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Reality check: आखिर जब परिवहन विभाग में ही 'No Vehicle Day' हुआ फ्लॉप, दूसरे की बात ही क्या करें

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Published : Feb 3, 2020, 3:09 PM IST

'नो व्हीकल डे' को लेकर परिवहन मंत्री प्रताप खाचरियावास के आह्वान का कोई खास असर प्रदेश में नजर नहीं आ रहा. खुद मंत्री के विभागीय अधिकारी ही इस नियम को नहीं मान रहे. Etv bharat ने जब मंत्री के परिवहन विभाग का रियलिटी चेक किया तो सच्चाई अपने आप सामने आ गई.

'No Vehicle Day' in Transport Department, नो व्हीकल डे परिवहन विभाग जयपुर
परिवहन विभाग में ही फ्लाप 'नो व्हीकल डे'

जयपुर. प्रदेश में नए साल के दूसरे माह की 3 तारीख की वर्किंग डे को 'नो व्हीकल डे' होता है. ऐसे में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आह्वान का असर कुछ खास सफल होता नहीं दिख रहा है. जब ईटीवी भारत की टीम ने परिवहन मंत्री के विभाग का रियलिटी चेक किया तो स्थिति काफी हद तक साफ हो गई. इस रियलिटी चेक में कोई अफसर फेल हुआ तो कई अफसर पास भी. लेकिन शत-प्रतिशत नो व्हीकल डे की बात करें तो अभी खुद परिवहन मंत्री को अपने परिवहन विभाग में ध्यान देना होगा.

तारीख 3 फरवरी, समय सुबह 9 बजे...

Etv bharat के संवाददाता परिवहन भवन पहुंचे, जहां उनको सबसे पहले विभाग के गैराज में सरकारी वाहन खड़े मिले. साथ ही वाहनों के ड्राइवर भी खाली बैठे नजर आए. इससे जाहिर हो रहा था कि आज अफसरों ने सरकारी वाहन ही नहीं मंगवाएं तो नो व्हीकल डे का पालन काफी हद तक हो रहा है. लेकिन हमारा ये अंदाजा रियलिटी चेक के पहले ही विजुअल में गलत साबित हुआ. जब महकमे के FA महेंद्र बुगड़ चौपहिया वाहन में विभाग कार्यालय पहुंचे. हालांकि उनका वाहन निजी था, लेकिन नो व्हीकल-डे को उन्होंने फॉलो नहीं किया.

परिवहन विभाग में ही फ्लाप 'नो व्हीकल डे'

हालांकि बाद में परिवहन महकमे का नजारा था वो थोड़ा बदला-बदला नजर आया. जब धीरे-धीरे अधिकारी और कर्मचारी कार्यालय पहुंचने लगे तो कोई पैदल दिखा तो कोई साइकिल की सवारी और ज्यादातर कर्मचारी दोपहिया वाहन से दफ्तर पहुंचे. इस दौरान पैदल दफ्तर पहुंचे एडिशनल कमिश्नर महेंद्र कुमार खींची ने कहा कि, मंत्री जी के निर्देशानुसार महीने के फर्स्ट वर्किंग डे को नो व्हीकल डे होगा. ऐसे में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के सभी अधिकारी और कर्मचारी हैं, उनको पब्लिक ट्रांसपोर्ट, पैदल या फिर साइकिल से अपने दफ्तर आना चाहिए. इससे न केवल प्रदूषण में कमी आएगी. बल्कि देश के ईंधन में बचत होगी और कर्मचारियों और अधिकारियों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा.

पढ़ें- जयपुर में करोड़ों की नशीली दवाएं जब्त, ग्रामीण इलाकों में हो रही थी सप्लाई

बता दें परिवहन महकमे के जिम्मा संभालते ही मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने माह में 1 दिन साइकिल से दफ्तर जाना शुरू किया था. उसके बाद उन्होंने परिवहन विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिया कि माह के पहले वर्किंग डे को नो व्हीकल डे के रूप में फॉलो करें. इसको लेकर परिवहन आयुक्त ने निर्देश भी जारी किए. लेकिन ये निर्देश ज्यादा सफल होते नहीं दिखा. वही मंत्री ने कहा था कि यदि परिवहन विभाग में नो व्हीकल डे सफल हुआ तो अन्य विभागों में लागू करने के लिए मुख्यमंत्री से बात करेंगे. लेकिन हकीकत तो यह है कि परिवहन मंत्री को खुद के महकमे में शत-प्रतिशत लागू करने के लिए भी जोर आ रहा है.

