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सोशल मीडिया पर मिल रहा फिरोज खान को सपोर्ट, संस्कृत महाविद्यालय भी उतरा समर्थन में - Firoz Khan

बीएचयू के संस्कृत विभाग में नियुक्त मुस्लिम प्रो. फिरोज खान के खिलाफ छात्रों ने अपने प्रदर्शन को स्थगित कर दिया है. लेकिन छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर विभाग में प्रोफेसरों की नियुक्ति में गड़बड़ी पर कार्रवाई नहीं की गई तो छात्र फिर से आंदोलन करेंगे. वहीं, एक तरफ जहां बीएचयू के छात्र फिरोज खान का विरोध कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर फिरोज को समर्थन भी मिल रहा है. इसी कड़ी में अब राजकीय महाराजा आचार्य संस्कृत महाविद्यालय भी फरोज के समर्थन में खड़ा हो गया है.

सोशल मीडिया पर मिल रहा फिरोज खान को सपोर्ट, Feroz Khan is getting support on social media
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Published : Nov 24, 2019, 3:01 AM IST

Updated : Nov 24, 2019, 5:40 AM IST

जयपुर. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग के छात्रों ने मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान के खिलाफ अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया है. हालांकि, अभी भी विभाग में प्रोफेसरों की नियुक्ति में गड़बड़ी पर कार्रवाई नहीं करने की स्थिति में छात्रों ने दोबारा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है. वहीं, इस विरोध के बीच फिरोज खान को सोशल मीडिया पर भी सपोर्ट मिल रहा है और इसी कड़ी में फिरोज के समर्थन में अब राजकीय महाराजा आचार्य संस्कृत महाविद्यालय भी खड़ा हो गया है.

सोशल मीडिया पर मिल रहा फिरोज खान को सपोर्ट

संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में हाल ही में नियुक्त किए गए असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति का विवाद कुछ हद तक थमा जरूर है. लेकिन ये विवाद खत्म अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक फिरोज खान बीएचयू में संस्कृत साहित्य तो पढ़ाएंगे लेकिन कर्मकांड की कक्षा नहीं लेंगे.

पढ़ें- फिरोज खान विवाद मामला: शाहनवाज हुसैन ने कहा- पढ़ने पढ़ाने के मामले में नहीं होना चाहिए विवाद

वहीं इस विवाद के दौरान फिरोज खान को पूरे देशभर से समर्थन मिला है. खासकर सोशल मीडिया में जहां फिरोज के समर्थन में सैकड़ों पोस्ट डाले गए. किसी ने उन्हें संस्कृत का विद्वान बताते हुए सपोर्ट किया, तो किसी ने उनकी प्रतिभा की सराहना की.

सोशल मीडिया पर मिल रहा फिरोज खान को सपोर्ट

जयपुर के सरकारी संस्कृत महाविद्यालय ने भी फिरोज की नियुक्ति को सही बताया है. कॉलेज प्राचार्य प्रोफेसर भास्कर शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार और संस्कृत शिक्षा विभाग की ओर से सभी व्यक्तियों के लिए अध्ययन-अध्यापन की समुचित व्यवस्था की गई है. जिसके तहत ये विचार नहीं किया गया कि कौन किस वर्ग से आता है.

पढ़ें- मुस्लिम स्कॉलर संस्कृत का विद्वान है इसमें आपत्ति नहीं बल्कि गर्व होना चाहिए: मुख्यमंत्री गहलोत

उन्होंने बताया कि संस्कृत के प्रति रुचि रखने वालों का यहां समावेश हो रखा है. संस्कृत विभाग में पूर्व में भी सभी वर्ग के छात्र अध्ययन करते रहे हैं और वर्तमान में जयपुर स्थित संस्कृत विद्यालय में 90 फीसदी छात्र अल्पसंख्यक वर्ग से आते हैं. इनके लिए किसी तरह की बाधा नहीं है. उन्होंने फिरोज के समर्थन में कहा कि वो एक इंटेलिजेंट छात्र है और प्रतिभा के आधार पर ही उन्होंने ये स्थान हासिल किया है.

बता दें कि प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत ने भी फिरोज खान को संस्कृत विद्वान के तौर पर सम्मानित किया था और उनके समर्थन में ट्वीट भी किया. ऐसे में कहा जा सकता है कि बीएचयू में भले ही फिरोज खान का विरोध हुआ हो, लेकिन सोशल मीडिया और राजस्थान में उन्हें भारी समर्थन ही मिला है.

जयपुर. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग के छात्रों ने मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान के खिलाफ अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया है. हालांकि, अभी भी विभाग में प्रोफेसरों की नियुक्ति में गड़बड़ी पर कार्रवाई नहीं करने की स्थिति में छात्रों ने दोबारा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है. वहीं, इस विरोध के बीच फिरोज खान को सोशल मीडिया पर भी सपोर्ट मिल रहा है और इसी कड़ी में फिरोज के समर्थन में अब राजकीय महाराजा आचार्य संस्कृत महाविद्यालय भी खड़ा हो गया है.

सोशल मीडिया पर मिल रहा फिरोज खान को सपोर्ट

संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में हाल ही में नियुक्त किए गए असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति का विवाद कुछ हद तक थमा जरूर है. लेकिन ये विवाद खत्म अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक फिरोज खान बीएचयू में संस्कृत साहित्य तो पढ़ाएंगे लेकिन कर्मकांड की कक्षा नहीं लेंगे.

