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इस अस्पताल में परिजनों ने पहले दी अंगदान की मंजूरी...फिर किया इनकार

सवाई मानसिंह अस्पताल में आज एक मृतक के अंगदान होने थे. बुधवार को परिजनों ने अंगदान की मंजूरी दी थी. लेकिन आज सुबह उन्होंने ऑर्गन डॉनेट करने से इनकार कर दिया. और शव लेकर चले गए.

अंगदान मुहिम को झटका
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Published : Apr 11, 2019, 7:29 PM IST

जयपुर. राजधानी के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में अंगदान को लेकर चलाई जा रही मुहिम को उस वक्त झटका लगा. जब बूंदी के मस्तराम के परिजनों ने उसके अंगदान करने से मना कर दिया. कल किडनी, लीवर और हार्ट दान करने की मंजूरी देने वाले परिवारजनों ने आज इससे इनकार कर दिया.

परिजनों ने पहले दी अंगदान की मंजूरी, फिर किया इनकार

दरअसल बुधवार को एसएमएस हॉस्पिटल में मृतक मस्तराम के परिजनों ने उसके अंगदान करने की मंजूरी अस्पताल प्रशासन को दी थी. आज सुबह अस्पताल में इसके लिए तैयारी भी कर ली गई थी. लेकिन परिजनों ने चिकित्सकों से अंगदान नहीं करने की बात कही. और शव लेकर चले गए. अस्पताल अधीक्षक डॉ. बीएस मीणा ने बताया कि परिजनों को समझाने की काफी कोशिश की गई. लेकिन परिवार वाले नहीं माने.

हालांकि माना यह भी जा रहा है कि अस्पताल प्रशासन की ओर से की गई देरी भी इसका एक बड़ा कारण है. अंगदान की स्वीकृति मिलते ही इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाती. तो मृतक के शरीर से निकाले जाने वाले अंग किसी दूसरे जरूरतमंद के काम आते. सबसे बड़ी बात यह है कि एसएमएस हॉस्पिटल में ट्रांसप्लांट के लिए चिकित्सक नहीं होने के चलते अंगदान नहीं हो सका.

जयपुर. राजधानी के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में अंगदान को लेकर चलाई जा रही मुहिम को उस वक्त झटका लगा. जब बूंदी के मस्तराम के परिजनों ने उसके अंगदान करने से मना कर दिया. कल किडनी, लीवर और हार्ट दान करने की मंजूरी देने वाले परिवारजनों ने आज इससे इनकार कर दिया.

परिजनों ने पहले दी अंगदान की मंजूरी, फिर किया इनकार

दरअसल बुधवार को एसएमएस हॉस्पिटल में मृतक मस्तराम के परिजनों ने उसके अंगदान करने की मंजूरी अस्पताल प्रशासन को दी थी. आज सुबह अस्पताल में इसके लिए तैयारी भी कर ली गई थी. लेकिन परिजनों ने चिकित्सकों से अंगदान नहीं करने की बात कही. और शव लेकर चले गए. अस्पताल अधीक्षक डॉ. बीएस मीणा ने बताया कि परिजनों को समझाने की काफी कोशिश की गई. लेकिन परिवार वाले नहीं माने.

हालांकि माना यह भी जा रहा है कि अस्पताल प्रशासन की ओर से की गई देरी भी इसका एक बड़ा कारण है. अंगदान की स्वीकृति मिलते ही इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाती. तो मृतक के शरीर से निकाले जाने वाले अंग किसी दूसरे जरूरतमंद के काम आते. सबसे बड़ी बात यह है कि एसएमएस हॉस्पिटल में ट्रांसप्लांट के लिए चिकित्सक नहीं होने के चलते अंगदान नहीं हो सका.

Intro:सवाई मानसिंह अस्पताल में आज जिस मरीज के ऑर्गन डोनेट होने थे वे महज इसलिए रोक दिए गए क्योंकि मामला मरीज के गांव तक पहुंच गया था और उनके परिजनों ने आखिर में ऑर्गन डोनेट करने से मना कर दिया


Body:सवाई मानसिंह अस्पताल में आज अंगदान को लेकर चलाई जा रही मुहिम को बड़ा झटका लगा है दरअसल अस्पताल में आज बूंदी के मस्तराम के अंग डोनेट होने थे जिसमें किडनी लीवर और हार्ट शामिल था लेकिन जब मीडिया के माध्यम से अंगदान की खबर उसके गांव बूंदी तक पहुंची तो गांव वालों ने मस्त राम के परिवार वालों पर प्रेशर बनाना शुरू कर दिया। जिन घर वालों ने कल अंगदान की स्वीकृति दे दी थी उन्होंने आज अल सुबह अस्पताल के चिकित्सकों को अंगदान नहीं करनी की बात कही और शव को लेकर चले गए। एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ बीएस मीणा ने बताया कि आज सुबह परिजनों को समझाने की काफी कोशिश की गई लेकिन परिवार वाले नहीं माने। हालांकि माना यह भी जा रहा है कि कहीं ना कहीं अस्पताल प्रशासन की ओर से भी लेटलतीफी इसका एक बड़ा कारण है क्योंकि अंगदान की स्वीकृति मिलते ही तुरंत यह प्रक्रिया शुरू हो जाती है लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि एस एम एस अस्पताल में ट्रांसप्लांट के लिए चिकित्सक नहीं होने के चलते यह अंगदान नहीं हो सका

बाईट-डॉ डीएस मीणा, अधीक्षक एसएमएस हॉस्पिटल


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