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राजसेवा के अधिकारियों की ओर से धार्मिक और जातिगत टिप्पणी करना सेवा नियमों का उल्लंघन- पूर्व IAS महेंद्र सिंह - पूर्व आईएएस महेंद्र सिंह

सोशल मीडिया पर राजकीय और पुलिस सेवा के अधिकारियों (RPS Controversial Posts On Social Media) की धार्मिक और जातिगत टिप्पणियों ने प्रदेश में विवाद (RAS Officer Whatsapp Controversy) खड़ा कर दिया है. राजकीय सेवा के अधिकारियों की ओर से की जा रही इन टिप्पणियों पर पूर्व आईएएस महेंद्र सिंह ने कहा कि किसी भी राजकीय सेवा के कर्मचारी या अधिकारी की ओर से धार्मिक और जातिगत टिप्पणी करना सेवा नियमों का उल्लंघन है.

Mahendra Singh on Social Media Controversy
पूर्व IAS महेंद्र सिंह
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Published : Sep 18, 2022, 2:29 PM IST

जयपुर. RAS केसर लाल मीणा और लक्ष्मीकांत बालोत के बाद अब RPS हरिचरण मीणा ने सोशल मीडिया पर जातिगत और धार्मिक टिप्पणी करके विवाद (RPS Controversial Posts On Social Media) को बढ़ा दिया है. लगातार एक के बाद राजकीय सेवा के अधिकारियों के टिप्पणियों ने जाति और वर्ग विशेष को नाराज (RPS Controversial Posts On Social Media) कर दिया है. क्या किसी भी राज्य सेवा के कर्मचारी और अधिकारी को इस तरह की जातिगत और धार्मिक टिप्पणियां करनी चाहिए और राजकीय सेवा के क्या नियम हैं, इस पर ईटीवी भारत ने पूर्व आईएएस महेंद्र सिंह से खास बात की.

धार्मिक और जातिगत टिप्पणियों से बचना चाहिए- पूर्व आईएएस महेंद्र सिंह ने कहा कि मैं 1962 में आईएएस सेवा में आया था. अपने समाज में पहला दलित आईएएस अधिकारी हूं, जहां तक राज सेवा का संबंध है या जो भी अधिकारी राज सेवा में है उनको इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. धार्मिक और जातिगत टिप्पणियों से किसी की भावना को आहत करने से बचना चाहिए. कर्मचारी या अधिकारी को सेवा नियमों के तहत सभी जाति और वर्ग को साथ लेकर काम करना होता है. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अशोभनीय टिप्पणी वर्ग विशेष को आहत करती है. इसका रिएक्शन भी समाज के अंदर देखने को मिलता है. इस लिए सोशल मीडिया या अन्य किसी भी प्लेटफार्म पर अधिकारियों को इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.

धार्मिक और जातिगत टिप्पणी करना सेवा नियमों का उल्लंघन

पढ़ें- RPS हरिचरण मीणा ने रामायण-महाभारत को बताया 'मिथकीय ग्रंथ'

सर्विसेज कंडक्ट रूल्स- महेंद्र सिंह कहते हैं कि राजकीय सेवा में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की नियुक्ति के साथ ही उसके ऊपर राजकीय सेवा नियम लागू हो जाते हैं. इसमें स्पष्ट है कि किसी भी तरह से कोई भी राजकीय सेवा का कर्मचारी या अधिकारी न तो राजनीतिक टिप्पणी करेगा और न ही धार्मिक या जातिगत टिप्पणी करेगा. अगर वह किसी भी तरह की टिप्पणी करता है तो सर्विस कंडक्ट रूल्स के अंदर आते हैं. इसमें अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करने का भी प्रावधान है.

पढ़ें-RAS केसर लाल मीणा के बाद अब इन अधिकारियों ने धार्मिक और जातिगत टिप्पणियों से खड़ा किया विवाद...

उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जो हमारे संवैधानिक प्रावधान हैं, उसमें नियम बने हुए हैं कि कोई भी धार्मिक और जातिगत टिप्पणी करता है तो वो सर्विसेज कंडक्ट रूल्स में आता है. उसमें इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है कि कोई भी सर्विसेज ऑफिसर टिप्पणी करें. सर्विस ज्वाइन करने के साथ संविधान की शपथ भी लेनी होती है कि कोई भी अधिकारी अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए जातिगत या वर्ग विशेष को समर्थन नहीं करेगा.

पढ़ें-RAS officer Whatsapp Controversy: गहलोत सरकार के RAS अफसर पहुंचे विप्र सेना प्रमुख के यहां माफी मांगने, जानिये क्यों

महेंद्र सिंह ने कहा कि राजकीय सेवा में आने के साथ ही आप सार्वजनिक नहीं रहे. आप किसी धर्म को लेकर कोई अनैतिक टिप्पणी नहीं कर सकते है. राज का जो काम है किसी धर्म को आगे बढ़ाने का काम नहीं है. उससे अपेक्षा की जाती है कि वह राज सेवा के कार्य को आगे बढ़ाए. राज के उद्देश्य सभी वर्गों के हित में काम करने का होना चाहिए. किसी जाति या धर्म विशेष ग्रुप में काम नहीं करना चाहिए. तब ही अधिकारी सफल माना जाता है.