पढ़ें- फिरोज खान विवाद मामला: शाहनवाज हुसैन ने कहा- पढ़ने पढ़ाने के मामले में नहीं होना चाहिए विवाद

वहीं इस विवाद के दौरान फिरोज खान को पूरे देशभर से समर्थन मिला है. खासकर सोशल मीडिया में जहां फिरोज के समर्थन में सैकड़ों पोस्ट डाले गए. किसी ने उन्हें संस्कृत का विद्वान बताते हुए सपोर्ट किया, तो किसी ने उनकी प्रतिभा की सराहना की.

सोशल मीडिया पर मिल रहा फिरोज खान को सपोर्ट

जयपुर के सरकारी संस्कृत महाविद्यालय ने भी फिरोज की नियुक्ति को सही बताया है. कॉलेज प्राचार्य प्रोफेसर भास्कर शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार और संस्कृत शिक्षा विभाग की ओर से सभी व्यक्तियों के लिए अध्ययन-अध्यापन की समुचित व्यवस्था की गई है. जिसके तहत ये विचार नहीं किया गया कि कौन किस वर्ग से आता है.

पढ़ें- मुस्लिम स्कॉलर संस्कृत का विद्वान है इसमें आपत्ति नहीं बल्कि गर्व होना चाहिए: मुख्यमंत्री गहलोत

उन्होंने बताया कि संस्कृत के प्रति रुचि रखने वालों का यहां समावेश हो रखा है. संस्कृत विभाग में पूर्व में भी सभी वर्ग के छात्र अध्ययन करते रहे हैं और वर्तमान में जयपुर स्थित संस्कृत विद्यालय में 90 फीसदी छात्र अल्पसंख्यक वर्ग से आते हैं. इनके लिए किसी तरह की बाधा नहीं है. उन्होंने फिरोज के समर्थन में कहा कि वो एक इंटेलिजेंट छात्र है और प्रतिभा के आधार पर ही उन्होंने ये स्थान हासिल किया है.

बता दें कि प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत ने भी फिरोज खान को संस्कृत विद्वान के तौर पर सम्मानित किया था और उनके समर्थन में ट्वीट भी किया. ऐसे में कहा जा सकता है कि बीएचयू में भले ही फिरोज खान का विरोध हुआ हो, लेकिन सोशल मीडिया और राजस्थान में उन्हें भारी समर्थन ही मिला है.

Intro:जयपुर - बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग के छात्रों ने मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान के खिलाफ अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया है। हालांकि अभी भी विभाग में प्रोफेसरों की नियुक्ति में गड़बड़ी पर कार्रवाई नहीं करने की स्थिति में दोबारा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। वही इस विरोध के बीच फिरोज खान को सोशल मीडिया पर भी सपोर्ट मिल रहा है। तो वहीं राजकीय महाराजा आचार्य संस्कृत महाविद्यालय भी फिरोज के समर्थन में आ खड़ा हुआ है।


Body:संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में हाल ही में नियुक्त किए गए असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान का नियुक्ति का विवाद कुछ हद तक थमा जरूर है। लेकिन ये विवाद खत्म हो गया ये कहना फिलहाल जल्दबाजी होगा। हालांकि सूत्रों के मुताबिक फिरोज खान बीएचयू में संस्कृत साहित्य तो पढ़ाएंगे लेकिन कर्मकांड की कक्षा नहीं लेंगे। वहीं इस विवाद के दौरान फिरोज खान को पूरे देशभर से समर्थन मिला। खासकर सोशल मीडिया में जहां फिरोज के समर्थन में सैकड़ों पोस्ट डाले गए। किसी ने उन्हें संस्कृत का विद्वान बताते हुए सपोर्ट किया, तो किसी ने उनकी प्रतिभा की सराहना की। जयपुर के सरकारी संस्कृत महाविद्यालय ने भी फिरोज की नियुक्ति को सही बताया है। कॉलेज प्राचार्य प्रोफेसर भास्कर शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार और संस्कृत शिक्षा विभाग की ओर से सभी व्यक्तियों के लिए अध्ययन-अध्यापन की समुचित व्यवस्था की गई है। जिसके तहत ये विचार नहीं किया गया कि कौन किस वर्ग से आता है। उन्होंने बताया कि संस्कृत के प्रति रुचि रखने वालों का यहां समावेश हो रखा है। संस्कृत विभाग में पूर्व में भी सभी वर्ग के छात्र अध्ययन करते रहे हैं। और वर्तमान में जयपुर स्थित संस्कृत विद्यालय में 90 फ़ीसदी छात्र अल्पसंख्यक वर्ग से आते हैं। इनके लिए किसी तरह की बाधा नहीं है। उन्होंने फिरोज के समर्थन में कहा कि वो एक इंटेलिजेंट छात्र है, और प्रतिभा के आधार पर ही उन्होंने ये स्थान हासिल किया है।


Conclusion:आपको बताते हैं कि खुद प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत ने भी फिरोज खान को संस्कृत विद्वान के तौर पर सम्मानित किया था। और उनके समर्थन में ट्वीट भी किया। ऐसे में कहा जा सकता है कि बीएचयू में भले ही फिरोज खान का विरोध हुआ हो, लेकिन सोशल मीडिया और राजस्थान में उन्हें भारी समर्थन ही मिला है।
Last Updated : Nov 24, 2019, 5:40 AM IST
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