जयपुर. ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में सचिन पायलट ने ERCP प्रोजेक्ट को लेकर मोदी से राजस्थान के मसले पर अपील करते हुए अपेक्षित एलान की बात कही है. सचिन पायलट ने चिट्ठी में 13 जिलों के पेयजल की समस्या का जिक्र किया है और इसके लिए आगामी 12 जनवरी को दौसा दौरे के दौरान समाधान निकालने की मांग की है.
सचिन पायलट ने कहा है कि 2018 में एक सभा के दौरान आपने ईस्टर्न राजस्थान कैनल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का भरोसा दिलाया था. प्रदेश की जनता पेयजल की उपलब्धता के लिए आज भी इस घोषणा के पूरे होने का इंतजार कर रही है. आज आप से यह उम्मीद है कि जब 12 तारीख को आप राजस्थान आएंगे, तो दौसा में आयोजित जनसभा के दौरान इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा भी देंगे. सचिन पायलट ने कहा कि ईस्टर्न राजस्थान के इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश की आधी आबादी की सिंचाई एवं पेयजल की समस्या का समाधान हो जाएगा.
![Sachin Pilot letter to PM Narendra Modi](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/ercppatrabypilot_10022023074436_1002f_1675995276_858.jpg)
यह है ERCP प्रोजेक्ट- साल 2017-18 के राज्य बजट में राजस्थान की तत्कालीन सरकार ने राजस्थान के 13 जिलों जिनमें झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर और धौलपुर शामिल हैं, के लिए पेयजल-सिंचाई की योजना बनाई थी. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना नाम के इस प्रोजेक्ट के जरिए पेयजल और सिंचाई की समस्या के स्थायी समाधान को तलाश करने की कोशिश की गई थी.
कांग्रेस का आरोप है कि परियोजना के ऐलान के बाद साल 2018 में राजस्थान में आयोजित एक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का भरोसा दिलाया था. जिसके बाद केंद्र सरकार की मदद से इन जिलों में नहर को तैयार किया जाता. इस मसले पर राजस्थान में बीते 1 साल से कांग्रेस और भाजपा के बीच बयानबाजी का दौर भी जारी है. वहीं, पूर्वी राजस्थान के लोग भी जल्द से जल्द प्रोजेक्ट को पूरा किए जाने की मांग कर रहे हैं. इस सिलसिले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्र से 90 के मुकाबले 10 वीं फीसदी के अनुपात से राज्य और केंद्र के बीच योजना का काम पूरा करवाने की मांग कर रहे हैं.