पढ़ें- RAS Officer Whatsapp Controversy: राज्य विप्र कल्याण बोर्ड ने सीएम को लिखा खत, निलंबन की अपील

माफी मांग लेगा समाधान नहीं- महेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर अधिकारियों की ओर से टिप्पणियां की गई है और उन टिप्पणियों को बाद में हटा कर माफी भी मांगी गई, लेकिन तब तक उन टिप्पणियों को सभी ने देख लिया. ऐसे में माफी मांग लेना कोई समाधान नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरी राज्य सेवा के अधिकारी और कर्मचारियों को सलाह है कि वह इस तरह की टिप्पणियों से बचें. उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणियों से नेगेटिव रिएक्शन भी सामने आता है और जाति वैमनस्य भी बनता है.

जयपुर. RAS केसर लाल मीणा और लक्ष्मीकांत बालोत के बाद अब RPS हरिचरण मीणा ने सोशल मीडिया पर जातिगत और धार्मिक टिप्पणी करके विवाद (RPS Controversial Posts On Social Media) को बढ़ा दिया है. लगातार एक के बाद राजकीय सेवा के अधिकारियों के टिप्पणियों ने जाति और वर्ग विशेष को नाराज (RPS Controversial Posts On Social Media) कर दिया है. क्या किसी भी राज्य सेवा के कर्मचारी और अधिकारी को इस तरह की जातिगत और धार्मिक टिप्पणियां करनी चाहिए और राजकीय सेवा के क्या नियम हैं, इस पर ईटीवी भारत ने पूर्व आईएएस महेंद्र सिंह से खास बात की.

धार्मिक और जातिगत टिप्पणियों से बचना चाहिए- पूर्व आईएएस महेंद्र सिंह ने कहा कि मैं 1962 में आईएएस सेवा में आया था. अपने समाज में पहला दलित आईएएस अधिकारी हूं, जहां तक राज सेवा का संबंध है या जो भी अधिकारी राज सेवा में है उनको इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. धार्मिक और जातिगत टिप्पणियों से किसी की भावना को आहत करने से बचना चाहिए. कर्मचारी या अधिकारी को सेवा नियमों के तहत सभी जाति और वर्ग को साथ लेकर काम करना होता है. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अशोभनीय टिप्पणी वर्ग विशेष को आहत करती है. इसका रिएक्शन भी समाज के अंदर देखने को मिलता है. इस लिए सोशल मीडिया या अन्य किसी भी प्लेटफार्म पर अधिकारियों को इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.

धार्मिक और जातिगत टिप्पणी करना सेवा नियमों का उल्लंघन

पढ़ें- RPS हरिचरण मीणा ने रामायण-महाभारत को बताया 'मिथकीय ग्रंथ'

सर्विसेज कंडक्ट रूल्स- महेंद्र सिंह कहते हैं कि राजकीय सेवा में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की नियुक्ति के साथ ही उसके ऊपर राजकीय सेवा नियम लागू हो जाते हैं. इसमें स्पष्ट है कि किसी भी तरह से कोई भी राजकीय सेवा का कर्मचारी या अधिकारी न तो राजनीतिक टिप्पणी करेगा और न ही धार्मिक या जातिगत टिप्पणी करेगा. अगर वह किसी भी तरह की टिप्पणी करता है तो सर्विस कंडक्ट रूल्स के अंदर आते हैं. इसमें अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करने का भी प्रावधान है.

पढ़ें-RAS केसर लाल मीणा के बाद अब इन अधिकारियों ने धार्मिक और जातिगत टिप्पणियों से खड़ा किया विवाद...

उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जो हमारे संवैधानिक प्रावधान हैं, उसमें नियम बने हुए हैं कि कोई भी धार्मिक और जातिगत टिप्पणी करता है तो वो सर्विसेज कंडक्ट रूल्स में आता है. उसमें इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है कि कोई भी सर्विसेज ऑफिसर टिप्पणी करें. सर्विस ज्वाइन करने के साथ संविधान की शपथ भी लेनी होती है कि कोई भी अधिकारी अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए जातिगत या वर्ग विशेष को समर्थन नहीं करेगा.

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महेंद्र सिंह ने कहा कि राजकीय सेवा में आने के साथ ही आप सार्वजनिक नहीं रहे. आप किसी धर्म को लेकर कोई अनैतिक टिप्पणी नहीं कर सकते है. राज का जो काम है किसी धर्म को आगे बढ़ाने का काम नहीं है. उससे अपेक्षा की जाती है कि वह राज सेवा के कार्य को आगे बढ़ाए. राज के उद्देश्य सभी वर्गों के हित में काम करने का होना चाहिए. किसी जाति या धर्म विशेष ग्रुप में काम नहीं करना चाहिए. तब ही अधिकारी सफल माना जाता है.

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माफी मांग लेगा समाधान नहीं- महेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर अधिकारियों की ओर से टिप्पणियां की गई है और उन टिप्पणियों को बाद में हटा कर माफी भी मांगी गई, लेकिन तब तक उन टिप्पणियों को सभी ने देख लिया. ऐसे में माफी मांग लेना कोई समाधान नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरी राज्य सेवा के अधिकारी और कर्मचारियों को सलाह है कि वह इस तरह की टिप्पणियों से बचें. उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणियों से नेगेटिव रिएक्शन भी सामने आता है और जाति वैमनस्य भी बनता है.

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