पढ़ें- SMS अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के सैंपल रिपोर्ट नेगेटिव

वो अधिकारी-कर्मचारी जो पैदल, साइकिल, वाहन से पहुंचे दफ्तर...

  • एफए महेंद्र बुगड़ सबसे पहले 9.03 बजे परिवहन भवन पहुंचे. लेकिन पैदल-साइकिल पर नहीं बल्कि कार से. वहीं उन्होंने सरकारी वाहन का उपयोग नहीं किया. लेकिन खुद की निजी कार से दफ्तर पहुंचे
  • एसीपी डिप्टी डायरेक्टर ओमप्रकाश प्रजापत पैदल दफ्तर पहुंचे और नो व्हीकल डे को फॉलो किया
  • ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के OHD व RTO मनालाल रावत ई-रिक्शा से परिवहन भवन पहुंचे
  • DTO नैन सिंह सोढा पैदल पहुंचे ट्रांसपोर्ट दफ्तर
  • जॉइंट कमिश्नर विनोद कुमार बैट्री ई-रिक्शा के बाद पैदल परिवहन भवन पहुंचे
  • वहीं उनके साथ ही जॉइंट कमिश्नर धर्मेंद्र चौधरी ने भी बैट्री ई-रिक्शा के बाद पैदल दफ्तर का रुख किया
  • ALR हुकमाराम चौधरी भी पैदल परिवहन भवन पहुंचे
  • परिवहन महकमे के एडिशनल कमिश्नर प्रशासन महेंद्र कुमार खींची साइकिल के जरिए दफ्तर पहुंचे
  • इसके अलावा एडिशनल कमिश्नर शतवीर यादव भी ई-रिक्शा से पहुंचे
  • वहीं एडिशनल कमिश्नर हरसाई मीणा पैदल पहुंचे और नो व्हीकल डे को शत-प्रतिशत फॉलो किया

जयपुर. प्रदेश में नए साल के दूसरे माह की 3 तारीख की वर्किंग डे को 'नो व्हीकल डे' होता है. ऐसे में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आह्वान का असर कुछ खास सफल होता नहीं दिख रहा है. जब ईटीवी भारत की टीम ने परिवहन मंत्री के विभाग का रियलिटी चेक किया तो स्थिति काफी हद तक साफ हो गई. इस रियलिटी चेक में कोई अफसर फेल हुआ तो कई अफसर पास भी. लेकिन शत-प्रतिशत नो व्हीकल डे की बात करें तो अभी खुद परिवहन मंत्री को अपने परिवहन विभाग में ध्यान देना होगा.

तारीख 3 फरवरी, समय सुबह 9 बजे...

Etv bharat के संवाददाता परिवहन भवन पहुंचे, जहां उनको सबसे पहले विभाग के गैराज में सरकारी वाहन खड़े मिले. साथ ही वाहनों के ड्राइवर भी खाली बैठे नजर आए. इससे जाहिर हो रहा था कि आज अफसरों ने सरकारी वाहन ही नहीं मंगवाएं तो नो व्हीकल डे का पालन काफी हद तक हो रहा है. लेकिन हमारा ये अंदाजा रियलिटी चेक के पहले ही विजुअल में गलत साबित हुआ. जब महकमे के FA महेंद्र बुगड़ चौपहिया वाहन में विभाग कार्यालय पहुंचे. हालांकि उनका वाहन निजी था, लेकिन नो व्हीकल-डे को उन्होंने फॉलो नहीं किया.

परिवहन विभाग में ही फ्लाप 'नो व्हीकल डे'

हालांकि बाद में परिवहन महकमे का नजारा था वो थोड़ा बदला-बदला नजर आया. जब धीरे-धीरे अधिकारी और कर्मचारी कार्यालय पहुंचने लगे तो कोई पैदल दिखा तो कोई साइकिल की सवारी और ज्यादातर कर्मचारी दोपहिया वाहन से दफ्तर पहुंचे. इस दौरान पैदल दफ्तर पहुंचे एडिशनल कमिश्नर महेंद्र कुमार खींची ने कहा कि, मंत्री जी के निर्देशानुसार महीने के फर्स्ट वर्किंग डे को नो व्हीकल डे होगा. ऐसे में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के सभी अधिकारी और कर्मचारी हैं, उनको पब्लिक ट्रांसपोर्ट, पैदल या फिर साइकिल से अपने दफ्तर आना चाहिए. इससे न केवल प्रदूषण में कमी आएगी. बल्कि देश के ईंधन में बचत होगी और कर्मचारियों और अधिकारियों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा.

