ETV Bharat / state

Ganesh Chaturthi 2023: पुष्य नक्षत्र में प्रथम पूज्य के पंचामृत अभिषेक के साथ गणेश चतुर्थी उत्सव का आगाज - भगवान का पंचामृत अभिषेक

सोमवार को जयपुर के प्रसिद्ध गणेश मंदिरों में भगवान गणेश की पूजा अर्चना से गणेश चतुर्थी उत्सव का आगाज हुआ. मोती डूंगरी गणेश मंदिर में 501 महिलाएं जल लेकर मंदिर पहुंची.

Ganesh Utsav begins
गणेश चतुर्थी उत्सव का आगाज
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 11, 2023, 6:02 PM IST

जयपुर. पुष्य नक्षत्र में प्रथम पूज्य के पंचामृत अभिषेक के साथ सोमवार को गणेश चतुर्थी उत्सव का आगाज हुआ. छोटी काशी के प्रसिद्ध मोती डूंगरी मंदिर में 9 दिवसीय गणेश उत्सव के पहले दिन 501 महिलाएं कलश में जल लेकर मंदिर पहुंची. इस जल को भगवान गजानन को अर्पित करने के बाद दूध, दही, घी, शहद और बूरा से पंचामृत अभिषेक किया गया. साथ ही ध्वज पूजन कर ध्वजारोहण भी किया गया.

मोती डूंगरी गणेश मंदिर के अलावा शहर के प्रमुख मंदिर नहर के गणेश जी श्वेत सिद्धविनायक और परकोटे वाले गणेश मंदिर में भी भगवान का अभिषेक किया गया. जयपुर सोमवार को भगवान गणेश के जयकारों से गूंज उठा. मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में 251 किलो दूध, 25 किलो बूरा, 50 किलो दही, 11 किलो शहद, 11 किलो घी से भगवान का पंचामृत अभिषेक किया गया.

पढ़ें: Garh Ganesh Temple : विश्व का एक मात्र ऐसा गणेश मंदिर जहां हैं बिना सूंड वाले गणेश जी

वहीं ध्वज पूजन कर नवीन ध्वजा धारण करवाई गई. इसके साथ ही 108 मोदक अर्पित किए. गणेश उत्सव के तहत बुधवार को मोदकों की झांकी सजाई जाएगी. इस दिन बाहर का प्रसाद नहीं चढ़ेगा. झांकी में 251 किलो के 2 मोदक मुख्य मोदक होंगे. इसके अलावा 51 किलो के 5, 21 किलो के 21, 1.25 किलो के 1100 और अन्य छोटे मोदकों की झांकी होगी. शाम 6:30 बजे से रात 9 बजे तक सभी भक्तजनों को नि:शुल्क मोदक प्रसाद वितरण होगा.

पढ़ें: इसलिए श्रीगणेश को प्रिय है दूर्वा, बिना इसके पूर्ण नहीं होती है गणेश चतुर्थी पूजा

ब्रह्मपुरी माऊण्ट रोड पर स्थित दाहिनी सूंड दक्षिणमुखी नहर के गणेश मन्दिर में ब्रह्मपुरी माउंट रोड स्थित नहर के गणेशजी मंदिर में महंत जय शर्मा के सान्निध्य में गणपति अथर्वशीर्ष और मंत्रोच्चार के बीच अभिषेक के बाद नवीन पोशाक धारण करवाई गई. शाम को 251 दीपकों से महाआरती हुई. इसी तरह चांदपोल गेट स्थित परकोटा वाले गणेश मंदिर में युवाचार्य पंडित अमित शर्मा के सानिध्य में 101 किलो दूध से प्रथम पूज्य का अभिषेक किया. साथ ही ध्वजा अर्पण कर शिखर पर ध्वजा लगाई और भगवान को नवीन पोशाक धारण करा फूल बंगले में विराजमान करा गणपति अथर्वशीर्ष के पाठ कर गणपति सहस्त्रनामावली से मोदक, दूर्वा और शमी पत्र अर्पण किए. इस दौरान भक्तों को रक्षा सूत्र बांध हल्दी की गांठ वितरित की गई.

जयपुर. पुष्य नक्षत्र में प्रथम पूज्य के पंचामृत अभिषेक के साथ सोमवार को गणेश चतुर्थी उत्सव का आगाज हुआ. छोटी काशी के प्रसिद्ध मोती डूंगरी मंदिर में 9 दिवसीय गणेश उत्सव के पहले दिन 501 महिलाएं कलश में जल लेकर मंदिर पहुंची. इस जल को भगवान गजानन को अर्पित करने के बाद दूध, दही, घी, शहद और बूरा से पंचामृत अभिषेक किया गया. साथ ही ध्वज पूजन कर ध्वजारोहण भी किया गया.

मोती डूंगरी गणेश मंदिर के अलावा शहर के प्रमुख मंदिर नहर के गणेश जी श्वेत सिद्धविनायक और परकोटे वाले गणेश मंदिर में भी भगवान का अभिषेक किया गया. जयपुर सोमवार को भगवान गणेश के जयकारों से गूंज उठा. मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में 251 किलो दूध, 25 किलो बूरा, 50 किलो दही, 11 किलो शहद, 11 किलो घी से भगवान का पंचामृत अभिषेक किया गया.

पढ़ें: Garh Ganesh Temple : विश्व का एक मात्र ऐसा गणेश मंदिर जहां हैं बिना सूंड वाले गणेश जी

वहीं ध्वज पूजन कर नवीन ध्वजा धारण करवाई गई. इसके साथ ही 108 मोदक अर्पित किए. गणेश उत्सव के तहत बुधवार को मोदकों की झांकी सजाई जाएगी. इस दिन बाहर का प्रसाद नहीं चढ़ेगा. झांकी में 251 किलो के 2 मोदक मुख्य मोदक होंगे. इसके अलावा 51 किलो के 5, 21 किलो के 21, 1.25 किलो के 1100 और अन्य छोटे मोदकों की झांकी होगी. शाम 6:30 बजे से रात 9 बजे तक सभी भक्तजनों को नि:शुल्क मोदक प्रसाद वितरण होगा.

पढ़ें: इसलिए श्रीगणेश को प्रिय है दूर्वा, बिना इसके पूर्ण नहीं होती है गणेश चतुर्थी पूजा

ब्रह्मपुरी माऊण्ट रोड पर स्थित दाहिनी सूंड दक्षिणमुखी नहर के गणेश मन्दिर में ब्रह्मपुरी माउंट रोड स्थित नहर के गणेशजी मंदिर में महंत जय शर्मा के सान्निध्य में गणपति अथर्वशीर्ष और मंत्रोच्चार के बीच अभिषेक के बाद नवीन पोशाक धारण करवाई गई. शाम को 251 दीपकों से महाआरती हुई. इसी तरह चांदपोल गेट स्थित परकोटा वाले गणेश मंदिर में युवाचार्य पंडित अमित शर्मा के सानिध्य में 101 किलो दूध से प्रथम पूज्य का अभिषेक किया. साथ ही ध्वजा अर्पण कर शिखर पर ध्वजा लगाई और भगवान को नवीन पोशाक धारण करा फूल बंगले में विराजमान करा गणपति अथर्वशीर्ष के पाठ कर गणपति सहस्त्रनामावली से मोदक, दूर्वा और शमी पत्र अर्पण किए. इस दौरान भक्तों को रक्षा सूत्र बांध हल्दी की गांठ वितरित की गई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.