जयपुर. राजधानी जयपुर के आमेर स्थित नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से खुशी की खबर सामने आई है. नाहरगढ़ पार्क में मादा चौसिंगा ने दो बच्चों को जन्म दिया है. वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर की देखरेख में चौसिंगा के बच्चों की मॉनिटरिंग की जा रही है.
बीते वर्ष 28 सितंबर को पहली बार नाहरगढ़ पार्क में चौसिंगा का प्रजनन हुआ था. करीब साढ़े 4 माह बाद दोबारा 2 बच्चों को जन्म दिया है. नाहरगढ़ पार्क में वन्यजीवों का कुनबा बढ़ने से वन विभाग के अधिकारियों और वन्यजीव प्रेमियों में खुशी का माहौल है. वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर के मुताबिक नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में दूसरी बार चौसिंगा का सफल प्रजनन हुआ है.
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चौसिंगा के बच्चों की विशेष देखरेख की जा रही है. दोनों बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं. इससे पहले भेड़िए का भी सफल प्रजनन हुआ था. पिछले वर्ष भी भेड़िया प्रजनन में वृद्धि हुई थी. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में देश में सबसे ज्यादा वुल्फ यानी भेड़िए हो चुके हैं. देश के किसी भी चिड़ियाघर में इतनी संख्या में भेड़िए नहीं हैं. देश के विभिन्न चिड़ियाघरों में भेड़िया की काफी डिमांड है.
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वुल्फ ब्रीडिंग में जयपुर का पूरे देश में अव्वल स्थान बन गया है. भेड़िए के बदले देश के विभिन्न चिड़ियाघरों से बिग केट्स आसानी से मिल जाते हैं. एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत भेड़िए के बदले जयपुर में कई टाइगर, लॉयन और हिप्पो लाए जा चुके हैं. पिछले साल नाहरगढ़ जैविक उद्यान के रेस्क्यू सेंटर में भेड़िए के जोड़े ने 10 बच्चों को जन्म दिया था. सभी बच्चे पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में करीब 30 से अधिक वुल्फ हो चुके हैं. आने वाले समय में भी अन्य वन्यजीवों के सफल प्रजनन होने की उम्मीद है.