पढ़ें- जयपुर में करोड़ों की नशीली दवाएं जब्त, ग्रामीण इलाकों में हो रही थी सप्लाई

बता दें परिवहन महकमे के जिम्मा संभालते ही मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने माह में 1 दिन साइकिल से दफ्तर जाना शुरू किया था. उसके बाद उन्होंने परिवहन विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिया कि माह के पहले वर्किंग डे को नो व्हीकल डे के रूप में फॉलो करें. इसको लेकर परिवहन आयुक्त ने निर्देश भी जारी किए. लेकिन ये निर्देश ज्यादा सफल होते नहीं दिखा. वही मंत्री ने कहा था कि यदि परिवहन विभाग में नो व्हीकल डे सफल हुआ तो अन्य विभागों में लागू करने के लिए मुख्यमंत्री से बात करेंगे. लेकिन हकीकत तो यह है कि परिवहन मंत्री को खुद के महकमे में शत-प्रतिशत लागू करने के लिए भी जोर आ रहा है.

पढ़ें- SMS अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के सैंपल रिपोर्ट नेगेटिव

वो अधिकारी-कर्मचारी जो पैदल, साइकिल, वाहन से पहुंचे दफ्तर...

  • एफए महेंद्र बुगड़ सबसे पहले 9.03 बजे परिवहन भवन पहुंचे. लेकिन पैदल-साइकिल पर नहीं बल्कि कार से. वहीं उन्होंने सरकारी वाहन का उपयोग नहीं किया. लेकिन खुद की निजी कार से दफ्तर पहुंचे
  • एसीपी डिप्टी डायरेक्टर ओमप्रकाश प्रजापत पैदल दफ्तर पहुंचे और नो व्हीकल डे को फॉलो किया
  • ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के OHD व RTO मनालाल रावत ई-रिक्शा से परिवहन भवन पहुंचे
  • DTO नैन सिंह सोढा पैदल पहुंचे ट्रांसपोर्ट दफ्तर
  • जॉइंट कमिश्नर विनोद कुमार बैट्री ई-रिक्शा के बाद पैदल परिवहन भवन पहुंचे
  • वहीं उनके साथ ही जॉइंट कमिश्नर धर्मेंद्र चौधरी ने भी बैट्री ई-रिक्शा के बाद पैदल दफ्तर का रुख किया
  • ALR हुकमाराम चौधरी भी पैदल परिवहन भवन पहुंचे
  • परिवहन महकमे के एडिशनल कमिश्नर प्रशासन महेंद्र कुमार खींची साइकिल के जरिए दफ्तर पहुंचे
  • इसके अलावा एडिशनल कमिश्नर शतवीर यादव भी ई-रिक्शा से पहुंचे
  • वहीं एडिशनल कमिश्नर हरसाई मीणा पैदल पहुंचे और नो व्हीकल डे को शत-प्रतिशत फॉलो किया
Intro:नोट- रियलटी चेक खबर एक्सलूसिव स्पेशल है. इसके विजुअल और बाईट अलग अलग फोल्डर से भेजे है और वीओ करने की जरूरत है.


Body:एंकर. प्रदेश में नए साल के दूसरे माह की 3 तारीख को वर्किंग डे को 'नो व्हीकल डे' होता है. ऐसे में परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के आह्वान का असर कुछ खास सफल होता नहीं दिख रहा है. जब ईटीवी भारत की टीम ने परिवहन मंत्री के खुद के विभाग का रियलिटी चेक किया तो स्थिति काफी हद तक साफ हो गई. इस रियलिटी चेक में कोई अफसर फेल हुए तो कई अफसर पास भी. लेकिन शत प्रतिशत नो व्हीकल डे की बात करें तो अभी खुद परिवहन मंत्री को अपने परिवहन विभाग में ध्यान देना होगा.

वीओ 1- तारीख 3 फरवरी, समय सुबह 9 बजे... ईटीवी भारत के संवाददाता विशाल शर्मा परिवहन भवन पहुंचे. जहां उनको सबसे पहले विभाग के गैराज में सरकारी वाहन खड़े मिले. साथ ही वाहनो के ड्राईवर भी खाली बैठे नजर आएं. इससे जाहिर हो रहा था कि आज अफसरो ने सरकारी वाहन ही नहीं मंगवाएं तो नो व्हीकल डे का पालन काफी हद तक हो रहा है. लेकिन हमारा ये अंदाजा रियलिटी चेक के पहले ही विजुअल में गलत साबित हुआ. जब महकमे के FA महेंद्र बुगड़ चौपहिया वाहन में विभाग कार्यालय पहुंचे. हालांकि उनका वाहन निजी था लेकिन नो व्हीकल डे को उन्होंने फॉलो नहीं किया.

