जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा मंगलवार रात जयपुर पहुंचे. सोमवार को रंधावा को अजय माकन के स्थान पर राजस्थान कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया था. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा फिलहाल राजस्थान से गुजर रही है. ऐसे में रंधावा ने जयपुर पहुंचने के बाद मीडिया से बातचीत की और सीधे कोटा का रुख किया.
बुधवार से कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में राजस्थान के नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा भी शिरकत करेंगे. जयपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में रंधावा ने प्रदेश कांग्रेस के मौजूदा विवाद और मसलों को लेकर अपनी बात कही. मीडिया के सवालों पर उन्होंने कहा कि फ़िलहाल राजस्थान से भारत जोड़ो यात्रा गुजर रही है, एक बार यात्रा का राजस्थान पड़ाव पूरा हो जाए, फिर इसके बाद भी प्रदेश के सियासी मसलों पर भी काम करना शुरू करेंगे.
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उन्होंने कहा कि जिनका डीएनए कांग्रेस का है, वे कभी भी पार्टी का नुकसान नहीं करेंगे. रंधावा ने कहा कि मैं भी 4 बार का विधायक रहा हूं और आलाकमान से मैंने ख्वाहिश जाहिर की थी कि अब मैं संगठन के लिए काम करूं. मुझे उसी सिलसिले में राजस्थान की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उन्होंने इशारे इशारे में प्रदेश के नेताओं को संकेत देते हुए कहा कि जो कांग्रेस के वफादार सिपाही हैं, वे कभी पार्टी को धोखा नहीं देंगे. जयपुर पहुंचने पर रंधावा का कांग्रेस नेता पुष्पेंद्र भारद्वाज ने स्वागत किय.
राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जहां एक और सुखजिंदर सिंह रंधावा की राजस्थान कांग्रेस में बतौर प्रदेश प्रभारी नियुक्ति की जाने पर उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित की. वहीं, दूसरी ओर अजय माकन के नाम भी आपने टि्वटर हैंडल पर एक संदेश छोड़ा. डोटासरा ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस संगठन को सक्रिय और सशक्त करने की दिशा में अजय माकन का उन्हें हमेशा सहयोग और मार्गदर्शन मिला है. डोटासरा ने माकन के कार्यकाल को लेकर उन्हें धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी.
माकन ने छोड़ा था पदः 25 सितंबर को राजस्थान में हुए सियासी घटनाक्रम, विधायकों के इस्तीफे और विधायक दल की बैठक नहीं होने के बावजूद इसके जिम्मेदार नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण आहत होकर राजस्थान के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उन्हें राजस्थान के प्रभारी पद से पद मुक्त करने की अपील की थी. जिसे सोमवार देर रात कांग्रेस पार्टी ने स्वीकार कर लिया है.
कांग्रेस पार्टी ने अजय माकन को उनकी राजस्थान के प्रभारी पद से कार्य मुक्ति कर सुखजिंदर सिंह रंधावा को राजस्थान का प्रभारी बना दिया. सुखजिंदर सिंह रंधावा ने साल 2002 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था. 2012 में सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अकाली दल के निर्मल सिंह काहलों को हराया था और डेरा बाबा नानक से विधायक चुने गए थे. 2017 और 2022 में भी रंधावा डेरा बाबा नानक से विधायक चुने गए.
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बता दें, 1 फरवरी 1959 को सुखजिंदर सिंह रंधावा का जन्म गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक तहसील के दरौली गांव में हुआ और चन्नी सरकार में उन्हें पंजाब का उप मुख्यमंत्री बनाया गया था. सुखजिंदर सिंह रंधावा को राजस्थान का प्रभारी बनाने के साथ ही कांग्रेस पार्टी ने कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ और शक्ति सिंह गोहिल को हरियाणा का प्रभारी बनाया है. बता दें, अजय माकन के राजस्थान प्रभारी पद नहीं संभालने के चलते राजस्थान से निकल रही भारत जोड़ो यात्रा बिना प्रभारी के ही चल रही है. जबकि यह कार्यक्रम संगठन का है और हर प्रदेश में संगठन के प्रभारी भारत जोड़ो यात्रा को संभालते दिखाई दिए हैं. ऐसे में अब क्योंकि भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में प्रवेश कर चुकी है यही कारण है की सुखजिंदर सिंह रंधावा को राजस्थान का प्रभारी नियुक्त कर दिया गया है.
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रंधावा के सामने यह हैं चुनौतियांः पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को राजस्थान का प्रभारी तो नियुक्त कर दिया गया है, लेकिन यह पद रंधावा के लिए कांटों के ताज से कम साबित होने वाला नहीं है. क्योंकि राजस्थान में जिस तरह से गहलोत-पायलट के बीच कुर्सी का संघर्ष चल रहा है उस संघर्ष के बीच दोनों नेताओं से तालमेल बनाकर राजस्थान में साल 2023 में होने वाले चुनाव में जीत दर्ज कैसे की जाए, यह उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा.
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वैसे भी कहा जा रहा है कि भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान से निकल जाने के बाद एक बार फिर राजस्थान में गहलोत और पायलट के बीच चल रहा शांति काल समाप्त हो सकता है. जिसके बाद फिर राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर संघर्ष होगा, जिसमें सुखजिंदर सिंह रंधावा को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी. वैसे भी पायलट लगातार 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक नहीं होने के पीछे जिन नेताओं का हाथ रहा उन पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं जो अब तक उन नेताओं पर नहीं हुई है. इसके साथ ही सुखविंदर सिंह रंधावा के जेहन में यह भी बात रहेगी कि पायलट और गहलोत के बीच कुर्सी के झगड़े के चलते ही राजस्थान के दो प्रभारियों को अपने पद छोड़ने पड़े हैं. 2020 में सचिन पायलट की नाराजगी के चलते अविनाश पांडे को और अब अशोक गहलोत की नाराजगी की वजह से अजय माकन को राजस्थान प्रभारी का पद छोड़ना पड़ा है.
पायलट ने ट्वीट कर दी बधाई- सुखजिंदर सिंह रंधावा को राजस्थान कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त किए जाने के बाद सचिन पायलट ने ट्वीट कर बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि- 'पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को राजस्थान कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त किए जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपके मार्गदर्शन में प्रदेश कांग्रेस को मजबूती मिलेगी.'