जयपुर. राजधानी के रामनगरिया थाना इलाके में एक महिला एसोसिएट प्रोफेसर को मेट्रोमोनियल साइट के जरिए (Fraud with Female Associate Professor) अपने झांसे में फंसा साइबर ठगों द्वारा विदेश से गिफ्ट भेजने के नाम पर 4.10 लाख रुपये ठगने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस संबंध में नरसिंह विहार कॉलोनी निवासी 39 वर्षीय स्मृति जैन ने रविवार को पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है.
प्रकरण की जांच कर रहे जांच अधिकारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि परिवादिया एक निजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है. जिसने शादी के संबंध में एक मेट्रोमोनियल वेबसाइट पर अपनी प्रोफाइल (Fraud of Four Lakhs in Jaipur) क्रिएट की थी, जहां पर दीपक शर्मा नाम के एक व्यक्ति से उसका संपर्क हुआ. दीपक ने खुद को यूरोप में ऑर्थोपेडिक सर्जन के रूप में कार्यरत बताया और उसने अपनी मां से स्मृति की बातचीत भी करवाई, जिसने भारत आकर विवाह करने का प्रस्ताव रखा.
ऐसे शुरू हुआ ठगी का खेल : परिवादिया और दीपक के बीच में चैटिंग व फोन के जरिए बातचीत होने लगी. 20 नवंबर की शाम (Fraud Through Matrimonial Site) परिवादिया के पास एक महिला का फोन आया जिसने बताया कि वह एक कोरियर कंपनी से बोल रही है. उसने बताया की दीपक ने परिवादिया के लिए 15 किलो का एक पार्सल गिफ्ट के रूप में भेजा है, जिसे मुंबई एयरपोर्ट पर सुरक्षाकर्मियों ने रोक लिया है.
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इस पर परिवादिया ने जब दीपक से गिफ्ट के संबंध में बातचीत की तो उसने ही गिफ्ट यूरोप से भेजने की बात स्वीकार की. इस पर परिवादिया ने जब उस महिला से संपर्क किया तो उसने बताया कि पार्सल पर टैक्स, कस्टम व अन्य चार्ज बाकी है, जिसका भुगतान कर वह गिफ्ट प्राप्त कर सकती है. जिसपर परिवादिया ने फिर से दीपक से संपर्क किया तो दीपक ने कहा कि उसके बैंक ट्रांजैक्शन में किसी तरह की कोई दिक्कत आ रही है. जिसके चलते वह टैक्स अदा नहीं कर पा रहा है. इसके बाद दीपक ने परिवादिया को टैक्स अदा करने के लिए कहा और 2 दिन में तमाम राशि परिवादिया के बैंक खाते में ट्रांसफर करने की बात कही. दीपक की बातों में आकर परिवादिया ने अपने अलग-अलग बैंक खातों से खुल 4.10 लाख रुपये टैक्स के रूप में उक्त महिला द्वारा बताएं गए बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए.
राशि वापस लौटाने की बजाय मांगे 5 लाख तब हुआ शक : ट्रांजैक्शन करने के 2 दिन बीत जाने के बाद जब परिवादिया ने 22 नवंबर को दीपक को फोन कर राशि खाते में नहीं आने की बात कही तो दीपक ने उसे झूठा आश्वासन दिया, साथ ही 5 लाख रुपये की और मांग करने लगा. शक होने पर जब परिवादिया ने पड़ताल की तो पता चला कि उस नाम की कोई भी कोरियर कंपनी रजिस्टर्ड नहीं है, जिसके जरिए यूरोप से गिफ्ट भेजने की बात कही गई.
इस तरह से ठगी का शिकार होने के बाद परिवादिया ने सागर सिक्योरिटी हेल्पलाइन में अपनी शिकायत दर्ज कराई, साथ ही अपने अलग-अलग बैंकों की शाखाओं में जाकर भी लिखित शिकायत दी. इसके बाद परिवादिया ने रविवार को रामनगरिया थाने पहुंच ठगी का मामला दर्ज करवाया. फिलहाल, पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर ट्रांजैक्शन डिटेल और मोबाइल नंबरों के आधार पर जांच करना शुरू किया है.