वीओ 2- हालांकि बाद में परिवहन महकमे का नजारा था वो थोड़ा बदला बदला नजर आया. जब धीरे धीरे अधिकारी और कर्मचारी कार्यालय पहुंचने लगे तो कोई पैदल दिखा तो कोई साइकिल की सवारी और ज्यादातर कर्मचारी दुपहिया वाहन से दफ्तर पहुंचे. इस दौरान पैदल दफ्तर पहुंचे एडिशनल कमिश्नर महेंद्र कुमार खींची ने कहा कि, मंत्री जी के निर्देशानुसार महीने के फर्स्ट वर्किंग डे को नो व्हीकल डे होगा. ऐसे में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के सभी अधिकारी और कर्मचारी है उनको पब्लिक ट्रांसपोर्ट, पैदल या फिर साइकिल से अपने दफ्तर आना चाहिए. इससे न केवल प्रदूषण में कमी आएगी बल्कि देश के ईंधन में बचत होगी और कर्मचारी ल-अधिकारीयों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा.

बाइट 1- महेंद्र खींची, एडिशनल कमिश्नर, परिवहन विभाग

ग्राफिक्स...
वो अधिकारी-कर्मचारी जो पैदल, साइकिल, वाहन से पहुंचे दफ्तर...

• एफए महेंद्र बुगड़ सबसे पहले 9.03 बजे परिवहन भवन पहुंचे. लेकिन पैदल-साइकिल पर नहीं बल्कि कार से. वही उन्होंने सरकारी वाहन का उपयोग नहीं किया लेकिन खुद की निजी कार से दफ्तर पहुंचे.

• एसीपी डिप्टी डायरेक्टर ओमप्रकाश प्रजापत पैदल दफ्तर पहुंचे और नो व्हीकल डे को फॉलो किया.

• ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के OHD व RTO मनालाल रावत ई रिक्शा से परिवहन भवन पहुंचे.

• DTO नैनसिंह सोढा पैदल पहुंचे ट्रांसपोर्ट दफ्तर.

• जॉइंट कमिश्नर विनोद कुमार बैट्री ई रिक्शा के बाद पैदल परिवहन भवन पहुंचे.

• वही उनके साथ ही जॉइंट कमिश्नर धर्मेंद्र चौधरी ने भी बैट्री ई रिक्शा के बाद पैदल दफ्तर का रुख किया.

• ALR हुकमाराम चौधरी भी पैदल परिवहन भवन पहुंचे.

• परिवहन महकमे के एडिशनल कमिश्नर प्रशासन महेंद्र कुमार खींची साइकिल के जरिए दफ्तर पहुंचे.

• इसके अलावा एडिशनल कमिश्नर शतवीर यादव भी ई रिक्शा से पहुंचे

• वही एडिशनल कमिश्नर हरसाई मीणा पैदल पहुंचे और नो व्हीकल डे को शत प्रतिशत फॉलो किया

बाइट 2- हरसाई मीणा, एडिशनल कमिश्नर, परिवहन विभाग
बाइट 3- मन्नालाल रावत, RTO

फाइनल वीओ- दरअसल परिवहन महकमे के जिम्मा संभालते ही मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने माह में 1 दिन साइकिल से दफ्तर जाना शुरू किया था. जिसके बाद उन्होंने परिवहन विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिया कि माह के पहले वर्किंग डे को नो व्हीकल डे के रूप में फॉलो करें. इसको लेकर परिवहन आयुक्त ने निर्देश भी जारी किए. लेकिन ये निर्देश ज्यादा सफल होते नहीं दिखा. वही मंत्री ने कहा था कि यदि परिवहन विभाग में नो व्हीकल डे सफल हुआ तो अन्य विभागों में लागू करने के लिए मुख्यमंत्री से बात करेंगे. लेकिन हकीकत तो यह है कि परिवहन मंत्री को खुद के महकमे में शत प्रतिशत लागू करने के लिए भी जोर आ रहा है.

ईटीवी भारत के लिए जयपुर से विशाल शर्मा की रिपोर्ट




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