जयपुर. राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी के नेता आपस में एक दूसरे पर तीखी बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन बयानबाजी में अब मर्यादाओं की सीमा भी खत्म होने लगी है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने एक दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तुलना रावण से की तो अब उस पर पलटवार करते हुए सीएम गहलोत ने शेखावत को भगवान राम बता दिया. गहलोत ने कहा कि शेखावत मुझे रावण कहें कोई बात नहीं, मैं शेखावत को राम कहूंगा. लेकिन उनसे आग्रह है कि वह सिर्फ संजीवनी मामले भी पीड़ितों की राशि लौटा दें.
मैं रावण, शेखावत राम : केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के रावण वाले बयान पर गहलोत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे मुझे रावण कहें कोई बात नहीं, मैं शेखावत को राम कहूंगा. बस वे पीड़ितों की राशि लौटा दें. गहलोत ने कहा कि शेखावत और बीजेपी नेता मेरे खिलाफ बोलते हैं. लेकिन संजीवनी सोसायटी मामले में अभी गजेंद्र सिंह शेखावत ने कोर्ट से जमानत ले रखी है. वह पीड़ित लोगों को पैसे लौटा दें, मैं उन्हें राम कह दूंगा. गहलोत ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम बनना सीखो, लेकिन तुम भ्रष्ट आदमी हो, दूसरे मुल्कों में जाकर पैसा वहां ले गए. वहां पर फॉर्म हाउस खरीद लिया. पहले गरीब लोगों के पैसे चुकाओ.
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कानून अपना काम करेगा : गहलोत ने कहा कि चाहे केंद्रीय मंत्री ही क्यों ना हो, गलत काम किया है तो कानून अपना काम करेगा. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहूंगा, ऐसे भ्रष्ट मंत्री को बर्खास्त करें या फिर मंत्री नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा दें. केंद्रीय मंत्री को बताना चाहिए कि जो लोग उनकी वजह से बर्बाद हो गए, उनका क्या होगा. जो भ्रष्टाचार करता है उसे उसकी सजा तो भुगतनी पड़ती है. अगर उन्हें डर नहीं होता तो वह आखिर कोर्ट में क्यों गए. उनको तो चाहिए कि वह इमानदारी से जितने भी पीड़ित लोग हैं, उन सबको उनका पैसा वापस लौट आएं.
फेंके हुए पत्थरों से मकान बना दूंगा : गहलोत ने कहा कि भाजपा वाले मेरे ऊपर पत्थर फेंकेंगे तो मैं उस पत्थरों से गरीबों के लिए मकान बना दूंगा. स्कूल बना दूंगा, अस्पताल बना दूंगा, यही मेरी सोच है. गहलोत ने कहा कि मेरी सोच उनकी तरह नहीं है कि आलोचना करो ही मत. जहां गलत है वहां आलोचना भी होनी चाहिए और सुनने की क्षमता भी. बीजेपी के लोग लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं. इनका लोकतंत्र में विश्वास नहीं है. अगर हिंदुस्तान और प्रदेश की जनता नहीं समझी तो इस देश का पता नहीं क्या होगा, लेकिन आने वाली पीढ़ियां माफ नहीं करेंगी.
यह मेरा अनुभव कहता है, मैं 50 साल से राजनीति कर रहा हूं. कांग्रेस के आशीर्वाद से तीन बार मुख्यमंत्री रहा हूं. इंदिरा गांधी ने विश्वास किया, पांच बार पार्लियामेंट मेंबर रहा और तब डिप्टी मिनिस्टर बन गया था. राजीव गांधी ने विश्वास किया था, मैं राज्य मंत्री बन गया. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि मुझे कोई पद की भूख नहीं है. जब तक मुझमें सांस है, तब तक मैं आपकी सेवा करूंगा.
पीएम को पत्र लिखूंगा : बीजेपी के केंद्रीय नेताओं की ओर से सोनिया गांधी पर की गई टिप्पणी पर गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री को पत्र लिखूंगा कि कार्रवाई करें. जो इस तरह के बयान दे रहे हैं. गहलोत ने कहा कि राजनीति कहां जा रही है, यह लोग विपक्ष को सहन नहीं कर पा रहे हैं. यह लोग चाहते हैं कि देश में एक पार्टी का शासन हो. लोकतंत्र की हत्या करना चाहते हैं, लेकिन देश इसे कभी कबूल नहीं करेगा, माफ नहीं करेगा.
राहुल गांधी इनसे बार-बार पूछ रहे हैं कि जमीन पर चाइना का कब्जा हो रहा है, जवाब दो. यह जवाब नहीं देते. पीएम मोदी बिना इनविटेशन के पाकिस्तान चले गए. वह क्या पाकिस्तान के एजेंट नहीं हैं. वह तो प्रधानमंत्री हैं, पद की गरिमा होती है. कांग्रेस वाले तो हर पद की गरिमा समझते हैं, लेकिन यह नहीं समझते. अब कर्नाटक में बीजेपी की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. सोनिया गांधी पर जो टिप्पणी की है, वह निंदनीय है.