जयपुर. राजधानी जयपुर में सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में पहली बार स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (Stem cell transplant in SMS Hospital) शुरू हुआ है. इसके तहत बुधवार को 7 साल के ब्लड कैंसर पीड़ित बच्चे को नई जिंदगी दी गई. पीड़ित बच्चे के लिए उसकी बहन के रक्त से रक्त कोशिकाएं ली गई. एसएमएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा और ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन डिपार्टमेंट एचओडी डॉ. अमित के निर्देशन में ट्रांसप्लांट किया गया. पिछले दिनों ही ट्रॉमा सेंटर के ब्लड बैंक को ट्रांसप्लांट के लिए एनओसी मिली है.
ट्रॉमा सेंटर एसएमएस अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉक्टर अनुराग धाकड़ के मुताबिक बुधवार को ट्रॉमा सेंटर (Stem cell transplant of Cancer patient in SMS) में स्थित ब्लड बैंक में राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज और चिकित्सालयों में पहली बार रक्ताल्पता जो अप्लास्टिक एनीमिया कहलाती है, उस केस में स्टेम सेल प्रत्यारोपण हुआ है. अलवर निवासी 7 वर्षीय नक्श पुत्र भगवान सहाय एसएमएस चिकित्सालय के ऑन्कोलॉजी विभाग में भर्ती है.
धाकड़ ने बताया कि बच्चे का स्टेम सेल प्रत्यारोपण किया गया है. इस प्रत्यारोपण में मरीज की बड़ी बहन 11 वर्षीय नेहा ने अपने (SMS Hospital Trauma Center) रक्त से स्टेम सेल डोनेट किया है. इस स्टेम सेल प्रत्यारोपण से ब्लड कैंसर और थैलेसेमिया के इलाज में बड़ी मदद मिलेगी. यह प्रक्रिया बोन मैरो ट्रांसप्लांट से सरल और काफ़ी सस्ती है. निजी चिकित्सालयों में मरीज को इस ट्रांसप्लांट के लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं. ट्रॉमा सेंटर में ये सम्पूर्ण स्टेम सेल ट्रांसप्लांट मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत पूर्णतः निशुल्क किया गया है.
यह स्टेम सेल ट्रांसप्लांट एसएमएस मेडिकल कॉलेज के पैथोलोजी विभाग के हेड डॉक्टर अमित शर्मा, ट्रॉमा सेंटर ब्लड बैंक इंचार्ज डॉक्टर पचौरी के निर्देशन में उनकी टीम ने किया है. इस अवसर पर एसएमएस चिकित्सालय के अधीक्षक डॉक्टर अचल शर्मा, उपाधीक्षक डॉक्टर जगदीश मोदी, डॉक्टर अनिल दुबे, ट्रॉमा नर्सिंग अधीक्षक रामपाल बुनकर मौजूद रहे.