिल खोलकर घोषणाएं (BJP prepared for attack) करेगी. लेकिन अब जनता भी सब समझ गई है. खैर. ये एक बार जनता को मूर्ख बना चुके हैं. यही कारण है कि अब जनता भी खासा सजग हो गई है. कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने के लिए विधायकों को खुली छूट दे रखे हैं. इन चार सालों में भोली भाली जनता को इन लोगों ने सिर्फ और सिर्फ लूटने का काम किया है.
सदन में उठाएंगे जनता के मुद्दे: कटारिया ने कहा कि गहलोत सरकार के शासन में कानून-व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है. महिलाओं से दुष्कर्म के मामले में राजस्थान पूरे हिन्दुस्तान में टॉप है. भर्ती परीक्षाओं के एक बाद एक पेपर लीक होने से लाखों बच्चों का करियर प्रभावित हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि गहलोत सरकार ने संविदा पर लगे कर्मचारियों को स्थायी करने का वादा किया था. लेकिन उनको किस तरह से गुमराह किया गया ये किसी से छिपा नहीं है.
राज्य कर्मचारियों को मिला केवल आश्वासन: राज्य कर्मचारियों को दिए आश्वासन आज तक पूरे नहीं हुए और न ही किसानों को बिजली मिल रही है. प्रदेश में कुल 11 बार फ्यूल चार्ज बढ़ाए गए, जिससे आम जनता बेहाल है. कटारिया ने कहा कि यहां किसानों को खाद के लिए लाठियां खानी पड़ी, शायद ही कोई उस दृश्य को भूला हो. उन्होंने कहा कि खाद के लिए केंद्र को जो डिमांड समय पर देनी चाहिए थी, वो भी नहीं किया गया और आरोप केंद्र सरकार पर मढ़ने की कोशिश की गई.
राज्यपाल ने दी बजट सत्र आहूत करने की मंजूरी: बता दें कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने 29 दिसंबर को बजट सत्र आहूत करने की मंजूरी दी थी. 23 जनवरी को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र की शुरुआत होगी. इस बार राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस होगी. वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पांचवां और अपने मौजूदा कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करेंगे.
ऐसे में चुनाव को देखते हुए इस बजट से सभी वर्गों को खासा उम्मीद है. सीएम गहलोत ने संकेत दिए हैं कि बजट में युवाओं, महिलाओं और बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाएगा. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस बार लोक लुभावन और (Gulabchand Kataria attack on Gehlot government) चुनावी बजट पेश करेंगे. हालांकि, सरकार के इस बजट पर पलटवार करने के लिए विपक्ष ने भी पूरी रणनीति तैयार कर ली.